
हमारी धरती पर पत्थर हैं. धातु है. लाखों प्रजातियों के जीव-जंतु हैं. इसके अलावा अनगिनत प्राकृतिक और इंसानों द्वारा निर्मित ढांचे हैं. इमारते हैं. ब्रिज है. सड़के हैं. हर साल इनकी संख्या बढ़ रही है. ऐसे में हमारी धरती का कुल वजन कितना होता है. इसका कोई एक जवाब नहीं है.
असल में धरती का वजन उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति की ताकत पर निर्भर करता है. यानी इसका वजन लाखों करोड़ किलोग्राम होगा. अगर नासा की माने तो धरती का वजन 5.9722x1024 किलोग्राम है. इसे 13.1 सेप्टिलियन पाउंड में भी नापते हैं. धरती का वजन थोड़ा कम-ज्यादा होता रहता है.
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धरती के वजन में अंतर आने की वजह अंतरिक्ष से आने वाली धूल और वायुमंडल से बाहर निकलने वाली कई प्रकार की गैस है. लेकिन इनसे हमारे ग्रह के वजन पर अरबों सालों तक बहुत अंतर नहीं आएगा. दुनियाभर के भूवैज्ञानिक आज भी धरती के वजन को लेकर एकमत नहीं है. क्योंकि कोई भी कुल वजन का सटीक आंकड़ा नहीं दे पाया.
वैज्ञानिकों के बीच वजन को लेकर विवाद
वैज्ञानिकों के बीच वजन को लेकर दशमलव के अंक तक बहस छिड़ी रहती है. सटीक वजन निकाल ही नहीं सकते. अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी के मेट्रोलॉजिस्ट स्टीफन श्लैमिंगर कहते हैं कि इसमें आइजैक न्यूटन का लॉ ऑफ यूनिवर्सल ग्रैविटेशन लगता है.
यानी यहां मौजूद जिस भी चीज का वजन है, उसकी अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति है. इसके अलावा दो अलग-अलग वस्तुओं के बीच भी यह ताकत मौजूद होती है. इसी फॉर्मूले से दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण शक्ति निकाली जाती है. उनका वजन निकाला जाता है. यह निकालने के लिए दोनों वस्तुओं की दूरी और ग्रैविटी की गणना की जाती है.
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कैवेंडिश फॉर्मूला से निकाला जाता है वजन
इस फॉर्मूले के मुताबिक ही वैज्ञानिकों ने धरती के वजन की गणना की. लेकिन समस्या ये है कि ये वजन धरती की सतह से लिया गया है. लेकिन किसी ने भी G Number की सही वैल्यू पता नहीं की. 1797 में फिजिसिस्ट हेनरी कैवेंडिश इस काम में बड़ी उपलब्धि हासिल की. इसके अनुसार ही धरती का वजन 13.1 सेप्टिलियन पाउंड्स हैं.
आज भी कैवेंडिश फॉर्मूला पर ही धरती का वजन नापा जाता है. इसके बावजूद वैज्ञानिकों के बीच धरती के सही वजन को लेकर विवाद है. असहमति है. फिर भी जब तक सही वजन नहीं पता चलता, तब तक 5.9722x1024 किलोग्राम को ही धरती का असली वजन मानते हैं.