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जिस कैप्सूल में पहले भी आ चुकी दिक्कत, उसी में भेजा सुनीता विलियम्स को स्पेस स्टेशन... वापसी के अब ये चार ऑप्शन

NASA और बोईंग ने जानबूझकर सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विलमोर को मौत के कैप्सूल में बिठाकर स्पेस स्टेशन भेजा. इस उड़ान से पहले भी स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की दो उड़ानों में गड़बड़ी आई थी. इसके बावजूद नासा ने इस मिशन को हरी झंडी दी. अगर स्टारलाइनर ठीक नहीं होता है, तब नासा के पास सिर्फ ये चार विकल्प बचेंगे.

भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को स्टारलाइनर कैप्सूल में स्पेस स्टेशन भेजा गया है. इसकी पहली दो उड़ानों में भी दिक्कत आई थी. भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को स्टारलाइनर कैप्सूल में स्पेस स्टेशन भेजा गया है. इसकी पहली दो उड़ानों में भी दिक्कत आई थी.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2024,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

13 जून 2024 को भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को धरती पर वापस आना था. लेकिन आज 12 दिन ज्यादा हो चुके हैं, वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसी हुई हैं. उनके साथ अमेरिकी एस्ट्रोनॉट बैरी बुच विलमोर को भी लौटना था, वो भी वहीं फंसे हैं. कब वापस आएंगे धरती पर? इसे लेकर अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के पास कोई जवाब नहीं है. पहले जानते हैं दिक्कत क्या हुई? फिर बताएंगे कि ये वापस कैसे आ सकते हैं? 

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स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद सुनीता ने किया था डांस... नीचे देखिए Video

सुनीता और बैरी 5 जून 2024 को बोईंग के स्टारलाइनर कैप्सूल से स्पेस स्टेशन गए थे. समस्या इस कैप्सूल में ही है. जिसने पहली बार ये यात्रा की है. इस कैप्सूल में एक-दो नहीं बल्कि कई तरह की समस्याएं हैं. सबसे बड़ी समस्या है कैप्सूल यानी स्टारलाइनर में पांच जगह हीलियम गैस का लीक होना. हीलियम यान के प्रोपल्शन सिस्टम को प्रेशर देता है. इसके अलावा पांच बार थ्रस्टर फेल्योर हुआ है. 

दोनों के फेल होने की वजह से यान का रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम खराब हो गया है. यानी धरती पर आते समय यान का नियंत्रण सुनीता या बैरी नहीं कर पाएंगे. अगर वायुमंडल में आने से पहले ऐसा हुआ तो वो अंतरिक्ष में खो जाएंगे. अगर वायुमंडल में आने के बाद ऐसा हुआ तो वो अनियंत्रित तरीके से नीचे गिरेंगे. 

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बोईंग के स्टारलाइनर कैप्सूल की पहली दो उड़ानों में भी फ्यूल वॉल्व और सॉफ्टवेयर की दिक्कत आई थी. (फोटोः बोईंग)

पहले स्टेज में पता चल गई थी प्रॉब्लम... लेकिन

ये सारी समस्याएं नासा और बोईंग को यात्रा के पहले चरण में ही पता चल गई थी. फिर नासा और बोईंग ने अपने इंजीनियरों को इन समस्याओं को दूर करने का मौका दिया. वो इसे ठीक करने में लगे भी हैं. लेकिन तीन हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं सुनीता और बैरी को स्पेस स्टेशन पहुंचे हुए. वापस आने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. 

इससे पहले भी स्टारलाइनर में आई थी दिक्कत

स्टारलाइन स्पेसक्राफ्ट को बोईंग ने नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत बनाया है. ताकि एस्ट्रोनॉट्स को धरती की निचली कक्षा तक पहुंचा सकें. साल 2019 में स्टारलाइनर की पहली मानवरहित उड़ान हुई थी. तब भी इसमें सॉफ्टवेयर की दिक्कत आई थी. इस वजह से यह यान गलत ऑर्बिट में पहुंच गया था. दूसरी उड़ान में फ्यूल वॉल्व में गड़बड़ी आई थी. यह तीसरा मौका था जब इस यान में हीलियम लीक हुआ. थ्रस्टर्स यानी प्रोप्लशन सिस्टम में गड़बड़ी आई. यानी नासा ने जानबूझकर न जाने किस तरह की टेस्टिंग के लिए सुनीता और बैरी की जान को जोखिम में डाला. 

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स्पेस स्टेशन जाने से ठीक पहले सुनीता और बैरी. (फोटोः रॉयटर्स)

हीलियम लीक यानी यान को नहीं मिलेगी गति

मिशन शुरू होने से पहले NASA और बोईंग दोनों को ही इन दिक्कतों के बारे में पता था. इसके बावजूद मिशन को हरी झंडी दी. इसी लीकेज के कारण लॉन्चिंग को पहले टाला गया था. पहले ये मिशन 7 मई को लॉन्च होने वाला था. स्टारलाइनर प्रोग्राम मैनेजर मार्क नप्पी बताते हैं कि हीलियम सिस्टम को जिस तरह से डिजाइन किया गया था, वो वैसा परफॉर्म नहीं कर रहा है. 

स्टारलाइनर की फ्यूल कैपेसिटी 45 दिन की है. मिशन 5 जून को शुरू हुआ था. यानी 20 दिन हो चुके हैं. अब सिर्फ 25 दिन बचे हैं. अगर हीलियम लीक और रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम की गड़बड़ी का असर फ्यूल सिस्टम पर पड़ा तो ये जल्दी भी खत्म हो सकता है. यानी इन दोनों वापस लाने के लिए दूसरे विकल्प खोजने होंगे. 

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SpaceX के ड्रैगन-2 कैप्सूल के जरिए इन दोनों को वापस धरती पर लाया जा सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)

क्या है NASA की दलील? 

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NASA का दावा है कि सुनीता और बैरी स्पेस स्टेशन पर फंसे नहीं है. दोनों में इतनी काबिलियत है कि वो जब चाहें तब स्पेस स्टेशन से कैप्सूल को अनडॉक करके वापस धरती पर आ सकते हैं. उन्हें वहां इसलिए रोका गया है ताकि स्टारलाइनर के प्रोपल्शन सिस्टम डेटा की स्टडी की जा सके. ताकि वो सुरक्षित वापस आएं. नासा स्टैंडर्ड मिशन मैनेजमेंट प्रोसेस को फॉलो कर रहा है. 

अमेरिका के पास क्या है ऑप्शन? 

1. NASA अपने पुराने कॉमर्शियल पार्टनर SpaceX के ड्रैगन-2 कैप्सूल को नए रॉकेट अंतरिक्ष में भेजे. इस कैप्सूल में चार यात्री बैठ सकते हैं. यानी दो इंजीनियर इसे लेकर स्पेस स्टेशन जाएं. वहां रुककर स्टारलाइनर को ठीक करें. फिर दोनों यान में अंतरिक्षयात्री बैठकर धरती पर आएं. या फिर ड्रैगन-2 में ही बैठकर सुनीता, बैरी और धरती से गए दो इंजीनियर वापस आ जाए. 
2. अमेरिका इस मिशन को पूरा करने के लिए यानी सुनीता और बैरी को धरती पर वापस लाने के लिए रूस से मदद मांगे. ऐसे में रूस अगर हां करता है. तो वह तत्काल अपना सोयुज स्पेसक्राफ्ट स्पेस स्टेशन भेजकर सुनीता, बैरी और एक अन्य यात्री को नीचे ला सकता है. एक सोयुज कैप्सूल हमेशा स्पेस स्टेशन पर एस्केप क्राफ्ट के तौर पर तैनात रहता है. अगर इमरजेंसी हो तो इससे अंतरिक्षयात्री धरती पर वापस आ सकते हैं. 

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रूस को सोयुज एस्केप क्राफ्ट के जरिए धरती पर वापस आ सकते हैं अंतरिक्षयात्री. 


3. अमेरिका अपने सारे गिले-शिकवे दूर करके चीन से मदद मांगे. चीन अपने शेनझोउ स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजे. वहां से इन दोनों को लेकर वापस धरती पर आए. 
4. यूरोपियन स्पेस एजेंसी और इंग्लैंड अभी इस स्थिति में नहीं हैं, कि वो कोई मदद कर पाएं. अगर करते भी हैं तो उन्हें सुनीता और बैरी को वापस लाने के लिए एक महीने का समय चाहिए. क्योंकि यूक्रेन और रूस के युद्ध की वजह से यूरोपीय देशों की हालत अभी थोड़ा खस्ता है. उनका ज्यादा ध्यान उस तरफ है. 

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क्या होगा स्टारलाइनर कैप्सूल का? 

अगर स्टारलाइनर कैप्सूल की दिक्कतों को ठीक नहीं किया जाता. और दोनों अंतरिक्षयात्री इन विकल्पों में से किसी से वापस आ जाते हैं. तो स्पेस स्टेशन से कैप्सूल को अनडॉक कर दिया जाएगा. उसे अंतरिक्ष में छोड़ दिया जाए. ताकि वह कुछ साल बाद धरती पर वापस आ जाए. या फिर धरती से इंजीनियर भेजकर उसे ठीक करने का प्रयास किया जाए. 

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59 साल की सुनीता तीसरी बार अंतरिक्ष यात्रा पर

59 वर्षीय सुनीता विलियम्स इससे पहले 2006 और 2012 में स्पेस स्टेशन जा चुकी हैं. उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं. 2006 में 195 दिन और 2012 में 127 दिन स्पेस में बिताए थे. 2012 में तो उन्होंने तीन बार स्पेसवॉक भी की थी.

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