
बात कोरोना के समय की है, जब एस्टेरॉयड पर शहर बसाने की चर्चा शुरू हुई थी. लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसकी प्लानिंग पर विराम लग गया था. लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के एक रिसर्चर ने ऐसी स्पेस सिटी की कल्पना की है, जो देखने में हैरान तो करती है. साथ ही किसी Sci-Fi फिल्म की तरह दिखने वाले शहर को दर्शाती है.
पृथ्वी पर जिस तरह से इंसानों की आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से कुछ समय बाद यहां रहने की जगह नहीं बचेगी. कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए लोग दूसरे ग्रहो, एस्टेरॉयड्स पर शहर बसाएंगे. लेकिन जिस शहर की बात कर रहे हैं, वो पहिए की तरह घुमावदार है. ऐसे शहर की कल्पना से रोंगटे खड़े हो जाते हैं. कहीं आप गिर न जाएं.
यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर के पीएचडी रिसर्चर पीटर मिक्लाविक ने एस्टेरॉयड पर बसने वाले शहर का डिजाइन बनाया है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत सिर्फ इसलिए की गई थी कि फिजिसिस्ट और इंजीनियर्स अपने दिमाग को दौड़ाएं. ताकि हम किसी नजदीकी एस्टेरॉयड पर के अंदर शहर बनाने की कल्पना को पूरा कर सकें. ये बेहद क्रेजी आइडिया है. लेकिन भविष्य के लिए ये आइडिया काम आ सकता है.
पीटर ने बताया कि हम जिस शहर की बात कर रहे हैं, वो करीब 57 वर्ग किलोमीटर का होगा. इसे हम किसी भी स्पेस रॉक यानी एस्टेरॉयड पर बना सकते हैं. लेकिन वह एस्टेरॉयड कम से 1000 फीट लंबा और चौड़ा हो. उसके अंदर गोलाकार छेद करके, शहर बसा सकते हैं. गुरुत्वाकर्षण की वजह से शहर की इमारतें एकदूसरे के ऊपर गिरेंगी नहीं. हम हर जगह से साइंस के ऐसे आइडिया को जमा कर रहे हैं, जो भविष्य में इंसानों को अंतरिक्ष में बसाने में मदद करेंगी.
मान लीजिए भविष्य में अगर इस तरह के शहर बसने लगे, तो हमारे सौर मंडल का एक तरह से विस्तार होगा. हम धरती के अलावा दूसरे ग्रहों और एस्टेरॉयड्स पर जाकर बस सकेंगे. सिर्फ अरब-खरबपति लोग ही नहीं, बल्कि सामान्य लोग भी आ-जा सकेंगे. फिलहाल अंतरिक्ष यात्रा महंगी है लेकिन भविष्य में नहीं रहेगी. हम एस्टेरॉयड से ही शहर को बसाने के लिए मटेरियल लेंगे. वहीं पर शहर बनाएंगे. इस काम सैकड़ों साल नहीं पर कुछ दशक लग सकते हैं.
इस शहर का आइडिया O'Neill Cylinder के कॉन्सेप्ट से लिया गया है. गेरार्ड ओनील 1972 में नासा के फिजिसिस्ट थे. उन्होंने दो सिलिंडर को जोड़कर एक उनके बीच एक शहर बसाने की प्लान बनाया था. ये सिलेंडर्स एकदूसरे के विपरीत घूमते थे. इसलिए शहर संतुलित होकर खड़ा रहता.