
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पास एक ऐसा बम है जो कम दूरी का बेहद घातक हथियार है. यह जब दुश्मन के इलाके में गिरता है तो तबाही मचा देता है. इसे भारतीय वायुसेना अपने पांच फाइटर जेट्स में लगा सकती है. इसे भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने बनाया है. यह बम एक खास तरह के प्रेसिशन गाइडेड बम है. इसका नाम है HSLD है. यानी हाई स्पीड लो ड्रैग बम (High Speed Low Drag Bomb). यह नई पीढ़ी का आधुनिक एयर ड्रॉप्ड प्रेसिशन गाइडेड हथियार है.
अब तक ऐसे 5000 बम बनाए जा चुके हैं. इसका मुख्य मकसद है कि दुश्मन के कीमती और रणनीतिक ठिकानों पर फाइटर जेट से बम गिराकर तेजी से निकल जाना. बम इतना ताकतवर है कि बड़ी से बड़ी इमारत को ध्वस्त कर सकता है. इस बम के चार वैरिएंट मौजूद हैं. 100 किलोग्राम का. 250 किलोग्राम का. 450 किलोग्राम और 500 किलोग्राम का.
HSLD बम की लंबाई 1.90 मीटर होती है. इसमें 110 से लेकर 170 किलोग्राम तक के हथियार यानी वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. इसकी रेंज अलग-अलग ऊंचाई के हिसाब से सेट की जा सकती है. जैसे 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर यह 30 किलोमीटर तक जाता है. 4 किलोमीटर की ऊंचाई पर 21 किलोमीटर और 2 किलोमीटर की ऊंचाई पर 13.5 किलोमीटर की रेंज तक. इस बम को अधिकतम 10 किलोमीटर की ऊंचाई से ले जाकर छोड़ा जा सकता है.
इस बम की खासियत ये है कि टारगेट लॉक करो उसके बाद दाग दो. टारगेट के पीछे जाकर हमला करता है. इसमें बीच रास्ते में अपनी दिशा और गति बदलने की काबिलियत थी. क्योंकि इसमें फाइबर ऑप्टिक गाइरो इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस नाविक सैटेलाइट गाइडेंस लगा है. इसमें सेमी एक्टिव लेज़र होमिंग टर्मिनल है. यानी इसे लेज़र गाइडेड भी बनाया जा सकता है. इस बम को मिराज 2000, मिकोयान मिग-29, जगुआर, सुखोई 30 एमकेआई और तेजस फाइटर जेट में लगाया जा सकता है.
इसके दो वैरिएंट्स है कुल मिलाकर. पहले जनरल परपज़ बम जिसमें 100, 250, 450 और 500 किलोग्राम वजन के बम होते हैं. दूसरा वैरिएंट है प्रेसिशन गाइडेड बम यानी 450 किलोग्राम और 500 किलोग्राम का बम.