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हबल टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में दो आकाशगंगाओं के बीच खोजा 'रामसेतु', तारों से बना है ये पुल 

हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) अंतरिक्ष की शानदार तस्वीरें लेता है और हमें अंतरिक्ष के बारे में गहराई से जानने मिलता है. हाल ही में इस टेलीस्कोप ने ऐसी तस्वीर खींची है, जिसमें एक पुल दो आकाशगंगाओं को जोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. ये पुल 'रामसेतु' की तरह लगता है जो भारत और श्रीलंका को जोड़ता है.

आकाशगंगाओं को जोड़ता पुल साफ देखा जा सकता है (Photo: NASA-ESA) आकाशगंगाओं को जोड़ता पुल साफ देखा जा सकता है (Photo: NASA-ESA)
aajtak.in
  • वाशिंगटन,
  • 09 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) अंतरिक्ष के अनदेखे नजारे, तस्वीरों के जरिए हम तक पहुंचा है. हाल ही में इस टेलिस्कोप ने गैलेक्टिक सिस्टम Arp 248 (galactic system Arp 248) की एक बेहद अनोखी तस्वीर ली है. गैलेक्टिक सिस्टम Arp 248 को वाइल्ड्स ट्रिपलेट (Wild’s Triplet) भी कहा जाता है. ये आपस में जुड़ी हुई तीन आकाशगंगाएं हैं, जिनमें से दो के बीच तारों का एक चमकदार पुल है जो इन्हें आपस में जोड़ता है. यह पुल इनके बीच चल रही विलय प्रक्रिया का संकेत है.

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इस तस्वीर को हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने जारी किया है, इसकी खासियत इसका टाइडल ब्रिज (Tidal bridge) है. इसमें एक विशेषता का एक शानदार उदाहरण है जिसे खगोलविद एक ज्वारीय पुल कहते हैं. जैसे-जैसे आकाशगंगाएं एक-दूसरे के करीब आती हैं, गुरुत्वाकर्षण की वजह से उनमें जुड़ाव बनने लगता है. ऐसे में संभव है कि आकाशगंगाएं एक दूसरे से टकराने लगें (जैसे, कार्टव्हील आकाशगंगा) लेकिन अक्सर, ये विलय बहुत ही धीमी गति के साथ शुरू होता है. 

इसे कहते हैं वाइल्ड ट्रिप्लेट  (Photo: NASA-ESA)

ये आकाशगंगाएं एक दिन एक हो जाती हैं. लेकिन इस दौरान वे एक-दूसरे को बिखरा सकती हैं. जैसे कि इस तिकड़ी का तीसरा सदस्य जो बीच में है. ये आकाशगंगाएं करीब 20 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित हैं. इसे समझने के लिए हमें अपनी आकाशगंगा का उदाहरण लेना होगा. हमारी आकाशगंगा छोटी आकाशगंगाओं से घिरी हुई है. इनमें से कुछ को तो पहले ही हमारी आकाशगंगा ने निगल लिया है जैसे कि गैया-एन्सेलाडस-सॉसेज गैलेक्सी (Gaia-Enceladus-Sausage galaxy) और बाकी धीरे-धीरे इसमें विलय हो रही हैं. 

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इनमें दो मैगेलैनिक बादल (Magellanic Clouds) हैं, एक बड़ा और एक छोटा. ये दोनों बौनी आकाशगंगाएं (dwarf galaxies) जब आकाशगंगा के चारों ओर घूमती हैं, तो लगता है वे हमारी आकाशगंगा से बातचीत कर रही हैं. इन आकाशगंगाओं को दक्षिणी गोलार्ध (Southern hemisphere) में हम अपनी आंखों से देख सकते हैं. गैस का एक रिबन मिल्की वे को उनसे जोड़ता है, जिसे मैगेलैनिक स्ट्रीम (Magellanic stream) कहा जाता है. इन दो मैगेलैनिक बादलों के बीच, कुछ तारों, बहुत सारी गैस और एक कमजोर मैग्नेटिक फील्ड से बना एक पुल है, जो Arp 248 जितना शानदार तो नहीं है, लेकिन फिर भी यह एक संकेत है कि विलय शुरू हो गया है.

 

इस तिकड़ी को वाइल्ड्स ट्रिपलेट नाम, ब्रिटिश में जन्मे और ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले खगोलशास्त्री पॉल वाइल्ड (Paul Wild ) के नाम पर दिया गया है, जिन्होंने 1950 के दशक में इस परस्पर क्रिया करने वाली तिकड़ी का अध्ययन किया था. Arp 248 के बारे में अटलस ऑफ पिक्यूलियर गैलेक्सी में बताया गया है. इसमें असामान्य आकृतियों वाली आकाशगंगाओं की पूरी लिस्ट है, जिसे 1966 में अमेरिकी खगोलशास्त्री हैल्टन अर्प (Halton Arp) ने बनाया था. इस लिस्ट में एंटीना गैलेक्सी, व्हर्लपूल गैलेक्सी और माइस गैलेक्सीज़ शामिल हैं. हबल टेलिस्कोप इन सभी गैल्केसी की स्टडी कर रहा है. 

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