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इंसान फिर से हाथ-पैर उगाने की क्षमता से बस एक कदम दूर... स्टडी में हुआ हैरतअंगेज खुलासा

वो दिन दूर नहीं है जब इंसान अपने कटे-हाथ पैर फिर से उगा लेगा. सिर्फ एक कदम दूर है. ऐसे कई जीव हैं जो दोबारा से अपने अंगों को पैदा कर लेते हैं. वो अंग काम भी करते हैं. एक नई स्टडी में यह हैरतअंगेज खुलासा हुआ है. आइए जानते हैं कि क्या कहती है स्टडी...

चीन के वैज्ञानिकों ने चूहे के सिर पर उगाई सींग. इंसानों के हाथ-पैर उगेंगे. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी) चीन के वैज्ञानिकों ने चूहे के सिर पर उगाई सींग. इंसानों के हाथ-पैर उगेंगे. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
aajtak.in
  • बीजिंग,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

हिरण अपने टूटे सींग फिर से उगा लेता है. छिपकली अपनी पूंछ. तो क्या इंसान अपने कटे हाथ-पैरों को फिर से उगा सकता है. फिलहाल नहीं लेकिन इस काम में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे. इंसान ये काबिलियत हासिल करने से सिर्फ एक कदम दूर है. 

हाथ पैर उगाने वाली कोशिका को इंसानों के शरीर में डालने का प्रयास करना है. इस कोशिका का नाम है ब्लास्टेमा सेल्स (Blastema Cells). हिरण के शरीर में ये पाया जाता है. हिरण की सींग टूटती है तो वो फिर से उगने लगती है. हर एक इंच की दर से. अब वैज्ञानिक उसी ब्लास्टेमा सेल्स को इंसानों के फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं. 

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चीन के जियान में स्थित नॉर्थवेस्टर्न पॉलीटेक्निकल यूनिवर्सिटी वैज्ञानिकों ने ऐसा प्रयोग किया है. यह स्टडी Science जर्नल में प्रकाशित हुई है. हैरान करने वाली बात ये है कि हिरण के शरीर में मिलने वाली ब्लास्टेमा प्रोजेनिटर सेल्स को वैज्ञानिकों ने चूहे के सिर में डाला. उसके 45 दिन बाद चूहे के सिर पर सींग जैसी आकृति निकल आई. 

दोबारा विकसित हो सकती हैं हड्डियां और कार्टिलेज

स्टडी के कहा गया है कि हिरण की सींगों का अगर आप साल भर अध्ययन करें तो पता चलता है कि कैसे वो टूटते और फिर उगते हैं. यह एक शानदार मॉडल है, जिससे हम इंसानों के अंगों को फिर से विकसित करने का प्रयास कर सकते हैं. एक चीज की संभावना है कि इंसानों के शरीर में ब्लास्टेमा सेल्स हड्डियों और कार्टिलेज को दोबारा विकसित कर सकती हैं. 

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हिरणों के सींग गिरते ही एक्टिव हो जाती हैं ब्लास्टेमा सेल्स

स्टडी में पता चला कि हिरणों के शरीर में स्टेम सेल्स के अंदर ब्लास्टेमा सेल्स पाई जाती हैं. ये कभी हिरणों के शरीर का साथ नहीं छोड़तीं. जैसे ही उसके सींग गिरना शुरू होते हैं, ब्लास्टेमा सेल्स एक्टिव हो जाती है. पूरी तरह से सींग के गिरते ही नई सींग को पैदा करने का काम शुरू हो जाता है. 

स्तनधारी जीवों में होती हैं ये कोशिकाएं लेकिन एक्टिव सिर्फ हिरणों में

कई स्तनधारी जीवों में सेल्फ-रीन्यूवल वाली कोशिकाएं होती हैं, लेकिन सिर्फ हिरण ही इकलौता जीव है, जो इनका इस्तेमाल करता है. क्योंकि हर साल हिरण की सींग एक बार फिर से उगती है. चूहों में भी इसी तरह की कोशिकाएं होती हैं. लेकिन गैर-स्तनधारी जीवों में ये नहीं पाई जाती हैं. 

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