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इंसानी हड्डियों से बने पेंडेंट पहनते थे पाषाण युग के लोग, कब्रों से मिले सबूत

जानवरों के दांतो से बने आभूषणों के बारे में तो हम जानते ही हैं, लेकिन प्राचीन काल के लोग इंसानों की हड्डियों से बने पेंडेट पहना करते थे. हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है जिससे इस बात का पता चला है.

पाषाण युग की कब्रों में मिले मानव हड्डियों से बने पेंडेंट (Photo: Tom Bjorklund) पाषाण युग की कब्रों में मिले मानव हड्डियों से बने पेंडेंट (Photo: Tom Bjorklund)
aajtak.in
  • मॉस्को,
  • 10 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST
  • 1930 के दशक में कब्रों से मिले थे पेंडेंट
  • शोध से पता चला कि ये इंसानी हड्डी से बने थे

पाषाण युग (Stone age) में रहने वाले लोगों के बारे में ये बात आपको हैरान कर सकती है. इस युग के लोग श्रंगार के लिए जिन सामानों का इस्तेमाल करते थे, वे जानवरों के दांत ही नहीं बल्कि, इंसानी हड्डियों से भी बने होते थे. प्राचीन कब्रों से हड्डियों से बने पेंडेंट मिले थे. हाल ही में इनपर एक शोध किया गया, जिससे पता चला है कि ये हड्डियां जानवारों की ही नहीं,  इंसानों की भी थीं.

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जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस (Journal of Archaeological Science) में प्रकाशित शोध के मुताबिक, 1930 के दशक में, ओनेगा झील (Lake Onega) पर युज़नी ओलेनी ओस्ट्रोव (Yuzhniy Oleniy Ostrov) आईलैंड पर हड्डियों से बनी चीजें खोजी गई थीं. लेकिन शोधकर्ता ये पता नहीं लगा पा रहे थे कि जिन हड्डियों से ये सामान बनाया गया था वे किस प्रजाति की थीं.

37 में से 12 पेंडेंट इंसानी हड्डियों से बने थे

सैंपल के अंदर के प्रोटीन की पहचान करने के लिए, मास स्पेक्ट्रोमेट्री (Mass spectrometry) का इस्तेमाल करके, शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि 37 में से 12 पेंडेंट, असल में मानव अवशेषों से बने थे. बाकी के पेंडेंट दूसरे जानवरों जैसे एल्क और हिरण की हड्डियों से बनाए गए थे. 

लंबी हड्डियों के टुकड़ों से बनाए गए थे पेंडेट (Photo: Tom Björklund)

युज़्नी ओलेनी ओस्ट्रोव को उत्तरी यूरोप का मध्य पाषाण युग का सबसे बड़ा कब्रिस्तान माना जाता है, जो करीब 6200 ईसा पूर्व का है. इस साइट पर पाषाण युग की कुल 177 कब्रें खोदी गई थीं, जिनमें से तीन कब्रें ऐसी थीं जहां से मिले 12 पेंडेंट मानव हड्डियों से बने थे.

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इन हड्डियों पर कलाकारी नहीं की गई है

श्रंगार की ये चीजें अलग-अलग तरह की लंबी हड्डियों के टुकड़ों से बनाई जाती थीं. आमतौर पर उनमें एक या दो खांचे काटे जाते थे. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह दिलचस्प है कि जो लोग जानवरों की हड्डियों से इतनी शानदार मूर्तियां और हथियार तराशते थे, उन्होंने इंसानों की हड्डियों पर बिना कलाकारी किए, बेहद साधारण कलाकृतियां बनाईं.

शोध से यह भी पता चला है कि मानव पेंडेंट भी उसी तरह से बनाए गए थे जिस तरह के पेंडेंट जानवरों के दांतों से बने थे. शोधकर्ताओं का कहना है कि मानव हड्डी से बने पेंडेंट का इस्तेमाल भी उसी तरह किया जाता था, जैसा जानवरों के दांत के पेंडेंट का किया जाता था. जैसे, इन्हें अलग-अलग आभूषणों, झुनझुनों, हेड गियर और कपड़ों के साथ जोड़कर पहना जाता था. 

 

शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि टूल या गहने बनाने के लिए इंसानी हड्डियों का इस्तेमाल को पहले नरभक्षण से जोड़ा गया है, हालांकि इस कब्रिस्तान से पाई गई कलाकृतियों में से ऐसे कोई संकेत नहीं मिलते. 

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