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अमेरिका के यलोस्टोन नेशनल पार्क (Yellowstone National Park) के बिस्किट बेसिन में एक गाइजर विस्फोट (Geyser Explosion) हुआ. यानी गर्म पानी के चश्मे या फव्वारे का धमाका. साइंस की भाषा में इसे हाइड्रोथर्मल विस्फोट (Hydrothermal Explosion) कहते हैं. इसका Video भी वायरल हो रहा है.
जब यह विस्फोट हुआ, उस समय कुछ पर्यटक इस स्थान पर घूमने गए थे. वो इस गाइजर का वीडियो बना रहे थे. तभी ब्लैक डायमंड पूल (Black Diamond Pool) के पास अचानक से गर्म पानी के फव्वारे में भयानक विस्फोट हुआ. पर्यटक तेजी से जान बचाकर भागे. हालांकि किसी को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
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यहां नीचे देखिए इसका Video
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने तत्काल बिस्किट बेसिन को बंद करवा दिया. बोर्डवार्किंग यानी पार्क में लकड़ियों के बने रास्ते और पार्किंग को बंद कर दिया गया. इस समय USGS के वैज्ञानिक यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि अचानक हुए विस्फोट के पीछे की वजह क्या है?
यलोस्टोन नेशनल पार्क है बड़ी तबाही का द्वार
वैज्ञानिक यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं यलोस्टोन नेशनल पार्क के नीचे कोई बड़ी तबाही जन्म तो नहीं ले रही है. क्योंकि यह इलाका एक बहुत बड़े ज्वालामुखी विस्फोट के इंतजार में है. इसे लेकर कई स्टडीज हो चुकी हैं. यहां पर अक्सर छोटे-मोटे ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं. क्या इस बार बड़ी आपदा आएगी?
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क्या होता है हाइड्रोथर्मल विस्फोट?
USGS की पूर्व वैज्ञानिक लीसा मॉर्गन ने बताया कि हाइड्रोथर्मल विस्फोट तब होता है, जब ज्वालामुखी की वजह से पानी उबलता रहे. एक बेहद तंग जगह पर भाप जमा होता जाए. अंत में जब भाप का प्रेशर बहुत ज्यादा हो जाता है, तब गर्म पानी का विस्फोट होता है. इसमें गर्म कीचड़, सल्फर से भरा जलता हुआ पानी और भाप निकलता है. ये विस्फोट बेहद महत्वपूर्ण हैं. जबकि इनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है.
लीसा ने बताया कि अगर इसी तरह से विस्फोट बढ़ते हैं तो यहां पर बड़े क्रेटर और गड्ढे बन सकते हैं. यलोस्टोन वॉल्कैनो ऑब्जरवेटरी के साइंटिस्ट माइकल पोलैंड ने बताया कि इस तरह की घटनाओं का बड़ा जमावड़ा है यलोस्टोन नेशनल पार्क में. इस पार्क के उत्तर-पूर्व में तीन बड़े हाइड्रोथर्मल विस्फोट से बने क्रेटर हैं.
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मैरी बे क्रेटर तो 13 हजार साल पुराना है. यह करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा गड्ढा है. टरबिड लेक भी इतने बड़े इलाके में फैला है. यह करीब 9400 साल पुराना है. तीसरा इलियट क्रेटर करीब 8000 साल पहले बना था. इन तीनों के बनने के समय भी ऐसे ही विस्फोट हुए थे. इसलिए इन विस्फोटों को हल्के में नहीं ले सकते.
क्या हाइड्रोथर्मल विस्फोट से नुकसान होता है?
ज्वालामुखी विस्फोट या भूकंप की तुलना में गर्मी पानी के फव्वारों के ऐसे विस्फोट को दुनिया थोड़ा हल्के में लेती है. क्योंकि हाइड्रोथर्मल विस्फोट हल्के, छोटे और अक्सर न दिखने वाले होते हैं. जैसे 15 अप्रैल 2024 को यलोस्टोन नेशनल पार्क में नॉरिग गाइजर बेसिन में हाइड्रोथर्मल विस्फोट हुआ था. जिसकी वजह से कई फीट चौड़ा क्रेटर बन गया था. लेकिन ये विस्फोट किसी ने नहीं देखा.
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अभी तक हाइड्रोथर्मल विस्फोट की वजह से किसी के मरने, जलने या जख्मी होने की खबर तो नहीं आई है. लेकिन इसमें निकलने वाली मिट्टी, पत्थर या उबलता हुआ पानी आसपास मौजूद जीवों या इंसानों को नुकसान पहुंचा सकता है. 2018 में यहीं पर ओल्ड फेथफुल के पास मौजूद ईयर स्प्रिंग में विस्फोट हुआ. वहां से 1930 की हैम्स बीयर की केन निकली. जूतों की हील निकली. इसके अलावा दर्जनों सिक्के निकले.
1989 में पोर्कचोप गाइजर से पहले 30 फीट ऊंचा फव्वारा निकल रहा था, जो अचानक विस्फोट कर गया. पानी 100 फीट ऊपर तक गया. इसकी वजह से 30 फीट गहरा गड्ढा बन गया. यहां करीब 8 लोग मौजूद थे. लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. 17 मई 2009 को बिस्किट बेसिन में विस्फोट हुआ था.