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PALM-400: पाक-चीन कापेंगे भारत के इस आत्मघाती हथियार से, घर में घुसकर मचाएगा तबाही

सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए जवानों को भेजने की जरुरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि भारतीय सेना तेजी से ऐसे ड्रोन्स और हथियारों की टेस्टिंग कर रही हैं, जो आत्मघाती हैं. ऐसे ही एक हथियार का परीक्षण सेना ने हाल ही में सिक्किम में किया है. ये चीन सीमा के पास का इलाका है. चीन की नापाक हरकतों पर इससे लगाम लगेगी.

इसी तरह से हमला करता है PALM-400 आत्मघाती हथियार. (प्रतीकात्मक फोटोः ट्विटर/न्यूजआईएडीएन) इसी तरह से हमला करता है PALM-400 आत्मघाती हथियार. (प्रतीकात्मक फोटोः ट्विटर/न्यूजआईएडीएन)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

भारतीय सेना (Indian Army) ने हाल ही में सिक्किम में अपने नए प्रेसिशन अटैक लॉयटरिंग म्यूनिशन यानी PALM-400 हथियार का सफल परीक्षण किया. यह एक लंबी दूरी का आत्मघाती ड्रोन है, जिसे दुश्मन के इलाके में दूरे से ही भेजकर तबाही मचाई जा सकती है. एक तरह का रिमोटली पायलेटेड व्हीकल (RPV) है. 

साल भर से ज्यादा समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) या फिर 44 दिन चले अजरबैजान और आर्मेनिया की जंग हो. दोनों ही जगहों पर इन आत्मघाती हथियारों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हुआ है. ये दूर से ही हमला करने में सक्षम होते हैं. इन्हें चलाने के लिए रिमोट का सहारा लेना होता है. ये हथियार दुश्मन के कैंप, बंकर, टैंक आदि को आसानी से उड़ा सकते हैं. या फिर सैन्य टुकड़ी को तितर-बितर कर सकते हैं. 

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PALM-400 को कैनिस्टर से दागा जाता है. यह 4000 फीट की ऊंचाई और 120 मिनट तक उड़ान भर सकता है. 

भारतीय सेना जिस PALM-400 हथियार का परीक्षण किया है, वो इजरालय के Hero-400 जैसा ही है. बस ये भारत में बना है. इसके परीक्षण के दौरान इसमें थर्मोबेरिक वॉरहेड लगाया गया था. यानी ऐसा हथियार जो विस्फोट के बाद तेज आग और गर्मी पैदा करता है. जिससे सख्त से सख्त चीज पिघल जाती है. इसे कैनिस्टर से लॉन्च किया जाता है. 

PALM-400 बेहद सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना लगाता है. उड़ान के समय इसमें से बेहद कम आवाज आती है. यह एक तरह का सुसाइड ड्रोन (Suicide Drone) है. हालांकि इसे सेना की भाषा में लॉयटरिंग म्यूनिशंस (Loitering Munitions) कहते हैं. 

पाम-400 लॉयटरिंग म्यूनिशन के आगे कैमरा लगा होता है. इसके अलावा थर्मल सेंसर लगा होता है. कैमरे से दुश्मन को देखना आसान होता है. इससे सटीक हमला किया जा सकता है. वह बिना दुश्मन को पता चले. यह दुश्मन टारगेट का खोजकर , उसकी ट्रैकिंग करके उस पर हमला करता है. थर्मल सेंसर से टारगेट को पकड़ना आसान हो जाता है. टारगेट स्थिर हो या चलता-फिरता हो. ये उसे मार गिराएगा. 

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पाम-400 का वजन 50 किलोग्राम होता है. इसमें 10 किलोग्राम का वॉरहेड लगाया जा सकता है. इसकी रेंज 120 किलोमीटर है. यह दो घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है. इसमें एक इलेक्ट्रिकल इंजन लगा होता है, जो इसे गति प्रदान करता है. सेना में इसके शामिल होने से पाकिस्तान सीमा हो या फिर चीन की तरफ का LAC, दोनों ही मोर्चों पर  भारतीय सेना ताकतवर होकर खड़ी रहेगी. जरुरत पड़ने पर इन हथियारों से मुंहतोड़ जवाब दे सकती है. 

पाम-400 ने परीक्षण के दौरान 1500 फीट की ऊंचाई हासिल की और उसने 8 किलोमीटर दूर टारगेट पर हमला किया. यह अधिकतम 4000 फीट तक उड़ सकता है. इसकी अधिकतम गति 260 किलोमीटर प्रतिघंटा है. लेकिन इसे आमतौर पर 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ाया जाएगा. 

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