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भारतीय सेना को मिलेगा Jetpack Suit, मोर्चे पर उड़ते नजर आएंगे जवान

भारतीय सेना (Indian Army) फ्रास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट के तहत 48 जेटपैक सूट खरीदना चाहती है. शर्त ये है कि जेटपैक का वजन 40 किलो से कम होना चाहिए. 80 किलो वजन लेकर 8 मिनट उड़ सके. यह जेटपैक 60 फीसदी स्वदेशी हो. आइए जानते हैं कि जेटपैक सूट लाने से भारतीय जवानों को किस तरह का फायदा हो सकता है.

ये है जेटपैक सूट जिसे पहनकर भविष्य में सीमाओं पर उड़ते नजर जाएंगे भारतीय सेना के जवान. (फोटोः गेटी) ये है जेटपैक सूट जिसे पहनकर भविष्य में सीमाओं पर उड़ते नजर जाएंगे भारतीय सेना के जवान. (फोटोः गेटी)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:55 PM IST

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान जल्द ही जेटपैक सूट (Jetpack Suit) पहनकर उड़ते नजर आएंगे. जेटपैक सूट पहनकर जवान जेट विमान जैसे हवा में उड़ने लगेंगे. इसके कई तरह के फायदे हो सकते हैं. पहले यह जानते हैं कि भारतीय सेना ने जेटपैक सूट को लेकर क्या निर्देश दिए हैं. इंडियन आर्मी ने कहा है कि वो फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट के तहत 48 जेटपैक सूट खरीदना चाहती है. 

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शर्त ये है कि जेटपैक का वजन 40 किलोग्राम से कम होना चाहिए. लेकिन यह अपने वजन से दोगुना यानी 80 किलोग्राम वजन के इंसान को लेकर उड़ सके. कम से कम आठ मिनट तो उड़ान भर ही सके. साथ ही जेटपैक बनाने वाली कंपनी को यह ख्याल रखना होगा कि यह 60 फीसदी स्वदेशी हो. कहा जाता है कि बाजार में इस सूट की कीमत 3 से 4 करोड़ है. लेकिन सेना ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वो कितनी कीमत में यह जेटपैक सूट खरीदेगी. 

यह सूट गैस या तरल ईंधन से चलता है. इसमें बेसिकली टरबाइन इंजन लगा होता है. हाथों में ही कंट्रोल होता है इसका. इसे पहनकर जवान 10 से 15 मीटर की ऊंचाई तक हवा में उड़ सकते हैं. जेटपैक सूट के जरिए सीमाओं की निगरानी, पहाड़ों और जंगलों में सर्विलांस आसान हो जाएगा. इसे पहनकर जवान सिर्फ उड़ सकते हैं. क्योंकि इसे दोनों हाथों से कंट्रोल करना होता है. इससे उड़ते समय आप किसी तरह से हमला नहीं कर सकते. हालांकि भविष्य में इसमें बदलाव करके हमला करने लायक व्यवस्था भी की जा सकती है. 

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50 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ेगा सूट

भारतीय सेना को जिस तरह का जेटपैक सूट की मांग की है, उसकी गति 50 किलोमीटर प्रतिघंटा रखने को कहा है. यह सूट किसी भी मौसम में काम करेगा.  भारतीय सेना इसे किसी स्वदेशी कंपनी से ही खरीदना चाहती है. इस सूट में पांच गैस टर्बाइन जेट इंजन लगे होते हैं जो लगभग 1000 हॉर्सपावर की एनर्जी पैदा करते हैं. यह सूट जेट फ्यूल, डीजल या केरोसिन से भी चल सकता है. इसे उड़ाने वाला जवान हाथों के मूवमेंट से जेटपैक का डायरेक्शन बदल सकता है.  

अमेरिकी सेना भी कर रही है इस जेटपैक का इस्तेमाल

अमेरिकी सेना और नौसेना के जवानों को भी जेटपैक सूट की ट्रेनिंग दी जा रही है. वो भी इसका इस्तेमाल करना सीख रहे हैं. अमेरिकी नौसेना इसे खासतौर से रेस्क्यू और निगरानी मिशनों के लिए इस्तेमाल करना चाहती है. साथ ही नदी पार करने, घाटियों को पार करने, ऊंचाई वाली जगह पर लैंडिंग, पहाड़ों पर सुरक्षित पहुंचना या फिर बारूदी सुरंगों के ऊपर से निकलने के लिए जेटपैक सूट बेहतरीन यंत्र है. 

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