Advertisement

भारत की अटैक सबमरीन INS Vaghsheer का समुद्री ट्रायल शुरू, अगले साल नौसेना को मिलेगी

भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गई हमलावर पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर (INS Vaghsheer) का 18 मई 2023 को समुद्री परीक्षण शुरू हो गया है. अगले साल के शुरुआत में इसे पूरी तरह से नौसेना को सौंप दिया जाएगा. इस दौरान यह कई तरह के परीक्षणों से गुजरेगी. हर तरह की जांच के बाद ही इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा.

ये है भारतीय नौसेना के लिए बनाई गई कलवारी क्लास अटैक सबमरीन आईएनएस वाघशीर. ये है भारतीय नौसेना के लिए बनाई गई कलवारी क्लास अटैक सबमरीन आईएनएस वाघशीर.
मंजीत नेगी/ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

भारतीय नौसेना की कलावरी क्लास प्रोजेक्ट-75, यार्ड 11880 की छठी पनडुब्बी ने 18 मई 2023 को अपना समुद्री परीक्षण शुरू किया. पनडुब्बी को 20 अप्रैल 2022 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से समुद्र में उतारा गया था. वाघशीर पनडुब्बी को परीक्षणों के पूरा होने के बाद वर्ष 2024 की शुरुआत में भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा.

Advertisement

एमडीएल ने 24 महीनों में प्रोजेक्ट-75 की तीन पनडुब्बियों को नौसेना को सौंपा है. छठी पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण शुरू होना एक महत्वपूर्ण कदम है. यह आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन मिलने का संकेत भी दर्शाता है. यह पनडुब्बी अब समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरेगी, इनमें प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर सम्मिलित हैं. 

आईएनएस वागशीर एक डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है. बेहद आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग सिस्टम्स से लैस है. इसके साथ ही इसमें कई तरह के हथियारों को भी शामिल किया गया है. प्रोजेक्ट-75 के तहत अभी तक 5 आधुनिक पनडुब्बी भारत की रक्षा में तैनात हैं.

 क्या-क्या काम कर सकती है वाघशीर पनडुब्बी

आईएनएस वाघशीर कई मिशन कर सकती है. जैसे सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी जमा करना, समुद्री बारूदी सुरंग बिछाना, क्षेत्र की निगरानी आदि. पनडुब्बी को ऑपरेशन के समय हर परिस्थिति में संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है. 

Advertisement

इसकी लंबाई लगभग 221 फीट, बीम 20 फीट और ऊंचाई 40 फीट होती है. इनमें 4 एमटीयू 12V 396 SE84 डीजल इंजन लगे होते हैं. इसके अलावा 360 बैटरी सेल्स होती हैं. पानी की सतह पर इसकी गति 20 KM प्रतिघंटा है. पानी के अंदर ये 37 KM प्रतिघंटा की स्पीड से चलती हैं. 

इसकी रेंज गति के मुताबिक तय होती है. अगर सतह पर 15 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, तो यह 12,000 किलोमीटर तक जा सकती है. पानी के अंदर यह 1020 KM की रेंज तक जा सकती है लेकिन गति 7.4 KM प्रतिघंटा होनी चाहिए. 

30 समुद्री सुरंगे बिछाने में उस्ताद

यह 50 दिनों तक पानी के अंदर बिता सकती है. अधिकतम 350 फीट की गहराई जा सकती है. इसमें 8 सैन्य अधिकारी और 35 सेलर तैनात किए जा सकते हैं. इनके अंदर एंटी-टॉरपीड काउंटरमेजर सिस्टम लगा है. इसके अलावा 533 मिमी के 6 टॉरपीडो ट्यूब्स होते हैं, जिनसे 18 एसयूटी टॉरपीडोस या एसएम.39 एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं. इसके अलावा यह पानी के अंदर 30 समुद्री बारूदी सुरंग बिछा सकती है. 

आईएनएस वाघशीर के शामिल होने के बाद कलवारी क्लास की छह अटैक सबमरीन हो जाएंगी. इस क्लास में आईएनएस कलवारी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज, आईएनएस वेला और आईएनएस वागीर लॉन्च की जा चुकी हैं. 

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement