
भारतीय नौसेना ने देश की पहली स्वदेशी एंटी-शिप मिसाइल (NASM) का सफल परीक्षण किया. मिसाइल को सीकिंग-42बी हेलो हेलिकॉप्टर से दागा गया. मिसाइल ने सभी मानकों को तय करते हुए तय टारगेट को हिट किया. इस बार इस मिसाइल में स्वदेशी सीकर और गाइडेंट टेक्नोलॉजी की भी जांच की गई. जो 100 फीसदी सफल रही.
पिछले साल भी मई महीने में इस मिसाइल की टेस्टिंग ओडिशा के चांदीपुर के तट के पास की गई थी. यह एक लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल (LRASM) है. पिछले साल शॉर्ट रेंज की मिसाइल की टेस्टिंग हुई थी. जो 380 किलोग्राम की थी. उसकी रेंज 55 किलोमीटर थी.
नई स्वदेशी नौसैनिक लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल सी-स्किमिंग ट्रैजेक्ट्री पर चलते हुए सीधे टारगेट से जाकर टकराई. सी-स्किमिंग का मतलब ये है कि मिसाइल समुद्र की सतह से कुछ फीट या मीटर ऊपर तेजी से उड़ते हुए जाती है, जिससे वह राडार में पकड़ में नहीं आती. ऊंचाई इतनी कम होने की वजह से दुश्मन उस मिसाइल को मारकर गिरा नहीं सकता.
यह तकनीक भारत के पास ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में है. टेस्टिंग के दौरान मिसाइल की सटीकता, वेलिडेशन, नियंत्रण, गाइडेंस और मिशन संबंधी अन्य एल्गोरिदम की जांच की गई. सबकुछ एकदम सही निकला. मिसाइल के रास्ते में लगाए गए सेंसर्स ने मिसाइल की ट्रैजेक्ट्री और सभी इवेंट्स को सही से कैप्चर किया.
यह मिसाइल नौसैनिक हेलिकॉप्टर्स पर लगाई जाएगी. इस मिसाइल में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेविगेशन सिस्टम लगता है. इसके अलावा इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स भी है. इस परीक्षण के दौरान डीआरडीओ के सीनियर वैज्ञानिक और भारतीय नौसेना के अधिकारी मौजूद थे.