
इजरायल अब हमास के रॉकेटों, ग्रैनेड्स और मोर्टार को गिराने के लिए लेजर अटैक कर रहा है. पहली बार इजरायल ने अपने Iron Beam Laser Point Defence System को एक्टिवेट किया है. यह सिस्टम काफी दूर से ही ड्रोन्स, रॉकेट्स, मिसाइल, मोर्टार को आते देखकर उन्हें आसमान में ही खत्म कर देता है.
इस लेजर हथियार को इजरायल ने पूरे देश में तैनात कर दिया है. अभी इसे कुछ साल तैनात नहीं करने की योजना थी लेकिन हमास के हमलों को देखते हुए इजरायल ने इसे पहले ही एक्टिवेट कर दिया. Iron Beam लेजर एयर डिफेंस सिस्टम ने मध्य इजरायल के ऊपर हमास के कई रॉकेट्स को मार गिराया है. इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है.
इस तकनीक को बेहद छोटे रेंज के इंटरसेप्शन के लिए बनाया गया था. ताकि मोर्टार, ड्रोन्स और आर्टिलरी गोलों को गिराया जा सके. लेकिन फिलहाल इससे ज्यादा दूरी के रॉकेट्स को गिराया जा रहा है. यह एक डायरेक्टेड एनर्जी वेपन एयर डिफेंस सिस्टम है. इसके बारे में इजरायल ने सबसे पहले 2014 में सिंगापुर एयरशो में जानकारी दी थी.
7 km रेंज में आने वाले रॉकेट्स हवा में खाक
Iron Beam लेजर एयर डिफेंस सिस्टम को कम रेंज वाले रॉकेट्स, आर्टिलरी और मोर्टार बमों को मार गिराने के लिए बनाया गया था. इसकी अधिकतम क्षमता 7 किलोमीटर है. लेकिन खासियत ये है कि इसकी स्पीड और सटीकता बेहद अधिक है. यह ड्रोन्स और यूएवी को भी पहचान कर उनपर हमला कर सकता है. आयरन बीम इजरायल की इंडीग्रेटेड मिसाइल डिफेंस सिस्टम का छठा हथियार या तकनीक है.
बेहद सस्ता, सटीक और गजब की स्पीड से हमला
आयरन बीम से जब एक लेजर निकल कर दुश्मन पर हमला करती है. तब उसकी लागत आती है मात्र 2000 डॉलर यानी 1.66 लाख रुपए. जबकि, आयरन डोम से निकलने वाली एक मिसाइल की कीमत करीब 8 लाख रुपए है. आयरन बीम से एरबियम, यटरबियम, निजडीमियम, डाइस्पोर्सियम, थूलियम या होलमियम जैसे एलिमेंट्स का इस्तेमाल करके फाइबर लेजर पैदा की जाती है. यह हवा में आ रहे दुश्मन टारगेट को सेकेंडों में खत्म कर देती है.
जितना मन करे, जितनी बार मर करे... दागते जाओ
इसमें गोलियां, गोले या रॉकेट नहीं होते. इसलिए जितना मन करे उतना दागो. यानी इसकी मैगजीन खाली नहीं होती. बस इसे बिजली की सप्लाई लगातार मिलती रहनी चाहिए. फिलहाल उसकी रेंज 7 किलोमीटर है. यह बात पुख्ता नहीं हो पाई है लेकिन यह माना जा रहा है कि आयरन बीम की ताकत को बढ़ाकर इसकी रेंज भी बढ़ाई गई है. अब यह 10 किलोमीटर तक हो चुकी है. इस सिस्टम को राफेल और लॉकहीड मार्टिन ने मिलकर बनाया है.
आयरन बीम को लेकर इजरायल की प्लानिंग तगड़ी
फिलहाल इस ट्रायल वाले हथियार को इजरायल ने देश भर में लगाया है. लेकिन जल्दी ही इसे इजरायल अपनी नौसेना में भी शामिल करेगा. वह अपने रेशेफ क्लास कॉर्वेट युद्धपोतों में इसे तैनात करेगा. इस काम में उसे चार-पांच साल लग जाएंगे. लेकिन इजरायल की मदद की लिए राफेल और लॉकहीड मार्टिन कंपनियां उसके साथ खड़ी हैं.