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स्पेस स्टेशन जाने वाले गगनयात्रियों की शुरुआती ट्रेनिंग पूरी, ISRO-NASA कर रहे ये तैयारी

ISRO ने खुशखबरी दी है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजे जाने वाले गगनयात्रियों के पहले चरण की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. जल्दी उन्हें एडवांस ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा. यह इसरो-नासा का ज्वाइंट मिशन है. जिसमें मिशन पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर शामिल हैं.

बाएं से... ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मेडिकल इमरजेंसी ट्रेनिंग लेते हुए. ग्रुप कैप्टन बालकृष्णन नायर स्पेस स्टेशन के इंटीरियर से वाकिफ होते हुए. (फोटोः ISRO) बाएं से... ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मेडिकल इमरजेंसी ट्रेनिंग लेते हुए. ग्रुप कैप्टन बालकृष्णन नायर स्पेस स्टेशन के इंटीरियर से वाकिफ होते हुए. (फोटोः ISRO)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से एक शानदार खबर आई है. इसरो ने अपने X हैंडल पर बताया कि गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन बालकृष्ण नायर की पहले चरण की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. इन लोगों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजने के लिए इसरो और नासा संयुक्त मिशन कर रहे हैं. 

स्पेस स्टेशन पर एक ही गगनयात्री को भेजा जाएगा. इसके लिए प्रमुख तौर पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला चुने गए हैं. वो उस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे. जबकि ग्रुप कैप्टन नायर को बैकअप के लिए भेजा गया है. इस मिशन में इसरो के अलावा नासा, स्पेसएक्स, एक्सिओम जैसी एजेंसियां भी शामिल हैं. 

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ग्रुप कैप्टन शुभांशु स्पेसएक्स के रॉकेट और कैप्सूल में बैठकर एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा बनेंगे. इसमें चार यात्री स्पेस स्टेशन पर भेजे जाएंगे. फिलहाल गगनयात्रियों की जो ट्रेनिंग पूरी हुई है. उसमें SpaceX सूट फिट चेक, स्पेस फूड सेलेक्शन, आईएसएस और ड्रैगन कैप्सूल से परिचय कराना और इमरजेंसी-मेडिकल रेसपॉन्स ट्रेनिंग हुई है. अगली एडवांस ट्रेनिंग अमेरिका के ऑर्बिटल सेगमेंट और माइक्रोग्रैविटी रिसर्च पर होगी. 

जानिए दोनों गगनयात्रियों के बारे में... 

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 

10 अक्टूबर 1085 में लखनऊ में जन्मे शुभांशु की मिलिट्री ट्रेनिंग एनडीए में हुई है. वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में उन्हें 17 जून 2006 में शामिल किया गया. वो एक फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं. साथ ही टेस्ट पायलट भी. उनके पास 2000 घंटे के उड़ान का अनुभव है. उन्होंने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एन-32 जैसे विमान और फाइटर जेट्स उड़ाए हैं. 

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ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णनन नायर 

26 अगस्त 1976 में केरल के थिरुवाझियाद में जन्मे. एनडीए में ट्रेनिंग पूरी की. एयरफोर्स एकेडमी से स्वॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल कर चुके हैं. 19 दिसंबर 1998 में उन्हें वायुसेना के फाइटर जेट प्रोग्राम में शामिल किया गया. फाइटर पायलट बनाए गए. वो CAT-A क्लास के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं. करीब 3000 घंटे उड़ान अनुभव है. 

प्रशांत नायर ने Su-30MKI, MiG-21, MiG-29, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 आदि विमान उड़ाए हैं. वो यूनाइटेड स्टेट्स स्टाफ कॉलेज, DSSC, वेलिंग्टन और तंबरम के FIS के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं. वो सुखोई-30 स्क्वॉड्रन के कमांडेंट भी रहे हैं. 

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