Advertisement

Mangalyaan-2 Mission: इसरो की बड़ी तैयारी... इस बार सतह पर उतारेगा यान, उड़ाएगा हेलिकॉप्टर

NASA की तरह भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO भी अपने अगले मंगलयान (Mangalyaan) मिशन में हेलिकॉप्टर भेजने वाला है. यह मिशन संभवतः 2030 के आसपास होगा. यह हेलिकॉप्टर लगभग नासा के इंजीन्यूटी की तरह ही होगा. जिसे पर्सिवरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर भेजा गया था.

NASA के इंजीन्यूटी मार्स हेलिकॉप्टर की तरह ही भारत भी मंगलयान-2 मिशन में भेजेगा मार्स हेलिकॉप्टर. (फोटोः गेटी) NASA के इंजीन्यूटी मार्स हेलिकॉप्टर की तरह ही भारत भी मंगलयान-2 मिशन में भेजेगा मार्स हेलिकॉप्टर. (फोटोः गेटी)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

ISRO इस समय अपने अगले मंगलयान मिशन (Mangalyaan Mission) के कॉन्सेप्ट पर काम कर रहा है. इस बार मंगलयान सिर्फ मंगल ग्रह का चक्कर नहीं लगाएगा. बल्कि चांद की सतह पर लैंड करेगा. इसरो मंगलयान लैंडर के साथ नासा की तरह हेलिकॉप्टर भी भेजेगा. यह हेलिकॉप्टर इंजीन्यूटी (Ingenuity) की तरह होने की संभावना है. 

इससे पहले भारत ने साल नवंबर 2013 में मंगलयान यानी Mars Orbiter Mission (MOM) भेजा था. जो सितंबर 2014 में लैंड हुआ था. यह यान मंगल ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगाने वाला स्पेसक्राफ्ट था. इसने उम्मीद से ज्यादा काम किया. साल 2022 में इससे संपर्क टूट गया. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: Japan के SLIM ने वो करके दिखाया, जो Chandrayaan-3 भी नहीं कर पाया... चांद की सर्दी वाली लंबी रात सर्वाइव कर गया

विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के स्पेस फिजिक्स लेबोरेटरी के साइंटिस्ट जयदेव प्रदीप ने हाल ही में एक वेबिनार में बताया कि इसरो मंगल ग्रह पर हेलिकॉप्टर भेजने की तैयारी कर रहा है. इस बार इसरो मंगल ग्रह की सतह पर लैंडिंग कराएगा. ताकि सतह पर टिक कर पेलोड्स साइंटिफिक जांच कर सकें. हेलिकॉप्टर से हवाई सर्वे किया जा सके. 

इसरो का हेलिकॉप्टर करेगा इतने सारे काम

इसरो के ड्रोन हेलिकॉप्टर में टेंपरेचर सेंसर, ह्यूमिडिटी सेंसर, प्रेशर सेंसर, विंड स्पीड सेंसर, इलेक्ट्रिक फील्ड सेंसर, ट्रेस स्पीसीज सेंसर और डस्ट सेंसर होगे. साथ ही यह हवा में उड़ते समय एयरोसोल की जांच भी करेगा. यह 328 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकेगा. जबकि नासा का हेलिकॉप्टर अधिकतम 79 फीट तक जा पाया था. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: भारत ने रूस के एक्सपायर्ड मिसाइल को बना दिया 'महाहथियार', जानिए SAMAR मिसाइल की ताकत... Video

नासा के इंजीन्यूटी ने कुल 17 km उड़ान भरी

नासा के हेलिकॉप्टर इंजीन्यूटी ने अपने पूरे मिशन के दौरान कुल दो घंटे की उड़ान भरी. कुल मिलाकर 17 किलोमीटर की दूरी तय की. इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर पर्सिवरेंस रोवर के साथ जेजेरो क्रेटर में फरवरी 2021 में उतरा था. तब तक यह नहीं पता था कि मंगल ग्रह के हल्के वायुमंडल में उड़ान संभव है या नहीं. 

चीन भी कर रहा है मार्स ड्रोन भेजने की तैयारी

लेकिन 1.8 किलोग्राम वजनी इंजीन्यूटी ने मंगल ग्रह पर 72 बार उड़ान भरी. जनवरी 2024 में इसके रोटर ब्लेड्स ने काम करना बंद कर दिया था. अब यह हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह की सतह पर उतर गया है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत ही इंजीन्यूटी से प्रेरित है. बल्कि चीन भी मंगल ग्रह पर ड्रोन्स भेजने की तैयारी कर रहा है. ताकि मंगल ग्रह से सैंपल लाया जा सके. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement