
144 साल में आए महाकुंभ को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. दुनिया का सबसे बड़ा मानव जमावड़ा धरती से 450 km दूर अंतरिक्ष से भी रोशन दिख रहा है. यह फोटो इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्टेशन से लिया गया है. यह फोटो अंतरिक्ष में मानव उपलब्धि को प्रदर्शित करता है. तीर्थ यात्रा के पैमाने पर एक अनोखा दृष्टिकोण प्रदान करता है.
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महा कुंभ मेला एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ यात्रा है जो हर 144 वर्षों में होती है. 2025 का आयोजन विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह आखिरी बार 1881 में आयोजित किया गया था. इस आयोजन को दुनिया के सबसे बड़े मानव समारोह के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसमें करोड़ों तीर्थयात्री गंगा नदी में पवित्र स्नान के लिए आते हैं.
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स्नान इसके आध्यात्मिक महत्व को उजागर करता है. और विज्ञान पर आधारित है कुंभ की गणना. इसके पहले साल 2024 को जनवरी में अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि की फोटो स्पेस स्टेशन ने ली थी. उस 'छोटे से' क्षेत्र में 6 सप्ताह में 400 मिलियन तीर्थयात्री एकत्र होंगे. 29 जनवरी को लगभग 7 करोड़ लोग स्नान करेंगे.
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मौनी अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्त्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के लिए ग्रहों की स्थिति सर्वथा अनुकूल होती है. यह तिथि एक पवित्र घटना का स्मरण कराती है जब आदि ऋषि भगवान ऋषभदेव ने अपनी मौन रहने की शपथ को तोड़कर संगम के पवित्र जल में स्वयं को लीन कर लिया था.
तीर्थ यात्रियों की विशाल मंडली मौनी अमावस्या के दिन कुम्भ मेले में आती है और इस दिन को आध्यात्मिक शक्ति तथा शुद्धीकरण का महत्त्वपूर्ण दिन बनाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मौन व्रत का पालन करते हुए जो व्यक्ति उपासना करता है वह सभी प्रकार के भौतिक सुखों को पाकर अंत में मोक्ष प्राप्त कर लेता है.