
जापान के पास एक नए द्वीप का निर्माण हुआ है. वह भी प्राकृतिक तरीके से. जापान की राजधानी टोक्यो से 1000 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित प्रशांत महासागर में एक अंडरवाटर ज्वालामुखी फटा. इसके फटने से इतना मलबा निकला कि उससे नया आइलैंड बन गया. जो आकार में कम से कम 200 मीटर लंबा है.
यह द्वीप आईवोतो (Iwoto) द्वीप से तट से थोड़ी दूर है. पहले आईवोतो को आईवोजीमा कहते थे. यह द्वीप 1 नवंबर को प्रशांत महासागर में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद बना है. आईवोतो पर इस समय जापान की नौसेना का एयरबेस है. जिसका इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के समय बहुत ज्यादा होता था.
यहां नीचे देखिए आईलैंड बनने का Video
बेस पर रहने वाले नौसैनिकों ने बताया कि उन्होंने पहले तो तेज धमाकेदार आवाज सुनी. इसके बाद उन्होंने ज्वालामुखी विस्फोट के बाद इस द्वीप को समंदर में बनते देखा. जापान के मौसम विभागन ने कहा कि आईवोतो द्वीप के आसपास 21 अक्टूबर से ही भूकंप के हल्के झटके आ रहे थे. लेकिन अंडरवाटर ज्वालामुखी फटेगा इसका अंदाजा नहीं था.
ज्वालामुखी ने उगला बहुत ज्यादा लावा-पत्थर
फिर ज्वालामुखी विस्फोट की खबर आई. यह नया द्वीप अंडरवाटर ज्वालामुखी के क्रेटर के पास में बना है. जापानी मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्वालामुखी ने भारी मात्रा में पत्थर, मिट्टी और लावा क्रेटर के अंदर से उगला है, जिससे समुद्र की सतह के ऊपर ये जमा होते चले गए. बाद में समुद्र के ऊपर दिखने लगे. एक आईलैंड की तरह.
कई द्वीप बने लेकिन सबके समुद्र खा गया
इससे पहले भी जापान के आसपास कुछ द्वीप निकले थे लेकिन वो खराब समुद्री मौसम की वजह से खत्म हो गए. अभी जहां नया द्वीप बना है, यहां पर 1986 में ऐसा एक द्वीप बना था. उसके बाद से यहां पर कोई द्वीप नहीं बना. अभी समंदर के अंदर जो ज्वालामुखी फटा था, वह लगातार फट रहा है. वैज्ञानिकों ने ज्यादा धुआं, राख, लावा के निकलने की आशंका जताई है.
जापान के आसपास 7000 नए द्वीप खोजे गए
इस साल के शुरूआत में ही जापान के आसपास के इलाकों की स्टडी करके नक्शा बनाया गया था. जिसमें 7000 नए आईलैंड्स खोजे गए थे. 35 साल में पहली बार इस तरह का सर्वे किया गया था. हालांकि इस नए आईलैंड के बनने से जापान की सीमाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.