
जापान की स्पेस वन कंपनी का कायरोस छोटा रॉकेट बुधवार को उड़ा लेकिन लॉन्च के करीब तीन मिनट बाद ही उसे नष्ट करना पड़ा. क्योंकि उसने अपनी दिशा बदल दी थी. 9 महीने में इस कंपनी की ये दूसरी विफलता है. अगर यह सफलता हासिल करता तो जापान की पहली निजी कंपनी होती जो अंतरिक्ष में सैटेलाइट लॉन्च करती.
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यहां देखिए रॉकेट के फेल होने का वीडियो
जापानी स्पेस एजेंसी और सरकार भी साल में 30 रॉकेट लॉन्च का प्लान बनाकर बैठी है. लेकिन ये सरकारी और निजी दोनों ही स्पेस कंपनियों के लिए तगड़ा झटका है. जापान एशिया के स्पेस हब में 2030 तक लॉन्च बाजार में 52 बिलियन डॉलर्स लगाना चाहती है.
स्पेस वन के निदेशक मामोरु एंडो ने कहा कि कायरोस रॉकेट लॉन्च के तीन मिनट बाद ही सेल्फ डिस्ट्रक्ट हो गया. इसके पहले स्टेज इंजन के नॉजल कंट्रोल में कुछ गड़बड़ी दिखाई दी. जिसकी वजह से रॉकेट की ट्रैजेक्टरी बदल गई. इस फेल्योर की और जांच कराई जाएगी. यह रॉकेट मुश्किल से 100 किलोमीटर की उड़ान भर पाया.
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इस रॉकेट पर पांच छोटे सैटेलाइट तैनात थे. जिन्हें ताइवान की स्पेस एजेंसी ने बनाया था. इन्हें पृथ्वी के ऊपर 500 किलोमीटर की ऑर्बिट में तैनात करना था. टोक्यो की कंपनी कैनन इलेक्ट्रॉनिक्स ने 2018 में स्पेस वन कंपनी बनाई थी. इनका मकसद था कि 2029 तक 20 छोटे रॉकेटों के जरिए सैटेलाइट लॉन्च किया जाए.
मार्च 2024 में कायरोस जापान की सरकारी सैटेलाइट लेकर लॉन्च हुआ लेकिन पांच सेकेंड बाद ही फट गया. जापान के अन्य रॉकेट प्रोजेक्ट्स भी लगातार फेल हो रहे हैं. जापानी स्पेस एजेंसी का रॉकेट एप्सिलोन एस पिछले महीने फट गया था. यह दूसरी बार हुआ था. इससे पहले H3 रॉकेट मार्च 2023 में फट गया था.