Advertisement

जिसे समझ रहे थे साधारण फूलदान, वो निकला 14 करोड़ रुपये का चीनी खजाना 

एक डॉक्टर के घर की रसोई में एक फूलदान कई सालों से सजा हुआ था. उन्हें पता ही नहीं था कि ये फूलदान असल में चीन के किसी सम्राट के महल में सजा करता था.

इस चीनी फूलदान की लंबाई लगभग 2 फीट है (Photo: Dreweatts) इस चीनी फूलदान की लंबाई लगभग 2 फीट है (Photo: Dreweatts)
aajtak.in
  • लंदन,
  • 27 मई 2022,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST
  • 19वीं या 20वीं सदी की शुरुआत में लूटा गया था फूलदान
  • नीलामी में 14 करोड़ रुपए में बेचा गया

गहरे नीले रंग का 18वीं सदी का एक चीनी फूलदान, जिसे सोने और चांदी से सजाया गया था, कई सालों तक ब्रिटेन की एक रसोई की शोभा बढ़ाता रहा. लेकिन जब इतिहासकारों को पता चला कि यह फूलदान किसी दौर में एक सम्राट का था, तो ये नीलामी में करीब 18 लाख डॉलर यानी करीब 14 करोड़ रुपए में बिका.

हालांकि एक विशेषज्ञ की मानें तो इस फूलदान का इतिहास 19वीं शताब्दी में चीनी महलों की लूट से जुड़ा है. फूलदान को विदेशी सैनिकों ने 19वीं या 20वीं सदी की शुरुआत में लूटा था.

Advertisement

इस फूलदान को बेचने वाली नीलामी कंपनी ड्रेवेट्स (Dreweatts) का कहना है कि यह फूलदान काफी बड़ा है. इसकी लंबाई लगभग 2 फीट है. इसपर एक चिन्ह बना है जो किंग राजवंश (Qing dynasty) के छठे सम्राट कियानलाॉन्ग (Qianlong emperor) से जुड़ा है. इन्होंने 1735 से 1795 तक चीन पर शासन किया था.

फूलदान को 19वीं या 20वीं सदी की शुरुआत में लूटा गया था (Photo: Dreweatts)

फूलदान को 'सैक्रीफिशियल ब्लू' (Sacrificial blue) नाम के रंग से पेंट किया गया है. यह नाम इसलिए क्योंकि इसी रंग से बीजिंग में 'स्वर्ग के मंदिर' (Temple of Heaven) के कुछ हिस्सों को रंगा गया है. इस मंदिर में, चीन के सम्राट जानवरों की बलि इस उम्मीद में देते थे कि इससे फसल अच्छी होगी. 

फूलदान को चांदी और सोने के रंगों से सजाया गया है और इसपर बादल, सारस, पंखे, बांसुरी और चमगादड़ बने हुए हैं. मान्यता है कि यह चित्र अच्छे और लंबे जीवन से जुड़े हैं. 

Advertisement

 

बताया जा रहा है कि इस फूलदान को शायद किसी महल में रखा गया होगा, जहां चीनी सम्राट रहते थे. 19वीं और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में, चीन की राजनीतिक स्थिति खराब हो गई, क्योंकि चीन, यूरोप और अमेरिका से कई युद्ध हार गया था और विदेशी सैनिकों ने कई महलों को लूटा था.

पिछले कई सालों से यह फूलदान एक सर्जन के घर पर था. बताया जाता है कि उन्होंने इसे 1980 के दशक की शुरुआत में खरीदा था. फूलदान कई सालों तक उनकी रसोई में रखा रहा. 

 

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement