Advertisement

एक साथ 3 टारगेट पर हमला, सेंसर पैकेज, 1.5 टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम... कितना खास है DRDO का मिशन दिव्यास्त्र

भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री (MIRV) तकनीक के साथ अग्नि-5 (Agni-V) मिसाइल विकसित की है. इसे दिव्यास्त्र मिशन नाम दिया गया है. यह मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले 3 टारगेट को निशाना बना सकती है.

File Photo File Photo
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

भारत ने मिशन दिव्यास्त्र का सफल परीक्षण कर लिया है. डीआरडीओ सहित भारतीय वैज्ञानिकों के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सोशल मीडिया पर ट्वीट कर भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई दी है. भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी को एडवांस करने वाली इस टेक्नोलॉजी में सेंसर पैकेज के साथ 1.5 टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने की क्षमता है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर DRDO का यह मिशन दिव्यास्त्र कितना खास है.

Advertisement

दरअसल, भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री (MIRV) तकनीक के साथ अग्नि-5 (Agni-V) मिसाइल विकसित की है. इसे ही दिव्यास्त्र मिशन नाम दिया गया है. इसे दिव्यास्त्र कहने के पीछे बड़ा कारण यह है कि यह मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले 3 टारगेट को निशाना बना सकती है. इसके अलावा भी इस मिसाइल की कई और विशेषताएं हैं.

जानिए Agni-V मिसाइल की 10 खासियत

1. इस मिसाइल को ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है.

2. MIRV तकनीक यानी मिसाइल की नाक पर दो से 10 हथियार लगाए जा सकते हैं.

3. इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं.

4.  इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं.

5. इसकी गति साउंड की स्पीड से 24 गुना ज्यादा है. यानी एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है.

Advertisement

6. अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है.

7. इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है.

8. अग्नि-5 मिसाइल टारगेट पर सटीकता से हमला करता है.

9. अगर टारगेट अपनी जगह से हटकर 10 से 80 मीटर तक भी जाता है तो उसका बचना मुश्किल है.

10. अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) का वजन 50 हजार किलोग्राम है. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है.   

कई बार सफल परीक्षण हो चुके

अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. अग्नि-5 मिसाइल के आधा दर्जन से अधिक सफल परीक्षण हो चुके हैं. इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर जांचा गया. जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के लिए बेहतरीन हथियार है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement