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स्विट्जरलैंड की वैज्ञानिक का दावा- 25 साल में मिल जाएंगे Alien, करना होगा ये काम

सिर्फ 25 साल और. यानी अगर आप अभी 20 के हैं तो 45 की उम्र में आपको एलियन देखने को मिल सकते हैं. सौर मंडल के बाहर जीवन खोज लिया जाएगा. ये दावा किया है स्विट्जरलैंड की साइंटिस्ट ने. सिर्फ इतना ही नहीं इसके लिए उन्होंने भविष्य में उपयोग होने वाली तकनीक का खुलासा भी किया है.

ETH ज्यूरिख की एस्ट्रोफिजिसिस्ट का दावा कि सिर्फ 25 साल में ही इंसानों का होगा दूसरे ग्रहों के जीवन से संपर्क. (फोटोः ESA/Hubble N. Bartmann) ETH ज्यूरिख की एस्ट्रोफिजिसिस्ट का दावा कि सिर्फ 25 साल में ही इंसानों का होगा दूसरे ग्रहों के जीवन से संपर्क. (फोटोः ESA/Hubble N. Bartmann)
aajtak.in
  • ज्यूरिख,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST

मंगल ग्रह पर कई प्रोब, रोवर, लैंडर भेजे जा चुके हैं. लेकिन अभी तक जीवन नहीं मिला. कम से कम प्रत्यक्ष तो नहीं. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि वो बहुत जल्द ही सौर मंडल के बाहर जीवन (Life Outside Solar System) की खोज कर लेंगे. 25 साल के अंदर उनसे संपर्क भी साध लेंगे. संपर्क साधने के लिए जरूरी तकनीक भी बना ली जाएगी. ये दावा हैरान तो करता है लेकिन अगर ये सच हुआ तो अगर आप अभी 25 साल के हैं तो आपके 50 साल होने तक एलियन (Alien) से बातचीत संभव हो सकती है. 

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अब तक 5000 से ज्यादा बाहरी ग्रहों की खोज हो चुकी है. जीवन के संकेतों की हो रही है जांच. (फोटोः विलगार्ड क्रॉस/पिक्साबे)

स्विट्जरलैंड के संघीय तकनीकी संस्थान ETH ज्यूरिख की एस्ट्रोफिजिसिस्ट साशा क्वांज ने ये बातें कही हैं. वो यूनिवर्सिटी के ओरिजिन और प्रिवैलेंस ऑफ लाइफ के उद्घाटन के समय बोल रही थीं. साशा ने कहा कि आज के दौर में हमारे पास जो भी तकनीक है, उनसे ये तो पता चल गया है कि हम ब्रह्मांड में अकेले जीव नहीं है. अन्य ग्रहों पर भी जीवन मौजूद हो सकता है. बस जरुरत है उन्हें खोजने की, उनसे संपर्क साधने की. 

साशा ने कहा कि साल 1995 में उनके साथी और नोबेल पुरस्कार विजेत डिडियर क्यूलोज ने सौर मंडल से बाहर पहला ग्रह खोजा था. आज 5000 से ज्यादा बाहरी ग्रहों की खोज की जा चुकी है. अब तो हर दिन नए ग्रहों यानी एक्सोप्लैनेट्स की खोज हो रही है. अभी कई एक्सोप्लैनेट्स की खोज होना बाकी है. वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारी आकाशगंगा में 10 हजार करोड़ तारे हैं. हर तारे का एक साथी ग्रह भी है. यानी सौर मंडल से बाहर असंख्य एक्सोप्लैनेट्स हैं. 

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क्या पता किसी और ग्रह पर जीवन मौजूद हो और वो भी दूसरे जीवों की खोज में हो. (फोटोः स्टीफेन केलर/पिक्साबे)

साशा क्वांज ने कहा कि धरती की तरह की जो भी ग्रह अपने तारे से उपयुक्त स्थान पर हैं, वहां जीवन की संभावना हो सकती है. जैसे पानी की मौजूदगी. हमें अभी तक यह नहीं पता है कि जिन बाहरी ग्रहों की खोज की गई है, उनमें वायुमंडल है या नहीं. हमें अब इसी बात की जांच करनी है कि इन बाहरी ग्रहों पर वायुमंडल है या नहीं. हमें उनपर नज़र रखनी होगी. ताकि हम उनकी तस्वीरें लेकर स्टडी कर सकें या भविष्य में वहां पर प्रोब भेज सकें. 

साशा ने यह बात तब कही थी जब जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope - JWST) ने बृहस्पति ग्रह से 12 गुना बड़े एक्सोप्लैनेट HIP 65426B की खोज की थी. यह नया ग्रह अपने तारे से इतनी दूर घूम रहा है, जो सूरज और धरती की दूरी से 100 गुना ज्यादा है. 

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