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इस प्राचीन मछली ने डायनासोरों को मरते देखा है... आज भी जिंदा है ये 10 करोड़ साल पुरानी प्रजाति

सुई जैसे नुकीले दांत. कवच जैसा शरीर. लंबाई मगरमच्छ जैसी. दुनिया की इकलौती मछली जिसकी प्रजाति 10 करोड़ साल से जीवित है. वह भी बिना बदलाव के. इस मछली ने तो डायनासोरों को भी मरते देखा है. लेकिन ये बच गई. इसे न डायनासोर मार पाए न ही कोई प्राकृतिक आपदा. ये है जिंदा जीवाश्म.

एक मछलीघर में तैरती हुई एलीगेटर गार मछली. (फोटोः गेटी) एक मछलीघर में तैरती हुई एलीगेटर गार मछली. (फोटोः गेटी)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

एलिगेटर गार (Alligator Gar)... इसे जिंदा जीवाश्म भी कहा जाता है. क्योंकि यह 10 करोड़ साल से जीवित प्रजाति है. इसके मगरमच्छ जैसे मुंह के अंदर नुकीले दांतों की दो पंक्तियां होती हैं. जो अपने शिकार को एक बार में चीर डालती हैं. इस प्राचीन मछली को आजतक न प्राकृतिक आपदा मार पाई, न ही उस समय के डायनासोर. 

आमतौर पर ये मछली अमेरिका और मेक्सिको की नदियों में मिलती है. या फिर मेक्सिको की खाड़ी में. यह खाने के लिए केकड़े, मछली, पक्षी, स्तनधारी जीव, कछुएं जैसे जीव पसंद करती है. इसकी नाक बहुत लंबी होती है. शरीर पर कवच जैसे स्केल्स बने होते हैं. इसे कोई भी मगरमच्छ समझ सकता है, अगर पानी में ऊपरी सतह पर तैर रही हो. 

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इसलिए ही इसे लोग एलिगेटर गार बुलाते हैं. यह अधिकतम 8 फीट लंबी हो सकती है. वजन 136 किलोग्राम तक हो सकता है. ये बहुत तेजी से बढ़ने वाली मछली है. ये अपने अंडे से निकलने के बाद पहले ही साल में 2 फीट लंबी हो जाती हैं. फिर अपने पूरे जीवन बढ़ती रहती है. ये अधिकतम 100 साल तक जी सकती हैं. 

जिंदा जीवाश्म क्यों कहा जाता है इसे? 

एलिगेटर गार दुनिया के उन प्राचीन जीवों में शामिल हैं, जो करोड़ों वर्षों से जीवित हैं. या उनकी प्रजाति बिना किसी बदलाव के सर्वाइव कर रही है. जैसे इंसानों की प्रजाति बंदरों से विकसित हुई. लेकिन इस मछली की प्रजाति में कोई बदलाव नहीं हुआ. इनका विकास लगभग रुक गया है. 

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एक जमाने में आतंक था इन मछलियों का

1930 के आसापास इन मछलियों ने अमेरिका में आतंक मचा रखा था. तब टेक्सास गेम फिश कमीशन ने इन्हें 200 वोल्ट की बिजली का झटका देकर मारने का आदेश दिया था. जिसे गार डेस्ट्रॉयर कहा जाता है.  लेकिन आज की तारीख में यह मछली फ्लोरिडा में संरक्षित है. टेक्सास में इसके शिकार पर कई जगहों पर रोक लग गई है. 

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