
एक व्यक्ति को उसके रिश्तेदार ने जांघ पर काट लिया. नतीजा ये उसका पैर सड़ने लगा. पैर का बड़ा हिस्सा काटना पड़ा. जान भी जाते-जाते बची. कहानी है अमेरिका के फ्लोरिडा की. जहां पर 52 वर्षीय डॉनी एडम्स अपने जांघ पर सिक्के के आकार में लगे घाव का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे. इमरजेंसी में भर्ती हो गए.
वहां उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि घरेलू लड़ाई के दौरान उनके रिश्तेदार ने उन्हें जांघ पर काट लिया था. डॉक्टरों को लगा कि मामूली इंफेक्शन का केस है. टिटनेस का इंजेक्शन लगाया. एंटीबायोटिक्स दीं और उन्हें अस्पताल से वापस भेज दिया. लेकिन कुछ दिनों में डॉनी की हालत खराब होने लगी.
जांघ लाल होती जा रही थी. सूज गई थी. छूने पर दर्द भी था. डॉनी वापस एचसीए फ्लोरिडा हेल्थकेयर गए. उनकी जांच शुरू की गई. उनका इलाज करने वाले डॉक्टर फ्रिट्ज बिंक ने बताया कि जांघ का रंग नारंगी होता जा रहा था. डॉनी को उस जगह और उसके आसपास दर्द और गर्मी महसूस हो रही थी.
इसके बाद उनकी सर्जरी करने की तैयारी की गई. 19 फरवरी 2023 को सर्जरी हुई. कुछ दिनों बाद दूसरी सर्जरी हुई. मार्च के दूसरे हफ्ते में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. लेकिन बीमारी ठीक होती नहीं दिख रही थी. उन्हें मांस खाने वाले बैक्टीरिया का इंफेक्शन हो गया था. इसे नेक्रोटाइजिंग फासिसाइटिस कहते हैं. यह ऐसा बैक्टीरिया है जो पूरे शरीर को धीरे-धीरे खा सकता है.
मांस खाने वाला बैक्टीरिया पानी, गंदगी या लार में पाया जा सकता है. आमतौर पर बैक्टीरिया शरीर के किसी हिस्से में कटने, खरोंचने, जलने, कीड़े के काटने या खुले घाव के जरिए पहुंचते हैं. ये मांसपेशियों, नसों, और खून की नसों को घेरने वाली त्वचा के नीचे के ऊतकों पर हमला करते है. उन्हें मार देते है.
फिर ये तेजी से हमारे शरीर में फैलने लगते हैं. इसलिए संक्रमण कुछ ही घंटों या दिनों में काफी बढ़ जाता है. डॉ. ब्रिंक ने बताया कि इंसानों के मुंह में सैकड़ों अलग-अलग बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन यह एक भयानक बैक्टीरिया है. हमने ऐसे बहुत सारे मरीजों को देखा, जो इंसान के काटने से हमारे पास आते है, लेकिन यह एक खतरनाक बैक्टीरियल इंफेक्शन था. आमतौर पर महीने में एक बार या हर दूसरे महीने नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस का मामला देखते हैं.
ब्रिंक ने बताया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उसने एडम्स की बाईं जांघ के सामने की त्वचा का लगभग 60% हटा दिया. घाव को बंद करने के लिए एक वैक्यूम डिवाइस का इस्तेमाल किया, इसके बाद पैर को ठीक होने में लगभग तीन महीने लगे.
डॉ. ब्रिंक ने बताया कि जांघ पर अब निशान हैं. त्वचा पूरी तरह से ठीक हो गई है. अस्पताल से निकलने के बाद डॉनी को चलने में थोड़ी दिक्कत जरूर थी. लेकिन वह धीरे-धीरे रिकवर कर रहे हैं. शुरुआत में उन्हें वॉकर की जरुरत पड़ी थी, ताकि चल-फिर सकें. लेकिन अब वह बिना दर्द के चल फिर रहे हैं.