
दूसरे ग्रहों की स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों के लिए मंगल ग्रह (Mars) की मिट्टी, पत्थर, हवा की जांच करना जरूरी है. ताकि वो वहां पर जीवन की खोज कर सकें. लेकिन कुछ वैज्ञानिकों और आलोचकों को आशंका है कि इससे लाल ग्रह से लाए गए सैंपल से धरती दूषित हो सकती है. इसका धरती के वायुमंडल पर विपरीत असर पड़ सकता है. अनजाने संक्रमण फैल सकते हैं. या फिर किसी तरह की नई मुसीबत खड़ी हो सकती है.
आज से एक दशक के अंदर स्पेसक्राफ्ट मंगल ग्रह से कई तरह की चीजें लाने में सक्षम हो जाएंगे. वो लाल ग्रह के पत्थर, मिट्टी यहां तक कि हवा को भी लेकर धरती पर लौटेंगे. ताकि वहां मौजूद एलियन जीवन (Alien Life) की जांच की जा सके. जीवन की संभावनाओं को तलाशा जा सके. इस काम में सबसे आगे चल रही स्पेस एजेंसियां हैं- अमेरिका की नासा (NASA) और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA). इन दोनों ने मिलकर मार्स सैंपल रिटर्न (MSR) मिशन तैयार किया है.
MSR मिशन की प्रक्रिया जारी है. नासा का पर्सिवरेंस रोवर (Perseverance Rover) मंगल ग्रह के प्राचीन जेजेरो क्रेटर (Jezero Crater) की पुरानी नदी के डेल्टा इलाके में खोजबीन कर रहा है. वहां से कई तरह के सैंपल जमा कर रहा है. भविष्य में इस रोवर के सैंपल्स को इकट्ठा करके धरती पर लाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए मार्स एसेंट व्हीकल की डिजाइन और टेस्टिंग का काम शुरू किया गया है.
सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि मंगल ग्रह से आने वाले सैंपल को धरती पर किसी तरह से हैंडल किया जाएगा. अगर कहीं गलती से मंगल ग्रह से किसी तरह का संक्रमण आ गया तो? यही नहीं धरती से जाने वाले यानों और अंतरिक्षयात्रियों की वजह से मंगल ग्रह का वायुमंडल भी दूषित हो सकता है. वहां पर धरती के बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगे तो वहां के बायोस्फेयर का क्या होगा? उसे कौन सुधारेगा?
नासा के MSR प्रोजेक्ट के तहत मंगल ग्रह से आइसक्रीम कोन के आकार का कैप्सूल धरती के बाहरी वायुमंडल तक आएगा. जिसे अर्थ एंट्री सिस्टम (Earth Entry System) नाम दिया गया है. इस कोन के अंदर मंगल ग्रह के सैंपल होंगे. इसके बाद ये वायुमंडल में जलते-भुनते जमीन पर पैराशूट की मदद से गिरेगा. कैप्सूल इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि उसमें मंगल ग्रह के सैंपल सुरक्षित रहें. फिर उन्हें सुरक्षित तरीके से बायोलैब्स में पहुंचाया जाएगा.
NASA ने इस बात से इंकार किया है कि मंगल ग्रह के सैंपल से किसी तरह का प्रदूषण या संक्रमण होने की आशंका है. क्योंकि ये खास तरह के चैंबर में पैक होकर धरती पर आएंगे. उसके बाद उन्हें बेहद सुरक्षित तरीके से बायोलैब्स में ले जाया जाएगा. वहां भी होने वाले जांच-पड़ताल भी अत्यधिक सुरक्षित होंगे.