वैज्ञानिकों ने बनाया कीड़े जैसा रोबोट, आंतों में जाकर दवा भी पहुंचा सकता है

वैज्ञानिकों ने ऐसे रोबोट बनाए हैं जो शरीर के अंदरूनी अंगों की सतहों पर बिना गिरे चल सकते हैं. ये बेहद छोटे आकार के रोबोट दावाओं को शरीर के उन हिस्सों तक पहुंचा सकते हैं जहां कोई नहीं पहुंच सकता.

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बेहद छोटे और लचीले हैं ये रोबोट बेहद छोटे और लचीले हैं ये रोबोट

aajtak.in

  • बर्लिन,
  • 30 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST
  • यह मिलिरोबोट 3.7 मिमी लंबे हैं
  • अपने वजन से 20 गुना वजन ढो सकते हैं

जर्मनी के वैज्ञानिकों ने इतने छोटे रोबोट बनाए हैं जो सीधे व्यक्ति की आंत और फेफड़ों की दीवारों पर चढ़ सकते हैं. आने वाले समय में ये रोबोट उन जगहों पर दवाएं और मैडिकल सेंसर्स पहुंचा सकते हैं, जहां पहुंचना आसान नहीं है.

साइंस एडवांसेस (Science Advances) जर्नल में प्रकाशित पेपर के मुताबिक, ये रोबोट्स आकार में बहुत छोटे हैं. ये देखने में छोटे छोटे कीडे जैसे लगते हैं. ये कुछ ही मिलीमीटर लंबे हैं, इसलिए इन्हें मिलीरोबोट (Millirobot) कहा गया है. सॉफ्ट हैं, लचीले हैं शरीर और इनके पैर इस तरह के बनाए गए हैं कि ये फेफड़ों और आंत की नम और फिसलन भरी दीवारों पर चढ़ सकते हैं. इनके पैर अपनी पकड़ खोए बिना टिश्यू की सतहों से चिपके रहते हैं. 

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त्वचा की दीवार से मज़बूती से चिपके रहते हैं ये रोबोट

माइक्रोस्पाइक्स शरीर की टिश्यू से चिपके रहते हैं

जर्मनी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंट सिस्टम्स (Max Planck Institute for Intelligent Systems) से मेटिन सिट्टी (Metin Sitti) का कहना है कि मानव शरीर में सीधे ऊपर चढ़ने और उल्टा हो जाने वाले वायरलेस डिवाइस, सॉफ्ट रोबोटिक्स (Soft Robotics) की दुनिया में मील का पत्थर साबित होंगे. 

टेनेसी (Tennessee) में वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी (Vanderbilt University) में सह-लेखक ज़ियाओगुआंग डोंग (Xiaoguang Dong) का कहना है कि उनकी टीम ने रोबोट्स में दो कांटेदार फुटपैड जोड़ने की कोशिश की, जो टिश्यू को जकड़ लेती है ठीक उसी तरह जैसे आंतों के परजीवी करते हैं. 

लचीले मेग्नेटिक मेटल से बने हैं रोबोट

इनके माइक्रोस्पाइक्स पर चिटोसन (Chitosan) नाम के पदार्थ की एक पतली परत लगाई जाती है, जिससे इनकी पकड़ बहुत मज़बूत हो जाती है. सतह कितनी भी चिकनी और स्लिप करने वाली हो, ये रोबोट बिना गिरे सतह पर चढ़ते रहते हैं, भले ही टिश्यू हिल जाए या फिर पानी का बहाव हो. 

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शरीर के अंदर ये रोबोट मैग्नेटिक फील्ड के जरिए कंट्रोल किए जाते हैं. शोधकर्ता इन्हें पास ही एक मशीन से कंट्रेल करते हैं, क्योंकि ये रोबोट लचीले मेग्नेटिक मेटल से बने हैं. 

 

यह मिलिरोबोट बेहद छोटे हैं. इनका शरीर 3.7 मिमी लंबा और 1.5 मिमी चौड़ा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अपने वजन से 20 गुना वजन, शरीर के अंदर ले जा सकते हैं. इसका मतलब है कि यह दवाओं, वायरलेस इलेक्ट्रॉनिक सेंसर या यहां तक ​​​​कि माइक्रोनेडल्स और बायोप्सी से जुडी सामग्री को भी शरीर के अंदर ले जा सकते हैं. यह अपने माइक्रोस्पाइक्स के जरिए माइक्रोस्कोपिक ड्रग के कणों को भी छोड़ सकता हैं.

 

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