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Monkey Pox का नाम बदलकर हुआ एमपॉक्स, WHO ने किया ऐलान

मंकी पॉक्स वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है, इसे भी महामारी घोषित किया जा चुका है. अब WHO ने इस बीमारी का नाम बदल दिया है. इस बीमारी के लिए अलग-अलग देशों में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से काफी समय से इसका नाम बदलने का आग्रह किया जा रहा था.

मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैलता है (Photo: Maurizio de Angelis/Science photo library) मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैलता है (Photo: Maurizio de Angelis/Science photo library)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

मंकी पॉक्स (Monkey Pox) दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है. लेकिन अब इस बीमारी का नाम बदल दिया गया है. दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ विचार करके विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को 'एमपॉक्स' (mpox) नाम दिया है. करीब एक साल तक इन दोनों नामों का इस्तेमाल किया जाता रहेगा, इसके बाद 'मंकीपॉक्स' को हटा दिया जाएगा.

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जब इस साल की शुरुआत में मंकीपॉक्स का प्रकोप बढ़ा, तो कई जगहों पर इसके लिए नस्लवादी और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जिसकी सूचना डब्ल्यूएचओ को दी गई थी. कई देशों ने इसपर चिंता जताई और डब्ल्यूएचओ से इस बीमारी का नाम बदलने का आग्रह किया था. 

इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था. (फाइल फोटो: AP/PTI)

इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिज़ीसेस (ICD) के तहत, बीमारियों को नाम देने की ज़िम्मेदारी डब्ल्यूएचओ की है. WHO ने ICD की अपडेट प्रोसेस के हिसाब से, कई विशेषज्ञों, देशों और आम जनता से उनकी राय ली. सभी से नए नाम के लिए सुझाव भी लिए गए. इन सुझावों और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus) के साथ चर्चा के आधार पर, डब्ल्यूएचओ ने सिफारिश की है कि- 

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- इस बीमारी के लिए अंग्रेजी में mpox को अपनाया जाएगा.

- मंकी पॉक्स की जगह एमपॉक्स नाम का इस्तेमाल किया जाएगा, इस बदलाव के लिए एक साल का समय दिया गया है. इस समय में आईसीडी अपडेट की प्रोसेस भी पूरा कर लेगा और डब्ल्यूएचओ को पब्लिकेशन में बदलाव के लिए समय मिल जाएगा. 

- mpox को आने वाले दिनों में ICD-10 ऑनलाइन में शामिल किया जाएगा. यह ICD-11 की 2023 की ऑफिशियल रिलीज़ में शामिल होगा.

- ICD में "मंकीपॉक्स" शब्द को भी खोजा जा सकेगा.

आमतौर पर, ICD अपडेट करने की प्रक्रिया में कई साल लग सकते हैं. हालांकि, इस बीमारी के मामले में अपडेट प्रोसेस को तेज किया गया था. जिन लोगों से नाम बदलने को लेकर परामर्श किया गया उनमें चिकित्सा, वैज्ञान और वर्गीकरण और सांख्यिकी सलाहकार समितियों के विशेषज्ञ शामिल थे. इसमें 45 देशों के सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधि शामिल थे.

आपको बता दें कि ये वायरस पशुओं से फैलता है और इंसानों में बहुत तेजी से बढ़ता है. वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क इसे महामारी घोषित कर चुका है. मंकीपॉक्स चेचक की तरह होता है. इसकी पहली स्टेज में संक्रम‍ित व्यक्त‍ि में लक्षण दिखने लगते हैं. इसमें लक्षण अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़े होते हैं. इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार महसूस होता है. साथ ही, शरीर में दर्द और थकान भी महसूस हो सकती है. दूसरे चरण में स्किन पर कहीं-कहीं गांठ दिखने लगती हैं. इसके बाद शरीर के कुछ हिस्सों में चकत्ते आ जाते हैं और फिर यही चकत्ते बडे़ दाने में बदल जाते हैं.

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