
आपके सामने पेश है सूरज की सबसे साफ-सुथरी और HD फोटो. इस तस्वीर को बनाने के लिए 90 हजार फोटो को जोड़ा गया है. तब जाकर यह पूरी फोटो इतनी बारीकियों के साथ बन पाई है. इसे दो एस्ट्रोफोटोग्राफर्स एंड्र्यू मैक्कार्थी और जेसन गुएनजेल ने मिलकर बनाया है. इसके लिए दोनों ने NASA के डेटा का सहारा लिया है.
पृथ्वी की इमेज में आपको नीला समुद्र, बादल और जमीन दिखते हैं. लेकिन हमारे तारें की तस्वीर में आपको चारों तरफ सिर्फ आग ही आग दिखेगी. आग की लहरें बहती हुई दिखाई देंगी. सांप की तरह रेंगती प्लाज्मा लहरें दिखेंगी. सतह से निकलते सौर तूफान और चक्रवात दिखाई देंगे. सूरज की इतनी खूबसूरत फोटो आजतक नहीं बनाई गई है.
एंड्र्यू और जेसन ने इस तस्वीर को बनाने के लिए कुछ अपने फोटोग्राफ्स भी इस्तेमाल किए हैं. इसके अलावा नासा के सोलर एंड हेलियोस्फेयरिक ऑब्जरवेटरी स्पेसक्राफ्ट (SOHO) से ली गई तस्वीरों का सहारा लिया है. ये स्पेसक्राफ्ट 1995 में नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने मिलकर लॉन्च किया था.
दोनों ने 90 हजार सैटेलाइट इमेज को जोड़कर सूरज की ये बेहतरीन तस्वीर बनाई है. इसे नाम दिया है फ्यूजन ऑफ हेलियोस (Fusion of Helios). इस तस्वीर में दोनों ने सूरज की सतह पर चल रही हलचल को दिखाया है. एंड्र्यू ने कहा कि हम एस्ट्रोफोटोग्राफी को एक अलग मुकाम तक पहुंचाना चाहते हैं. ताकि साइंस तो दिखे साथ ही वह कलात्मक भी हो. इसलिए हमने सूरज की ये हाइपर-एक्यूरेट इमेज बनाई है.
यह सूरज की फुल मोजैक इमेज है. सबसे बड़ी चुनौती थी कैमरा और सैटेलाइट की तस्वीरों को मिलाना. हम इस तस्वीर में सूरज के सबसे बाहरी परत यानी कोरोना को दिखा रहे हैं. साथ में क्रोमोस्फेयर भी है. यानी प्लाज्मा की पतली परत जो कोरोना और सूरज के विजिबल सरफेस के बीच दिखती है. ये सिर्फ खास यंत्रों से देखने पर दिखाई देती है. लेकिन हमने इस तस्वीर में तीनों चीजों को दिखााया है.
एंड्र्यू ने बताया कि हमने इसमें सूरज के वायुमंडल की कई परतों को कुरेदा है. उन्हें एकसाथ रखकर यह तस्वीर बनाई है. आप इस तस्वीर को ढंग से देखेंगे तो आपके एक लेयर के नीचे दूसरी लेयर भी दिखाई देगी. ऐसा सूरज की चमक की वजह से संभव हो पाया है. कोरोना तभी दिखता है जब सूरज पूरी तरह से ढंका हुआ हो. यानी पूर्ण सूर्य ग्रहण में.
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से हमने 90 हजार फोटोग्राफ्स को जोड़ा. तब जाकर अंतिम तस्वीर निकल कर आई है. इसमें हमें सूरज से निकल रहे सौर चक्रवात (Solar Tornado) भी दिख रहा है. यह टॉरनैडो 14 धरती की ऊंचाई के बराबर था.