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NASA ने चांद पर देखा रहस्यमयी यान... तेज स्पीड में लगा रहा था चक्कर, हैरान करने वाला खुलासा

चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे NASA के स्पेसक्राफ्ट ने वहां एक रहस्यमयी उड़ती हुई वस्तु देखी. इसकी तस्वीर भी ली. यह किसी सर्फबोर्ड की तरह दिखता है. काफी जांच-पड़ताल के बाद नासा वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि चांद पर उड़ती हुई ये चीज क्या है?

लाल घेरे में दिख रहा है वो रहस्यमयी यान, जिसने कुछ देर के लिए उड़ा दिए नासा वैज्ञानिकों के होश. (फोटोः NASA) लाल घेरे में दिख रहा है वो रहस्यमयी यान, जिसने कुछ देर के लिए उड़ा दिए नासा वैज्ञानिकों के होश. (फोटोः NASA)
आजतक साइंस डेस्क
  • ह्यूस्टन,
  • 11 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST

NASA के लूनर रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर (Lunar Reconnaissance Orbiter - LRO) चांद की तस्वीरें ले रहा है. वह लगातार चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है. इसी बीच उसे एक रहस्यमयी चीज दिखाई पड़ी. यह किसी सर्फबोर्ड (Surfboard) जैसी थी. सर्फबोर्ड यानी वो बोर्ड जिसपर खड़े होकर लोग समंदर की लहरों की सवारी करते हैं. 

पहले लगा कोई UFO या एलियन शिप है. नासा के वैज्ञानिक हैरान रह गए. क्योंकि नासा के वैज्ञानिकों ने कभी भी इस तरह की लंबे आकार वाली वस्तु को चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते नहीं देखा था. फिर उन्होंने LRO की तस्वीर की जांच शुरू की. इसके बाद उस वस्तु की 5 और 6 मार्च को और तस्वीरें ली गईं. 

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ये है दक्षिण कोरिया का दानुरी स्पेसक्राफ्ट जो काफी तेज गति से चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है. 

नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि गहन अध्ययन और उस रहस्यमयी वस्तु की लोकेशन की जांच करने पर पता चला कि वो दक्षिण कोरिया का लूनर ऑर्बिटर दानुरी (Lunar Orbiter Danuri) है. यह इसलिए ऐसा दिख रहा था क्योंकि दोनों स्पेसक्राफ्ट यानी नासा का LRO और कोरिया का दानुरी अलग-अलग ऑर्बिट में एकसाथ घूम रहे थे. 

दानुरी दक्षिण कोरिया का पहला मून ऑर्बिटर है

मैरीलैंड स्थित नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिकों ने बताया कि LRO के कैमरे का एक्सपोजर टाइम बहुत कम है. यह सिर्फ 0.338 मिलिसेकेंड है. इसलिए उसे तस्वीर लेने में दिक्कत हो रही थी. लेकिन उसने दानुरी की कई तस्वीरें लीं. यह दक्षिण कोरिया का पहला यान था, जो दिसंबर 2022 को चांद की ऑर्बिट में पहुंचा था. 

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दोनों की स्पीड के अंतर ने किया कन्फ्यूजन

LRO और दानुरी के बीच स्पीड का अंतर है. दोनों की स्पीड में करीब 11,500 km/hr का अंतर है. इसलिए जब LRO ने फोटो ली तो छोटा सा दानुरी स्पेसक्राफ्ट एक विशालकाय एलियन शिप की तरह दिखने लगा. वह अपने निश्चित आकार से 10 गुना ज्यादा बड़ा दिख रहा था. तेज गति की वजह से वह सर्फबोर्ड जैसा दिखने लगा. 

जानिए... क्या कहते हैं अमेरिकी एक्सपर्ट?

जबकि दानुरी स्पेसक्राफ्ट किसी सर्फबोर्ड की तरह एकदम नहीं है. वह बक्से जैसे हैं. जिसके दो तरफ सोलर पैनल्स लगे हैं. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में प्लैनेटरी साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर पॉल बायर्न ने कहा कि दानुरी एक सामान्य ऑर्बिटर की तरह ही है. लेकिन अधिक गति की वजह से वह LRO के कैमरे में किसी सर्फबोर्ड की तरह कैद हुआ. 

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