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गहरे अंतरिक्ष में खोजा गया रहस्यमयी रेडियो सिग्नल, हैरान हुए वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों ने गहरे अंतरिक्ष में एक रहस्यमयी रेडियो सिग्नल (Radio Signal) की खोज की है. इस रेडियो सिग्नल को लेकर वैज्ञानिक आश्चर्य में पड़ गए हैं.

इस तारे से स्टार सिस्टम को समझा जा सकता है (Photo: NASA) इस तारे से स्टार सिस्टम को समझा जा सकता है (Photo: NASA)
aajtak.in
  • सिडनी,
  • 04 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST
  • Vela-X 1 region से निकली थी पल्स
  • पल्स करीब 300 मिलीसेकंड तक चली

वैज्ञानिकों ने एक न्यूट्रॉन तारे (Neutron Star) की खोज की है. यह तारा पृथ्वी से 1,300 प्रकाश वर्ष दूर खोजा गया है. शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि इस तारे से स्टार सिस्टम को समझा जा सकता है. 

सिडनी यूनिवर्सिटी (University of Sydney) में लेक्चरर मनीषा कालेब (Manisha Caleb) और मीरट्रैप (MeerTRAP) टीम का ध्यान गैलेक्सी के वेला-एक्स 1 रिजन (Vela-X 1 region) से निकलने वाली एक अजीब पल्स (Pulse) पर गया. मनीषा का कहना है कि यह पल्स करीब 300 मिलीसेकंड तक चली.

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 डेटा से स्टेलर ऑब्जेक्ट्स के एक नए क्लास का पता लगेगा (Photo: NASA)

उस इलाके के डेटा में गहराई से खोज करने पर अन्य पल्स के रिकॉर्ड भी मिले. मनीषा का कहना है कि डेटा हमें स्टेलर ऑब्जेक्ट्स के एक नए क्लास के बारे में बता सकता है. शोधकर्ताओं ने पल्स PSR J0941-4046 के लिए न्यूट्रॉन स्टार को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि इसमें 'पल्सर' (Pulsar) या 'मैगनेटर' (Magnetor) की कुछ विशेषताएं हैं.

पल्सर विशालकाय टूटे तारे के बेहद घने अवशेष होते हैं. ये आमतौर पर अपने ध्रुवों से रेडियो तरंगों (Radio Waves) का उत्सर्जन करते हैं और तारे के घूमने पर, पल्स को अक्सर पृथ्वी से मापा जा सकता है.

न्यूट्रॉन स्टार 'ग्रेवयार्ड' के अंदर खोजा गया PSR J0941-4046 ​​​​​​(Photo: NASA)

लेकिन शोधकर्ता पल्स की लंबाई को लेकर हैरान थे. फिलहाल, पल्सर से सबसे लंबा घुमाव केवल 23.5 सेकंड का है. वैज्ञानिकों को लगता है कि उन्हें रेडियो-एमिटिंग ऑब्जेक्ट (Radio-Emitting Objects) का एक नया क्लास मिला है.

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नेचर एस्ट्रोनॉमी (Nature Astronomy) में इस शोध के नतीजे प्रकाशित किए गए हैं. ग्रुप ने इसे न्यूट्रॉन स्टार 'ग्रेवयार्ड'(Graveyard) के अंदर खोजा. अंतरिक्ष का वह खास इलाका जहां से PSR J0941-4046 की खोज की गई, सिद्धांत के मुताबिक वह न्यूट्रॉन सितारों से भरा हुआ है. इसलिए, वे उतने सक्रिय या बिल्कुल भी सक्रिय नहीं हैं.

 

क्योंकि PSR J0941-4046 अब भी रेडियो सिग्नल का उत्सर्जन कर रहा है. इनमें से एक तरह की पल्स 'क्वासी-पीरियोडिक' (Quasi-Periodic) है, यह इस बारे में ज़्यादा जानकारी दे सकता है कि PSR J0941-4046 कैसे काम करता है. इस खोज में ज़्यादा दिलचस्प बात यह है कि कालेब और बाकी लोगों को भी इस बात का यकीन नहीं है कि PSR J0941-4046 सिग्नल छोड़ने वाली चीज़ है.

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