
हवाई द्वीप के ऊपर आसमान में 18 जनवरी को एक नीले रंग का घूमता हुआ बादल दिखाई दिया. जैसे अंतरिक्ष में कोई आकाशगंगा हो. लेकिन अचानक बना और तेजी से घूमते हुए फिर गायब हो गया. इस वजह से वैज्ञानिक हैरान हैं कि कहीं ये कोई एलियन यान तो नहीं है. असल में इस रहस्यमयी भंवर (Mysterious Whirlpool) को जापान के सुबारू टेलिस्कोप (Subaru Telescope) ने देखा था.
सुबारू टेलिस्कोप इस रहस्यमयी घूमते हुए बादलों के भंवर को स्पेसएक्स (SpaceX) के फॉल्कन-9 रॉकेट के लॉन्च के थोड़ी देर बाद देखा था. इस रॉकेट में अमेरिकी मिलिट्री का बड़ा सैटेलाइट था. सुबारू टेलिस्कोप पर काम करने वाले रिसर्चर इची तनाका ने बताया कि वो काम करने में व्यस्त थे. उन्होंने टेलिस्कोप में उस तरफ देखा ही नहीं. लेकिन तभी किसी ने उन्हें यूट्यूब वीडियो का स्क्रीनशॉट भेजा.
इसके बाद इची तनाका ने टेलिस्कोप का ऊपरी हिस्सा खोला. फिर जो उन्होंने देखा वो हैरान करने वाला था. इसके बाद उनके टेलिस्कोप सेंटर के ट्विटर हैंडल से उन्होंने इस वीडियो को ट्वीट किया. यह रहस्यमयी नीले बादलों का भंवर माउना किया ज्वालामुखी (Mauna Kea Volcano) के ऊपर मंडरा रहा था. फिर गायब हो गया.
सुबारू टेलिस्कोप के सुबारू-असाही स्टार कैमरा ने इस नजारे को कैप्चर किया था. माना जा रहा है कि यह फ्लोरिडा के केप केनवरल से छोड़े गए स्पेसएक्स के रॉकेट लॉन्च के बाद का है. रॉकेट के दूसरे हिस्से के अलग होने के बाद वहां बने ईंधन के बादलों से यह भंवर बना. यह तब होता है जब पहले स्टेज का रॉकेट सेकेंड स्टेज से अलग होता है. वह धरती की तरफ लौटता है. जबकि, सेकेंड स्टेज सैटेलाइट को अंतरिक्ष की तरफ पुश करता है.
वैज्ञानिकों ने स्टडी करके बताया कि यह भंवर इसलिए बना क्योंकि जब फॉल्कन-9 रॉकेट का पहला स्टेज यानी मुख्य बूस्टर धरती पर आने के लिए ईंधन को अंतरिक्ष में डंप करता है, तब ऐसे बादलों का भंवर बना. क्योंकि रॉकेट की मूवमेंट की वजह, अंतरिक्ष में ईंधन का छूटना और वहां रॉकेट की वजह से क्रिएट हुई हवा ने ईंधन के बादलों को घूमा दिया. घूमते-घूमते यह भंवर हवा में मिलकर खत्म हो गया.
ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है जब किसी रॉकेट के लॉन्च होने के बाद आसमान में भंवर बना हो. इससे पहले पिछले साल जून में न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन के ऊपर भी ऐसा ही स्पाइरल देखने को मिला था. तब भी फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के रॉकेट की लॉन्चिंग हुई थी. स्पेसएक्स के रॉकेट बूस्टर की वजह से इन भंवरों का बनना लगातार हो रहा है. वह भी प्रशांत महासागर के ऊपर. असल में इसे स्मोक रिंग (Smoke Ring) कहते हैं.