अंतरिक्ष में दिखा रहस्यमयी 'भूतिया' हरे रंग का गोला, वैज्ञानिक ने बताया क्या चीज है ये

अंतरिक्ष में एक हरे रंग का गोला दिखा है जो भूत की तरह दिखता है और गायब भी हो जाता है. अदृश्य होते हुए भी मौजूद रहता था. वैज्ञानिकों ने अब इसके रहस्य का खुलासा किया है.

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Mystery of Ghostly Odd Radio Circles: ये है वो हरे रंग का गोला, जो दिखते-दिखते गायब हो जाता है. (फोटोः CSIRO) Mystery of Ghostly Odd Radio Circles: ये है वो हरे रंग का गोला, जो दिखते-दिखते गायब हो जाता है. (फोटोः CSIRO)

aajtak.in

  • पर्थ,
  • 23 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST
  • इसके अंदर गैलेक्सी और ब्लैक होल्स थे
  • अब भी इसमें समा जाएंगी कई गैलेक्सी
  • दिखता नहीं है पर रहता है वहीं मौजूद

जमीन से आसमान देखिए. आपको कई रंग और आकार के टिमटिमाते तारे दिखेंगे. वायुमंडल प्रदूषण मुक्त रहा तो आप आकाशगंगा के हिस्सों को भी देख सकते हैं. लेकिन उसकी गहराइयों में देखने के लिए आपको दूरबीन की जरूरत पड़ेगी. अंतरिक्ष में कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं, जिन्हें देखने के लिए खास तरह के टेलिस्कोप की जरूरत होती है. क्योंकि ये चीजें ऑप्टिकल टेलिस्कोप से नहीं दिखती. इन्हें देखने के लिए रेडियो टेलिस्कोप की जरूरत पड़ती है. 

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करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों को अक्सर ऑड रेडियो सर्कल्स (Odd Radio Circles - ORC's) दिख जाते हैं. शुरुआत में तो वैज्ञानिक इनकी मौजूदगी को लेकर परेशान थे. क्योंकि स्पेस में जाती हुई रोशनी की तरंगें अचानक से घूम जाती थीं. जबकि उसके रास्ते में कुछ दिखता भी नहीं था. यानी स्पेस में कुछ है लेकिन दिख नहीं रहा है. तब वैज्ञानिकों ने एक ORC पर फोकस किया. इसका नाम है ORC1C. 

ऊपर गोलाकर अंदर जटिल प्रणाली का चक्र

वैज्ञानिकों ने जब रेडियो टेलिस्कोप का उपयोग किया तब यह गोला पूरी तरह से सामने आया. जांच में पता चला कि यह तेजी से घूम रहे आवेषित इलेक्ट्रॉन्स से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से बना है. जिसके अंदर एक जटिल प्रणाली और ढांचा होता है. ऊपर से यह गोलाकार दिखता है लेकिन इसके अंदर काफी ज्यादा बदलाव होते रहते हैं. जिसकी वजह से यह कभी दिखता है, कभी नहीं दिखता. ज्यादा समय नहीं दिखता पर अपनी जगह पर मौजूद होता है. 

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ये है उसी हरे रंग के गोले की धुंधली तस्वीर जिसे रेडियो टेलिस्कोप ने देखा. (फोटोः मीरकैट)

इंटर-यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट फॉर डेटा इंटेंसिव एस्ट्रोनॉमी में काम करने वाले साइंटिस्ट डॉ. जॉर्डन कोलियर ने अपने बयान में कहा कि लोग चाहते हैं कि वो ऑब्जरवेशन को सही तरीके से दिखाएं. हमने इसे दिखाने के लिए रेडियो टेलिस्कोप की मदद ली. तब जाकर इसकी आकृति पता चली. नहीं तो यह रहस्यमयी भूतिया चीज बनी रहती. हमें इसके बारे में कुछ पता ही नहीं चलता. 

कैसे बनते हैं ऑड रेडियो सर्कल्स (Odd Radio Circles - ORC's)

ऑड रेडियो सर्कल्स (Odd Radio Circles - ORC's) के बनने की तीन संभावित वजहें हो सकती हैं.  पहली ये कि इनका निर्माण किसी अंडाकार आकशगंगा के बीच दो अत्यधिक विशालकाय ब्लैकहोल्स के टकराने की वजह से हुआ हो. जो कि ORC1C के अंदर ही रहे हों. दूसरी संभावना ये है कि सुपरमैसिव ब्लैक होल्स पहले कभी एक्टिव जेट स्ट्रीम छोड़ रहे हो, इसी जेट के खत्म होने के समय यह बची हुई स्ट्रीम से ये बने हो. तीसरी संभावना ये है कि ये गैलेक्सी के अंदर किसी तारे का विस्फोट हुआ हो. कई तारे एकसाथ बन रहे हो. जिसकी वजह से आवेषिक कणों की ताकतवर आंधी का निर्माण हुआ हो. 

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डॉ. जॉर्डन कोलियर कहते हैं कि जरूरी नहीं कि ये सभी संभावनाएं ORC1C के निर्माण में एकदम फिट बैठती हो. लेकिन इसमें तारों के टूटने यानी तीसरी वाली संभावना ज्यादा सटीक लगती है. इस स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता प्रो. रे नॉरिस कहते हैं कि ORC1C एक धुंधले रेडियो उत्सर्जन का गोला है. जिसने एक आकाशगंगा को कवर करके रखा था. जिसके अंदर एक सक्रिय ब्लैक होल था. वह भी उसके केंद्र में. लेकिन ये कैसे बना इसके बारे में कुछ भी नहीं पता. हमने इसकी जांच स्क्वायर किलोमीटर एरे ऑस्ट्रेलिया, मीरकैट टेलिस्कोप दक्षिण अफ्रीका की मदद से की. 

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