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अंतिम सांसें ले रहा है नैनीताल का फेमस व्यू प्वाइंट, दरारों से खाई में धंसने का खतरा

नैनीताल का लोकप्रिय पिकनिक स्थल टिफिन टॉप अब अंतिम सांसें ले रहा है. इसे डोरोथी सीट (Dorothey Seat) के नाम से भी जाना जाता है. यह ऊंचाई पर मौजूद ऐसी जगह है, जहां से आप नैनीताल शहर और कुमाऊं इलाके की पहाड़ियों का 360 डिग्री व्यू देख सकते हैं. लेकिन अब यह जर्जर होता जा रहा है.

ये है नैनीताल के टिफिन टॉप का डोरोथी सीट, जो बेहद बुरी हालत में है. जर्जर हो चुका है. ये है नैनीताल के टिफिन टॉप का डोरोथी सीट, जो बेहद बुरी हालत में है. जर्जर हो चुका है.
लीला सिंह बिष्ट
  • नैनीताल,
  • 09 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

टिफिन टॉप असल में अयारपाटा पहाड़ की ऊंची जगह पर मौजूद है. यहां लोग ट्रैक करके जाते हैं. या फिर घुड़सवारी करके. ऊंचाई पर जाने के बाद जब आप चारों तरफ का नजारा देखते हैं, तो सारी थकान मिट जाती है. कहते हैं कि ब्रिटिशकाल में केलेट डोरोथी नाम की ब्रिटिश महिला यहां बैठकर पेंटिंग करती थी. इंग्लैंड जाते वक्त जहाज में सेप्टिसिमिया से उसकी मौत हो गई. इसके बाद केलेट के पति ने इस जगह को डोरोथी सीट नाम दे दिया. 

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टिफिन टॉप नैनीताल शहर से करीब पांच किलोमीटर ऊपर है. यहां पहुंचने के लिए बारापत्थर से होकर गुजरना होता है. यह करीब 7520 फीट की ऊंचाई पर है. पिछले दो तीन सालों से टिफिन टॉप में स्थित डोरोथी सीट के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. भूस्खलन के चलते यहां बड़ी और गहरी दरारें आ गई हैं. इन दरारों की वजह से डोरोथी सीट खाई में समा सकती है. 

इन दरारों के बावजूद यहां किसी भी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था दिखती. यहां आने वाले पर्यटक भी इन दरारों को नजरअंदाज कर बिल्कुल कोने में खड़े होकर फ़ोटो खिंचवाते है. अपनी जान को खतरे में डालते हैं. डोरोथी सीट आज महज एक seorang triprocamere बोल्डर पर टिकी है. 

यहां पर्यटकों की आमद मई और जून में ही नही बल्कि सालभर रहती है. साल 2020 में तत्कालीन जिलाधिकारी सविन बंसल और भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम ने टिफिन टॉप की पहाड़ी में आए भूस्खलन की जांच की थी. इसके बाद ट्रीटमेंट की बात कही गई थी लेकिन ये केवल फाइल्स में दब कर रह गई. साल 2021 में फिर जिला प्रशासन ने निरीक्षण किया पर कोई समाधान नही निकला. 

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नैनीताल  के वर्तमान जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने टिफिन टॉप मुख्य पर्यटक स्थल/डोरोथी सीट (व्यू प्वांइट) पर दरारें आने और भूस्खलन की जांच के लिए भू-वैज्ञानिक, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, सहायक अभिन्यता सिंचाई, प्रान्तीय खण्ड लोनिवि, राजस्व एवं वन विभाग की स्थलीय सर्वे के लिए टीम बनाई. टीम ने 8 मई को इस जगह की जांच की.  

टीम ने सर्वे में पाया कि उत्तरी व दक्षिणी छोर पर पड़ी दरारें कार्बोनेट चट्टानों की संधियों के बीच विचलन से उत्पन्न हुई है. जब तक स्थाई रूप से भू-तकनीकी सर्वेक्षण न हो तब तक पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की सुरक्षा के हिसाब से डोरोथी सीट व्यू प्वाइंट लोगों का आना-जाना प्रतिबन्धित किया जाए. 

जिला प्रशासन ने अब लोगों को वहां जाने पर रोक लगा दिया है. संवेदनशील डोरोथी सीट (व्यू प्वांइट) स्थल पर चेतावनी, कॉशनबोर्ड के साथ ही प्रवेश स्थल के आस-पास मजबूत बेरिकेटिंग लगाने की तयारी चल रही है. 

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