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Artemis 1 Mission: धरती से सबसे दूर पहुंच कर वापस लौट रहा है ओरियन स्पेसक्राफ्ट

नासा के Artemis 1 मिशन को 14 दिन हो चुके हैं. इस दौरान ओरियन स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी से अधिकतम दूरी तक पहुंचा. इस स्पेसक्राफ्ट ने चांद के चक्कर लगाए और अब ये वापस लौट रहा है. 11 दिसंबर तक ये पृथ्वी पर पहुंच जाएगा.

पृथ्वी से अबतक की सबसे लंबी दूरी तय कर चुका है ओरियन (Photo: NASA) पृथ्वी से अबतक की सबसे लंबी दूरी तय कर चुका है ओरियन (Photo: NASA)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

आर्टेमिस प्रोग्राम की पहली फ्लाइट आर्टेमिस 1 (Artemis 1), ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) सोमवार को पृथ्वी से करीब 435,000 किलोमीटर की दूरी पर था, जो पृथ्वी से इस स्पेसक्राफ्ट की सबसे लंबी दूरी थी. ओरियन स्पेसक्राफ्ट चांद के दो चक्कर लगाने के बाद अब वापस लौट रहा है. 

शनिवार, 26 नवंबर को, बिना क्रू का यह कैप्सूल पृथ्वी से 400,171 किमी की दूरी पर था, जो अपोलो 13 क्रू कमांड मॉड्यूल द्वारा तय की गई रिकॉर्ड दूरी थी.  

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नासा का ओरियन कैप्सूल 11 दिसंबर को पृथ्वी पर लौट आएगा (Photo: NASA)

नासा के मंगल मिशन के बाद, अर्टेमिस-1 आर्टिमिस प्रोग्राम का पहला मिशन है. इस स्पेसक्राफ्ट को 16 नवंबर को नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) से लॉन्च किया गया था. आर्टिमिस मिशन, भविष्य में होने वाले मानव मिशनों से पहले, स्पेस क्राफ्ट को जांचने और इसकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए बिना क्रू का मिशन है. इसका उद्देश्य 2020 के दशक के अंत तक चंद्रमा पर क्रू रिसर्च बेस स्थापित करना है.

इस मिशन को 14 दिन हो चुके हैं और ये अब वापसी की ओर है. ओरियन कैप्सूल इस वक्त पृथ्वी से करीब 418234 किलोमीटर की दूरी पर है. ये स्पेसक्राफ्ट 3038 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के करीब आ रहा है. 

 

 

ओरियन 11 दिसंबर को पृथ्वी पर वापस आ जाएगा. ये कैलिफ़ोर्निया के तट से दूर प्रशांत महासागर में उतरेगा. अगर आर्टेमिस 1 मिशन सफल रहता है, तो नासा आर्टेमिस 2 की तैयारी करेगा. इस मिशन के अंतर्गत, 2024 या उसके आसपास एस्ट्रोनॉट्स को चंद्रमा के आसपास भेजा जाएगा. 2025 में, नासा ने आर्टेमिस 3 को लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा.

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