
चंद्रमा की सतह पर लंबी दूरी तय करने के लिए नासा अपने एस्ट्रोनॉट्स के लिए कार बनवा रहा है. इस काम के लिए उसने तीन कंपनियों को चुना है. इंट्यूशिव मशींस (Intuitive Machines), लूनर आउटपोस्ट (Lunar Outpost) और वेंटुरी एस्ट्रोलैब (Venturi Astrolab) को नासा ने लूनर टरेन व्हीकल्स (Lunar Terrain Vehicles - LTV) बनाने का काम सौंपा है.
ये तीनों कंपनियां अब नासा के अर्टेमिस मून मिशन (Artemis Moon Mission) के लिए लूनर रोवर बनाएंगे. इन रोवर्स का इस्तेमाल करके एस्ट्रोनॉट्स चांद की सतह पर ज्यादा दूरी तक रिसर्च वर्क कर पाएंगे. ये गाड़ियां अर्टेमिस-5 मिशन में एस्ट्रोनॉट्स के साथ चांद पर भेजी जाएंगी. जिसका टारगेट 2029 है.
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ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉन्सन स्पेस सेंटर की डायरेक्टर वनेसा वाइस ने कहा कि हम अर्टेमिस जेनरेशन लूनर एक्स्प्लोरेशन व्हीकल बनाने जा रहे हैं. ये गाड़ियां चांद पर एस्ट्रोनॉट्स की ताकत और क्षमता बहुत ज्यादा हद तक बढ़ा देंगी. नासा अपने LTV को निजी कंपनियों से बनवाएगी.
38 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
चांद पर चलने वाली गाड़ियों के लिए तीनों कंपनियों को नासा कुल 38,374 करोड़ रुपए देगा. सभी कंपनियां पहले फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाएंगे. साल भर स्टडी करेंगी. उसके बाद नासा की जरूरतों के हिसाब से एलटीवी बनाएंगी. लेकिन सिर्फ एक ही कंपनी की एलटीवी चांद पर भेजी जाएगी. बाकी दो कंपनियां चाहें तो अपना रिसर्च जारी रख सकती हैं. या अपनी गाड़ियों को किसी अन्य प्राइवेट एजेंसी के जरिए चांद पर पहुंचा सकती हैं.
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एक कंपनी की गाड़ी होगी सेलेक्ट
ये भी संभव है कि नासा भविष्य में इनमें से एक कंपनी की गाड़ी सेलेक्ट करे. बाकी दो कंपनियों की गाड़ियों यानी एलटीवी को बैकअप के तौर पर रखे. अर्टेमिस मिशन के दौरान ये एलटीवी रिमोटली ऑपरेट करके भी देखी जाएंगी. ताकि चांद पर कॉमर्शियल एक्टीविटीज के लिए भी इस्तेमाल की जा सकें.
कई तरह से मदद करेंगे LTV
LTV का इस्तेमाल बिना एस्ट्रोनॉट के उन जगहों पर भी किया जा सकता है, जहां पर जाने में खतरा है. या जहां के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं है. जैसे चांद के अंधेरे वाला हिस्सा. या किसी क्रेटर में जाने से पहले इन एलटीवी को भेजकर उस जगह की रेकी कर ली जाए.