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कब और कैसे धरती पर लौटेंगी सुनीता विलियम्स? NASA ने बताया तारीख और समय

नासा ने सुनीता विलियम्स की पृथ्वी वापसी की तारीख तय कर दी है. वह भारतीय समयानुसार 19 मार्च यानी बुधवार की अलसुबह 3 बजकर 27 मिनट पर पृथ्वी पर वापस आएंगी.

स्पेस स्टेशन में हैच से झांककर फोटो खिंचवाते सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और अन्य एस्ट्रोनॉट. (फोटोः नासा) स्पेस स्टेशन में हैच से झांककर फोटो खिंचवाते सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और अन्य एस्ट्रोनॉट. (फोटोः नासा)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST

नासा और स्पेसएक्स ने रविवार को फ्लोरिडा के तट पर मौसम और स्प्लैशडाउन की स्थितियों का मूल्यांकन करने के लिए बैठक की, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से एजेंसी के क्रू-9 मिशन की वापसी हो सके. 

मिशन प्रबंधक 18 मार्च की शाम को अनुकूल परिस्थितियों के पूर्वानुमान के आधार पर पहले क्रू-9 रिटर्न के मौके को देख रहे हैं. नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव धरती पर वापस आएंगे. ऑर्बिटिंग प्रयोगशाला में एक लंबी अवधि के विज्ञान अभियान को पूरा कर रहे हैं. 

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ये है नासा की तैयारी 

मिशन प्रबंधक क्षेत्र में मौसम की स्थितियों की निगरानी करना जारी रखेंगे, क्योंकि ड्रैगन का अनडॉकिंग विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें अंतरिक्ष यान की तैयारी, रिकवरी टीम की तैयारी, मौसम, समुद्री स्थितियां और अन्य कारक शामिल हैं. नासा और स्पेसएक्स क्रू-9 की वापसी के करीब स्प्लैशडाउन स्थान की पुष्टि करेंगे.

क्या है ड्रैगन कैप्सूल?

नासा ने सुनीता को लाने के लिए SpaceX के Dragon Crew Capsule को चुना है. ये कैप्सूल अपने बनने के बाद से अब तक 49 बार लॉन्च हो चुका है.ड्रैगन कैप्सूल ने 44 बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा की है. 29 बार रीफ्लाइट हुई है.  

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यह दुनिया का पहला निजी स्पेसक्राफ्ट है, जो लगातार स्पेस स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स और कार्गो लेकर आता-जाता रहा है. खाली कैप्सूल का वजन 7700 kg होता है. जब यह कार्गो और एस्ट्रोनॉट्स के साथ लॉन्च किया जाता है, तब इसकी अधिकतम वजन क्षमता 12,500 किलोग्राम होती है. 

इमरजेंसी में 7 लोग बैठ सकते हैं

यह किसी ऑर्बिट में 6000 kg तक का वजन पहुंचा सकता है. स्पेस स्टेशन तक यह 3307 kg वजन पहुंचा सकता है या वापस ला सकता है. आमतौर पर इसमें 2 से 4 एस्ट्रोनॉट्स बैठते हैं. इमरजेंसी इवैक्यूएशन यानी आपातकालीन स्थिति में इसमें सात एस्ट्रोनॉट्स के बैठने की व्यवस्था की जा सकती है. 

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अगर यह सिर्फ अपने दम पर धरती की निचली कक्षा में उड़ान भरे तो यह 10 दिन तक अंतरिक्ष में रह सकता है. लेकिन स्पेस स्टेशन से जोड़ दिया जाए तो यह 210 दिनों तक अंतरिक्ष में रह सकता है. SpaceX ने इसके कई वैरिएंट बनाए हैं. अब तक 12 डैग्रन कैप्सूल बनाए जा चुके हैं. 6 क्रू, 3 कार्गो और 3 प्रोटोटाइप.   

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कितने कैप्सूल काम कर रहे हैं?

ड्रैगन क्रू कैप्सूल की ऊंचाई 15 फीट है. लेकिन नीचे प्रोपल्शन सिस्टम को मिलाकर इसकी ऊंचाई 26.7 फीट हो जाती है. कैप्सूल के अंदर 13 फीट का व्यास और 12 फीट की चौड़ाई है. इस समय कुल 8 ड्रैगन कैप्सूल ऑपरेशनल हैं. जिसमें से चार क्रू कैप्सूल हैं यानी एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पहुंचाने और वापस लाने के लिए. 

तीन कार्गो कैप्सूल यानी सामान के लिए. एक प्रोटोटाइप. तीन कैप्सूल रिटायर हो चुके हैं, जिसमें एक क्रू था और दो प्रोटोटाइप थे. इस कैप्सूल की पहली मानवरहित उड़ान 2 मार्च 2019 में हुई थी. मानवयुक्त पहली उड़ान 20 मई 2020 को हुई थी. पहली कार्गो उड़ान 6 दिसंबर 2020 को हुई थी. इसे आमतौर पर स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 ब्लॉक 5 रॉकेट से लॉन्च किया जाता है. इसमें स्पेस स्टेशन तक जाने और वापस आने के लिए 2563 kg ईंधन डाला जाता है.

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