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NASA ने आधिकारिक तौर पर मार्स इनसाइट लैंडर मिशन को किया रिटायर, 4 साल तक मंगल पर किया काम

नासा ने अपने Mars InSight lander को आखिरकार रिटायर घोषित कर दिया है. इस लैंडर को मंगल ग्रह पर 2018 में भेजा गया था और ये तभी से वहां से कई महत्वपूर्ण जानकारियां पृथ्वी पर भेज रहा था. पिछले कई दिनों से यहां से सिग्नल नहीं मिलने के कारण इसे रिटायर करार दिया गया.

रिटायर हुआ इनसाइट लैंडर (Photo: Reuters) रिटायर हुआ इनसाइट लैंडर (Photo: Reuters)
aajtak.in
  • लॉस एंजेल्स,
  • 27 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में, औपचारिक रूप से अपने मार्स इनसाइट लैंडर (Mars InSight lander) को रिटायर कर दिया. यह पहला रोबोटिक प्रोब था जिसे दूसरी दुनिया की गहराई से स्टडी करने के लिए डिज़ाइन किया गया था.  

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (Jet Propulsion Laboratory-JPL) के मिशन कंट्रोलर्स ने लैंडर से रेडियो संपर्क न हो पाने के बाद ये फ़ैसला किया. दरअसल, लैंडर के साथ रेडियो संपर्क के लगातार दो प्रयास विफल हो गए थे, यह इस बात का संकेत था कि इनसाइट (InSight's) की सौर ऊर्जा वाली बैटरी (Solar-powered batteries) डिस्चार्ज हो चुकी थीं.

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अक्टूबर के आखिर में नासा ने जानकारी दी थी कि लैंडर के सौर पैनलों पर लगातार धूल जम रही है. उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर यही स्थिति रही, तो कुछ ही हफ्तों में सौर पैनलों की बैटरी को रिचार्ज करने की क्षमता कम हो जाएगी. 

इनसाइट लैंडर ने मंगल ग्रह से कई अहम जानकारियां भेजी थीं (Photo: Reuters)

नासा का कहना है कि जेपीएल लेबोरेटरी के इंजीनियर लैंडर से आने वाले सिग्नल पर नज़र रखेंगे. हालांकि, अब वहां से सिग्नल मिलने की संभावना काफ़ी कम है. लैंडर ने 15 दिसंबर को आखिरी बार सिग्नल भेजे थे. 

इनसाइट लैंडर, नवंबर 2018 के आखिर में मंगल ग्रह पर उतरा था. इसमें ऐसे उपकरण थे जिन्हें ग्रहों की भूकंपीय गड़गड़ाहट (Planetary seismic rumblings) का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया था. ग्रहों की भूकंपीय गड़गड़ाहट को रिकार्ड करने वाला ये अपनी तरह का पहला उपकरण था और इसकी गंभीरता को देखते हुए, मिशन की समय सीमा को दो सालों से बढ़ाकर चार साल कर दिया गया था. 

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लैंडर की मदद से, वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह की आंतरिक संरचना के बारे में काफ़ी अहम जानकारियां हासिल हुईं. लैंडर को मंगल ग्रह की भूमध्य रेखा (Equator) के ठीक उत्तर में एलीसियम प्लैनिटिया (Elysium Planitia) नामक एक विशाल और सपाट मैदान में उतारा गया था. 

शोधकर्ताओं का कहना है कि इनसाइट लैंडर की मदद से, मंगल ग्रह के आउटर क्रस्ट की मोटाई, इसके इनर कोर के साइज़ और घनत्व और बीच में स्थित मेंटल की संरचना का पता चला है.

 

इनसाइट की मुख्य उपलब्धियों में से एक यह बताना था कि मंगल ग्रह वास्तव में, भूकंपीय रूप से काफ़ी सक्रिय है. लैंडर ने यहां 1,300 से ज़्यादा भूकंप रिकॉर्ड किए हैं. लैंडर ने  उल्कापिंड के प्रभाव (Meteorite impacts) से जनरेट हुई भूकंपीय तरंगों (Seismic waves) का डेटा भी रिकार्ड किया.

नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस ज़ुर्बुचेन (Thomas Zurbuchen) का कहना है कि इस डिस्कवरी प्रोग्राम मिशन से जो डेटा मिला है, उसे न केवल मंगल और पृथ्वी, बल्कि सौर मंडल के अन्य चट्टानी पिंडों के बारे में भी जबरदस्त जानकारियां मिली हैं. इनसाइट रोवर भले ही रिटायर हो गया हो, लेकिन मंगल पर हाल ही में भेजा गया नासा का साइंस रोवर परसर्वेंस (Perseverance rover) ग्रह से नमूने इकट्ठा कर रहा है. 

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