
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने चांद के एक ऐसे इलाके की तस्वीर पहली बार ली है, जो नया खुलासा कर रहा है. यह दक्षिणी ध्रुव के अंधेरे वाले हिस्से की तस्वीर है. इस हिस्से में एक बेहद बड़ा गड्ढा है. जिसका नाम शैक्लेटॉन क्रेटर (Shackleton Crater) है. यह दक्षिणी ध्रुव के पहाड़ी वाले हिस्से में है.
चांद इस इलाके में अपनी धुरी पर थोड़ा झुका हुआ है. इसलिए वहां की ऊंची चोटियों पर तो सूरज की रोशनी पहुंच जाती है. लेकिन इस गड्ढे में अरबों साल से नहीं पहुंची है. इसके आसपास का इलाका भी पूरी तरह से अंधेरे में रहता है. तापमान माइनस 250 के पार पहुंच जाता है. पहुंचा हुआ है. वह भी सदियों से. यहां कई जगहों पर बर्फ जमी है.
चांद के अंधेरे वाले हिस्से में काफी ज्यादा बर्फ होने का अनुमान है. शैक्लेटॉन क्रेटर की तस्वीर अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आपको गड्ढे के अंदर के हिस्से का नजारा ऐसा दिखेगा, जैसे वह बर्फ से भरा हुआ है. वहां किसी तरह का ग्लेशियर बना है. हो सकता है कि वहां पर पानी और पर्याप्त मात्रा में बर्फ हो. उम्मीद तो यही लगाई जाती है.
शैक्लेटॉन क्रेटर में तापमान माइनस 173 डिग्री सेल्सियस
चांद का अंधेरे वाला हिस्सा अभी तक एक्सप्लोर नहीं किया गया है. वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि वहां क्या है. क्या वहां पानी है. कोई और जीव रहते हैं. बर्फ है तो किस रूप में है. अगर बात करें शैक्लेटॉन क्रेटर की तो, उसके एक गहरे में बीचों-बीच तापमान माइनस 173 डिग्री सेल्सियस रहता है. अगर वहां पर पानी का भाप है, जो किसी प्राचीन धूमकेतु की टक्कर से आया हो, तो वह अब तक बर्फ बन चुका होगा. हो सकता है कि वह उसकी सतह के नीचे हो.
चीन प्रोब भेजेगा, नासा कर रहा 'रात के चश्मे' का इस्तेमाल
चीन के वैज्ञानिक एक छोटा उड़ने वाला प्रोब चांद के अंधेरे वाले हिस्से में मौजूद शैक्लेटॉन क्रेटर के अंदर भेजना चाहते हैं. ताकि प्रोब वहां की सतह पर खनन करके सैंपल जमा कर सके. चीन को यह काम करने में साल 2026 तक इंतजार करना होगा. वह ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है. वह क्रेटर के अंदर पानी और बर्फ की खोज करेगा.
वहीं NASA 'रात के चश्मों' के सहारे स्टडी कर रहा है. यानी चांद की सतह के नजदीक जाकर सैटेलाइट या ऑर्बिटर के जरिए तस्वीरें लेकर या वीडियो बनाकर. नासा का यह चश्मा यानी शैडोकैम (ShadowCam) दक्षिणी कोरिया की सैटेलाइट में लैस होकर चांद का चक्कर लगा रहा है. इस सैटेलाइट को पिछले साल अगस्त में लॉन्च किया गया था.
अंधेरे में ही फोटो लेने के लिए भेजा गया है शैडोकैम
इस सैटेलाइट से मिली पहली तस्वीर करीब एक साल बाद लोगों से शेयर की गई है. यही तस्वीर आज आप इस आर्टिकल में देख रहे हैं. शैडोकैम किसी अन्य कैमरे की तुलना में 200 गुना ज्यादा संवेदनशील है. इसलिए वह अंधेरे में हल्की सी रोशनी में भी शानदार फोटो लेता है. चांद का अंधेरे वाला हिस्सा रोशनी के लिए धरती से आने वाली रोशनी से चमकता है. शैडोकैम भी इसी चीज का फायदा उठाता है. ताकि उस हिस्से की बेहतर तस्वीर मिल सके.