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450 KM ऊंचाई पर होनी थी जबरदस्त टक्कर, टूट जाता NASA का स्पेस स्टेशन... ऐसे बाल-बाल बचा

NASA के अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से हाल ही में खत्म होने से बचा. उससे एक सैटेलाइट टकराने वाला था. टक्कर से बचने के लिए स्पेस स्टेशन ने जो काम किया, वो कभी-कभार ही होता है. अब स्पेस स्टेशन के लिए सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष में घूम रहा कचरा खतरा बनते जा रहे हैं. आइए जानें कैसे बचा स्पेस स्टेशन?

6 मार्च 2023 की शाम को होने वाली थी हैवी सैटेलाइट और स्पेस स्टेशन की टक्कर. (सभी फोटोः NASA/ROSCOSMOS) 6 मार्च 2023 की शाम को होने वाली थी हैवी सैटेलाइट और स्पेस स्टेशन की टक्कर. (सभी फोटोः NASA/ROSCOSMOS)
aajtak.in
  • ह्यूस्टन,
  • 10 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST

28 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पृथ्वी का चक्कर लगा रहा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) हाल ही में खतरे में था. पृथ्वी से करीब 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ने वाला स्पेस स्टेशन हमारे ग्रह के दिन में 16 चक्कर लगाता है. लेकिन 6 मार्च 2023 की शाम उसके सामने एक बड़ी मुसीबत आ रही थी. 

ये मुसीबत थी एक सैटेलाइट. अर्जेंटीना की. अगर उससे टक्कर होती तो स्पेस स्टेशन टूट सकता था. उस दिन Progress 83 रीसप्लाई वेसल स्पेस स्टेशन से जुड़ा हुआ है. स्पेस स्टेशन ने उस वेसल के इंजन को 6 मिनट के लिए ऑन किया. खुद की ऊंचाई बढ़ाई. यह पूरी प्रक्रिया करीब छह मिनट तक चली. तब जाकर सैटेलाइट से टक्कर बची. 

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हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के एस्ट्रोफिजिसिस्ट डॉ. जोनाथन मैकडोवेल ने कहा कि जो सैटेलाइट स्पेस स्टेशन से टकराने वाला था, उसे अर्जेंटीना ने साल 2020 में लॉन्च किया था. इसका नाम है Nusat-17. यह अर्जेंटीना के 10 कॉमर्शियल अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट में से एक है. इसे फिलहाल जियोस्पेशियल डेटा कंपनी सैटेलॉजिक चलाती है. 

डॉ. जोनाथन ने चिंता जताई कि Nusat-17 के दस सैटेलाइट्स की कक्षा लगातार बदल रही है. वह धीरे-धीरे स्पेस स्टेशन की ओर आ रहा है. ये खतरनाक बात है. दिसंबर 2022 में NASA ने एक रिपोर्ट दी थी जिसमें उसने बताया था कि स्पेस स्टेशन ने 1999 से अब तक सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष के कचरे से बचने के लिए 32 बार अपनी जगह बदली है. 

2021 में भी NASA ने स्पेस स्टेशन की जगह में परिवर्तन कराया था. रूस ने अपनी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से Cosmos 1408 सैटेलाइट को फोड़ दिया था. जिसका कचरा स्पेस स्टेशन के लिए खतरा बन गया था. ये बात नवंबर 2021 की है. इस कचरे से बचने के लिए स्पेस स्टेशन को दो बार अपनी जगह बदलनी पड़ी थी. 

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6 मार्च से 30 घंटे पहले ही सैटेलाइट कंपनी सैटेलॉजिक ने नासा को संभावित खतरे के बारे में बता दिया था. इसके बाद प्री-डिटरमिंड एवॉयडेंस मैन्यूवर (PDAM) की गणना की गई. तत्काल स्पेस स्टेशन पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित रहने के लिए कहा गया. नासा और रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस की टीम प्रोग्रेस-83 वेसल का इंजन ऑन करने के लिए तैयार बैठे थे. PDAM से 20 मिनट पहले इंजन ऑन किया गया. 

यह घटना तब हुई है जब स्पेस स्टेशन पर अभी लगातार हैवी ट्रैफिक रहेगा. यानी SpaceX क्रू ड्रैगन एंडेवर और क्रू-6 के सदस्य वहां होंगे. अगले हफ्ते क्रू-5 के लोग वापस धरती पर आएंगे. क्रू-6 के लोग स्पेस स्टेशन पहुंच जाएंगे. इसके बाद स्पेसएक्स सीआरएस-27 कार्गो ड्रैगन कैप्सूल भी 14 मार्च को जाने वाला है. यानी अगर ये घटना अगले हफ्ते होती तो दिक्कत और तबाही ज्यादा हो सकती थी. 

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