
NASA का सूर्य मिशन यानी पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) हाल ही में सूरज से निकलने वाली तीव्र सौर लहर में फंस गया. उसके कैमरे ने इस सौर लहर का वीडियो बना लिया. इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे पार्कर सोलर प्रोब के कैमरे के सामने से कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection - CME) निकल रहा है. उसकी रगड़ से किस तरह की आवाज निकल रही है.
इतने नजदीक से ली गई यह सौर तूफान की पहली तस्वीर या वीडियो है. CME सूरज के वायुमंडल से निकलने वाले सुपर-हॉट प्लाज्मा के भयानक विस्फोट से पैदा होती है. यह इतनी ताकतवर होती है कि अगर यह धरती तक पहुंच जाए, तो रेडियो ब्लैकआउट कर सकती है. इसके अलावा सैटेलाइट्स को नष्ट कर सकती हैं. बिजली के ग्रिड उड़ा सकती हैं. या उन्हें बंद कर सकती हैं.
NASA ने कहा कि पार्कर सोलर प्रोब से जो CME टकराई है, वो अब तक के सबसे ताकतवर सौर तूफानों में से एक रही है. अगर आप इसका वीडियो देखेंगे तो 14 सेकेंड के बाद सौर तूफान से पार्कर सोलर प्रोब टकराता है. उस समय प्रोब सौर लहर से दाहिनी दिशा में जा रहा है.
सौर तूफान को बर्दाश्त कर गया पार्कर
हैरानी इस बात की है कि वह इस सौर लहर में खुद को सुरक्षित बचा ले गया. साथ ही उसने फोटो ली और वीडियो भी बनाया. जॉन्स हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के मुताबिक सौर लहर यानी CME कई बार इतने ताकतवर मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती हैं, जो अरबों टन प्लाज्मा छोड़ती हैं. इनमें से कई तो 96.56 से 3057.75 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती हैं.
सबसे तेज चलने वाला अंतरिक्षयान है
सितंबर में ही इस टक्कर से पहले उसके आसपास जो सौर कण आ रहे थे, उनकी गति 1351.84 किलोमीटर प्रति सेकेंड थी. इस वीडियो और डेटा से वैज्ञानिकों को यह पता चलेगा कि ये कण कैसे बनते हैं. कैसे चलते हैं. पार्कर सोलर प्रोब असल में सूरज की स्टडी के लिए ही बनाया गया है. यह इतिहास का सबसे तेज चलने वाला अंतरिक्षयान है.
सूरज के सबसे नजदीक पहुंचने वाला यान
NASA के मुताबिक यह सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचने वाला प्रोब भी है. यह सूरज की सतह से 40 लाख किलोमीटर दूर चक्कर लगा रहा है. साथ ही सुरक्षित भी है. पार्कर सोलर मिशन सिस्टम इंजीनियर जिम किनिसन कहते हैं कि हमें पहले से पता है कि पार्कर सोलर प्रोब किसी भी तरह के सौर तूफान में काम कर सकता है.
सौर धूल की स्टडी में करेगा मदद
पार्कर सोलर प्रोब में खास तरह के हीटशील्ड लगे हैं. साथ ही ऑटोनॉमस सिस्टम है जो उसे सूरज के तूफाने से बचाते रहते हैं. पार्कर ने पहला सौर तूफान तब बर्दाश्त किया था, जब वह सूरज की सतह से 5.70 करोड़ किलोमीटर दूर था. इन सौर तूफानों की स्टडी करने से यह पता चलेगा कि अंतरिक्ष में ग्रहों के बीच जो सौर धूल उड़ती है, उसका क्या काम है. वह किसी भी ग्रह की ग्रैविटी, वायुमंडल या मैग्नेटिक फील्ड पर किस तरह से असर डालती हैं.