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NASA SpaceX Crew 9 Mission: सुनीता विलियम्स को वापस लाने वाले मिशन की सफल लॉन्चिंग, फरवरी में इसी से लौटेंगी जमीन पर

Sunita Williams Rescue Mission: सुनीता विलियम्स को धरती पर लाने वाला Crew-9 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है. स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की तरफ रवाना कर दिया गया है. अब इसी कैप्सूल से सुनीता और बुच विलमोर अगले साल फरवरी में धरती पर लौटेंगे.

नासा और स्पेसएक्स ने सुनीता विलियम्स को लाने के लिए क्रू-9 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. नासा और स्पेसएक्स ने सुनीता विलियम्स को लाने के लिए क्रू-9 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:55 PM IST

सुनीता विलियम्स को धरती पर लाने वाले NASA SpaceX Crew-9 Mission की सफल लॉन्चिंग हो गई है. लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केप केनवरल से की गई. इसमें ड्रैगन कैप्सूल को फाल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किया गया. पहले यह मिशन फिलहाल 24 सितंबर 2024 को लॉन्च किया जाना था. लेकिन मौसम की वजह से 28 सितंबर को लॉन्चिंग हुई.   

पहले इसमें चार एस्ट्रोनॉट्स जा रहे थे. अब सिर्फ दो ही जाएंगे. ताकि लौटते समय सुनीता और बुच को ला सकें. जिन दो एस्ट्रोनॉट्स को रोका गया है, उन्हें अगले मिशन के लिए असाइन कर दिया गया है. पहले के तय प्लान में इस मिशन की कमांडर जेना कार्डमैन थीं. पायलट निक हेग, मिशन स्पेशलिस्ट स्टेफनी विल्सन और रूसी कॉस्मोनॉट मिशन स्पेशलिस्ट एलेक्जेंडर गोरबुनोव जा रहे थे. 

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अब इसमें सिर्फ दोनों पुरुष एस्ट्रोनॉट्स यानी रूसी एस्ट्रोनॉट और एलेक्जेंडर गोरबुनोव और पायलट निक हेग भेजे गए हैं. दोनों महिला एस्ट्रोनॉट जेना कार्डमैन और स्टेफनी विल्सन इस मिशन में नहीं जा रही हैं, उन्हें अगले मिशन सौंप दिया गया है. 

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निक हेग बने मिशन कमांडर, ड्रैगन के लिए हटेगा स्टारलाइनर
 
पहले के मिशन पायलट निक हेग अब मिशन के कमांडर होंगे. एलेक्जेंडर के प्रोफाइल में कोई बदलाव नहीं है. क्रू-9 मिशन के ड्रैगन कैप्सूल को स्पेस स्टेशन से डॉक करने के लिए पहले वहां जगह बनाई जा रही है. ड्रैगन कैप्सूल को स्पेस स्टेशन पर जोड़ने के लिए स्टारलाइनर को पहले ही धरती पर भेज दिया गया है. अब उसकी जगह पर ड्रैगन कैप्सूल डॉक होगा. यह यान करीब सात घंटे में स्पेस स्टेशन तक पहुंच जाएगा. 

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क्या है Crew-9 स्पेस मिशन? 

यह NASA के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा है. SpaceX के साथ मिलकर स्पेस स्टेशन का 9 रोटेशनल मिशन है. ताकि स्पेस स्टेशन पर लगातार रिसर्च होती रहे. दुनिया को मौसम की सही जानकारी मिलती रहे. दो दशकों से ज्यादा समय से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हर समय कोई न कोई एस्ट्रोनॉट रहा है. वह कभी खाली नहीं रहा. इसलिए वहां पर लगातार एस्ट्रोनॉट्स को भेजा जाता रहा है.

जानिए क्या है ड्रैगन कैप्सूल, जिससे वापस आएंगी सुनीता

SpaceX का ड्रैगन क्रू कैप्सूल अपने बनने के बाद से अब तक 46 बार लॉन्च हो चुका है. 42 बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा की है. 25 बार रीफ्लाइट हुई है. इस कैप्सूल में एक बार में सात एस्ट्रोनॉट्स के बैठने की व्यवस्था है. यह दुनिया का पहला निजी स्पेसक्राफ्ट है, जो लगातार स्पेस स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स और कार्गो लेकर आता-जाता रहा है. खाली कैप्सूल का वजन 7700 किलोग्राम होता है.

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जब यह कार्गो और एस्ट्रोनॉट्स के साथ लॉन्च किया जाता है, तब इसकी अधिकतम वजन क्षमता 12,500 kg होती है. यह किसी ऑर्बिट में 6000 kg वजन पहुंचा सकता है. स्पेस स्टेशन तक यह 3307 kg वजन पहुंचा सकता है या वापस ला सकता है. आमतौर पर इसमें 2 से 4 एस्ट्रोनॉट्स बैठते हैं. इमरजेंसी में सात बैठ सकते हैं. 

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अपने दम पर ऑर्बिट में 10 दिन रह सकता है

अगर यह सिर्फ अपने दम पर धरती की निचली कक्षा में उड़ान भरे तो यह 10 दिन तक अंतरिक्ष में रह सकता है. लेकिन स्पेस स्टेशन से जोड़ दिया जाए तो यह 210 दिनों तक अंतरिक्ष में रह सकता है. ड्रैगन क्रू कैप्सूल की ऊंचाई 15 फीट है. लेकिन नीचे प्रोपल्शन सिस्टम को मिलाकर इसकी ऊंचाई 26.7 फीट हो जाती है. कैप्सूल के अंदर 13 फीट का व्यास और 12 फीट की चौड़ाई है. SpaceX ने इसके कई वैरिएंट बनाए हैं. अब तक 12 डैग्रन कैप्सूल बनाए जा चुके हैं. 6 क्रू, 3 कार्गो और 3 प्रोटोटाइप. 

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इस समय 8 ड्रैगन कैप्सूल ऑपरेशनल हैं, चार एस्ट्रोनॉट्स के लिए

इस समय कुल 8 ड्रैगन कैप्सूल ऑपरेशनल हैं. जिसमें से चार क्रू कैप्सूल हैं यानी एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पहुंचाने और वापस लाने के लिए. तीन कार्गो कैप्सूल यानी सामान के लिए. एक प्रोटोटाइप. तीन कैप्सूल रिटायर हो चुके हैं, जिसमें एक क्रू था और दो प्रोटोटाइप थे. 

2019 से लगातार भर रहा है सफलता की उड़ान

इस कैप्सूल की पहली मानवरहित उड़ान 2 मार्च 2019 में हुई थी. मानवयुक्त पहली उड़ान 20 मई 2020 को हुई थी. पहली कार्गो उड़ान 6 दिसंबर 2020 को हुई थी. इसे आमतौर पर स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 ब्लॉक 5 रॉकेट से लॉन्च किया जाता है. इसमें स्पेस स्टेशन तक जाने और वापस आने के लिए 2563 किलोग्राम ईंधन डाला जाता है.

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