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NASA ने मंगल और धरती पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए बनाई अनोखी हीटशील्ड, जानिए क्यों है खास

नासा (NASA) बहुत जल्द दुनिया के सामने अपना एक अनोखा प्रयोग करने जा रहा है. अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगल ग्रह और धरती पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए एक अनोखी इन्फ्लेटेबल हीटशील्ड (Inflatable Heat Shield) बनाई है. नासा का मानना है कि इससे भविष्य में होने वाले मिशन और भी सुरक्षित होंगे, क्योंकि स्पेसक्राफ्ट का ग्रहों के वातावरण में प्रवेश करना आसान नहीं होता.

इस हीटशील्ड से होगी सुरक्षित लैंडिंग (Photo: NASA) इस हीटशील्ड से होगी सुरक्षित लैंडिंग (Photo: NASA)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 09 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

नासा (NASA) और यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (ULA) ने मंगल ग्रह और धरती पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए एक अनोखी इन्फ्लेटेबल हीटशील्ड (Inflatable Heat Shield) बनाई है. नासा का दावा है कि यह प्रयोग आने वाले समय के स्पेस मिशन को बदलकर रख देगा. इस इन्फ्लेटेबल डिसेलेरेटर (Inflatable Decelerator-LOFTID) टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन के लिए, लो-अर्थ ऑर्बिट फ्लाइट टेस्ट किया जाएगा. 

डिसेलेरेटर एक इन्फ्लेटेबल क्रॉस-कटिंग एरोशेल है - इसे एक तरह का हीट शील्ड भी कह सकते हैं जो किसी भी मिशन के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करने के लिए इस्तेमाल की जाएगी. LOFTID का एरोशेल 6 मीटर व्यास या करीब 20 फीट का होगा.

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इस तकनीक का प्रदर्शन करने के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट फ्लाइट टेस्ट किया जाएगा. (Photo: NASA)

नासा को इसकी ज़रूरत क्यों पड़ी?

नासा के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है, वातावरण के बीच से किसी जगह पर भारी पेलोड पहुंचाना, जिसमें प्रयोग, भारी उपकरण और लोग, सभी शामिल होते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि मौजूदा कठोर एरोशेल, रॉकेट के आकार की वजह से बाधित होते हैं. इसलिए एक इन्फ्लेटेबल एरोशेल को भेजा जा सकता है, जो रॉकेट के आवरण से काफी बड़ा होगा. 

नासा का कहना है कि यह तकनीक मंगल, शुक्र और टाइटन जैसे ग्रहों और पृथ्वी पर सुरक्षित लौटने जैसे मिशन को और भी मजबूत बना सकती है.

एरोशेल 6 मीटर व्यास या करीब 20 फीट का होगा.​​​(Photo: NASA)

यह काम कैसे करेगा?

जब एक अंतरिक्ष यान वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो वायुगतिकीय बल (Aerodynamic Forces) ऊर्जा को गर्मी में बदलकर, इसे धीमा करने में मदद करते हैं. नासा का कहना है कि किसी भी अंतरिक्ष यान को धीमा करने के लिए यह सबसे सही तरीकों में से एक है. लेकिन कुछ ग्रह जैसे मंगल का वायुमंडल पृथ्वी की तुलना में बहुत कम घना है, वहां एरोडायनैमिक डिसेलेरेशन के लिए मुश्किल आ सकती है.

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स्पेसक्राफ्ट को डिसेलेरेट करने में मदद करेगी हीटशील्ड (Photo: NASA)

अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि वहां का वायुमंडल इतना घना तो है कि कुछ खिंचाव पैदा कर सकता है, लेकिन वह पृथ्वी के वायुमंडल की तरह इतना घना नहीं कि अंतरिक्ष यान को जल्दी से डिसेलेरेट कर दे. लेकिन LOFTID के बड़े एरोशेल के इस्तेमाल से, अंतरिक्ष यान को धीमा किया जा सकता है. नासा का मानना है कि यह बड़ा एयरोशेल मौजूदा छोटे कठोर एरोशेल की तुलना में ज्यादा ड्रैग बनाता है.

इस हीटशील्ड से ने वाले मिशन और सुरक्षित होंगे(Photo: NASA)

कब किया जाएगा टेस्ट?

LOFTID रीएंट्री व्हीकल को 1 नवंबर, 2022 को लॉन्च किया जाना है. यह ज्वाइंट पोलर सर्वेयर सिस्टम-2 के साथ, यूनाइटेड लॉन्च एलायंस एटलस V पर संयुक्त ध्रुवीय सर्वेक्षक प्रणाली-2 (JPSS-2) के साथ संयुक्त लॉन्च एलायंस एटलस वी पर सेकेंड्री पेलोड के रूप में लॉन्च होगा.

JPSS-2 के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद, LOFTID को लो अर्थ ऑर्बिट से रीएंट्री ट्रैजेक्टरी पर रखा जाएगा, ताकि यह पृथ्वी के वायुमंडल में डिसेलेरेशन और रीएंट्री की क्षमता प्रदर्शित कर सके.

 

इसके लिए नासा 11 अक्टूबर को एक मीडिया ब्रीफिंग करने जा रही है. इस मौके पर हीट शील्ड पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. यह ब्रीफिंग WebEx के माध्यम से आयोजित की जाएगी.


 

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