
भारत में इन दिनों बारिश का मौसम है. बिजली कड़क रही है और जगह-जगह बरसात हो रही है. ऐसे में आपको यह पता होना चाहिए कि बिजली से कैसे बचा जाए. दुनिया भर में हर साल करीब 24,000 लोग बिजली गिरने से मारे जाते हैं, वहीं 240,000 लोग घायल होते हैं.
लोगों को यह तो पता है कि आंधी-तूफान आए और बिजली कड़क रही हो तो पेड़ के नीचे या फिर खिड़की के पास खड़ा नहीं होना चाहिए और न ही कॉर्डेड फोन पर बात करनी चाहिए (मोबाइल फोन सुरक्षित हैं). लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान आपको न तो नहाना चाहिए, न शॉवर लेना चाहिए और न ही बर्तन धोने चाहिए? यह समझने के लिए, आपको पहले यह जानना होगा कि गरज और बिजली कैसे काम करती है.
गरज और बिजली का कनेक्शन
दो बुनियादी तत्वों की वजह से बादल गरजते हैं- नमी और बढ़ती गर्म हवा. ये दोनों गर्मियों में साथ-साथ चलते हैं. ज्यादा तापमान और ह्यूमिडिटी बड़ी मात्रा में नम हवा बनाती है जो वायुमंडल में ऊपर उठती है, जहां यह गरजना होती है.
बादलों में बहुत सारा पानी और बर्फ की बूंदें होती हैं और जब ये आपस में मिलते हैं, तो इससे बिजली पैदा होती है. पानी की बूंदें गिरती हुई बर्फ की बूंदों से टकराती हैं, वे उन पर एक निगेटिव चार्ज पास करती हैं और खुद में पॉज़िटिव चार्ज.
जब गरज के साथ बारिश होती है, तो बादल वैन डे ग्रैफ जनरेटर की तरह काम करते हैं, जो बादलों के अंदर बड़े पैमाने पर पॉज़िटिव और निगेटिव चार्ज को अलग अलग करते हैं.
जैसे ही गरजने वाले बादल पृथ्वी के ऊपर से गुजरते हैं, वे जमीन में एक विपरीत चार्ज उत्पन्न करते हैं, और इसी वजह से जमीन की तरफ बिजली या तेज रोशनी प्रहार करती नजर आती है. अपने आवेशों को संतुलित करने के लिए ये पॉज़िटिव और निगेटिव इलाकों के बीच डिसचार्ज करता है.
इस डिस्चार्ज का मार्ग अक्सर कम से कम प्रतिरोध (Resistance) वाला होता है, इसलिए जो चीजें ज्यादा कंडक्टिव होती हैं (जैसे धातु), उनमें तूफान के दौरान बिजली गिरने की संभावना ज्यादा होती है.
इसलिए कभी बादल गरजें, तो घर के अंदर जाना ही बेहतर होगा. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप तूफान से पूरी तरह सुरक्षित हैं. अंदर भी ऐसा बहुत कुछ हो सकता है जो बाहर के वातावरण की तरह खतरनाक हो.
नहाना क्यों नहीं चाहिए
अगर बारिश के दौरान आप बाहर नहा रहे हों, या बारिश में ही भीग रहे हों, तब तो आपपर बिजली गिरने का कोई डर नहीं. लेकिन इस दौरान अगर आपके घर पर बिजली गिरती है, तो बिजली जमीन पर कम से कम प्रतिरोध का रास्ता अपनाएगी.
पाइप में मेटल के तार या पानी जैसी चीजें बिजली को जमीन पर चलने के लिए एक सुविधाजनक रास्ता देती हैं. और शॉवर में पानी और धातु दोनों होते हैं, जिससे यह बिजली के लिए एक आदर्श मार्ग बन जाता है.
बिजली से बचने के लिए न करें ये काम
ऐसे में शॉवर बेहद खतरनाक हो जाता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि अगर बादल गरज रहे हों तो, बिजली कड़क रही हो तो घर में पानी का काम न करें, यहां तक कि धुलाई भी न करें.
आंधी-तूफान के दौरान और भी चीजें खतरनाक हो सकती हैं. जैसे कंक्रीट की दीवार से लग कर न खड़े हों. कंक्रीट कंडक्टिव नहीं है, लेकिन अगर बीच में सरिए होंगे तो बिजली को रास्ता मिल सकता है. ठीक इसी तरह बिजली के आउटलेट में प्लग की गई किसी भी चीज़ जैसे कंप्यूटर, टीवी, वाशिंग मशीन, डिशवॉशर का इस्तेमाल न करें.