
पृथ्वी पर सूक्ष्म जीवों (Microbes) की असंख्य प्रजातियां पाई जाती हैं. हाल ही में अमेरिका, स्वीडन और अल्जीरिया के शोधकर्ताओं ने कुछ नए तरह के बैक्टीरिया (Bacteria) की खोज की है. इन बैक्टीरिया के बारे में शोधकर्ताओं को लगता है कि बायोटेक्नोलॉजी उद्योग के लिए यह खोज बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है. इन बैक्टीरिया को अब तक इसलिए नहीं खोजा जा सका था, क्योंकि ये ज़मीन के सैकड़ों मीटर अंदर, भूमिगत गुफाओं में छिपे हुए थे.
ज़मीन के अंदर बैक्टीरिया की प्रजातियों का पाया जाना नया नहीं है. पृथ्वी पर हर चार में से कोई तीन सूक्ष्मजीव पृथ्वी की सतह के बजाय, अंदर रहते हैं. इन नए खोजे गए सूक्ष्मजीवों की खास बात यह है कि ये इस दुनिया की करीब 6 प्रतिशत आबादी के लिए यह काफी अहम साबित हो सकते हैं.
यह शोध माइक्रोबायोलॉजी स्पेक्ट्रम (Microbiology Spectrum) जर्नल में प्रकाशित हुआ है. स्वीडन की उमेआ यूनिवर्सिटी में ईकोलॉजी एंड इनवॉयरमेंटल साइंस विभाग की शोधकर्ता नटुस्का ली (Natuschka Lee) का कहना है कि हमें ऐसे स्ट्रेन मिले हैं जो एंटीमाइक्रोबियल पदार्थ (Antimicrobial substances) उत्पन्न करते हैं या जो ग्लूटेन (Gluten) को तोड़ सकते हैं. ग्लूटेन एक पदार्थ है जो कई लोगों की आंतों में जलन पैदा करता है. ये बैक्टीरिया हमारे पाचन तंत्र में होने वाली सबसे जटिल स्थितियों को सहन करने में भी सक्षम पाए गए हैं.
दूसरे शब्दों में कहें, तो इन नए खोजे गए बैक्टीरिया से ग्लूटेन एलर्जी के इलाज में मदद मिल सकती है. ऐसे और भी बैक्टीरिया पाए गए हैं जो लैक्टोज को तोड़ने में सक्षम होते हैं, जो पाचन संबंधी परेशानियों का एक और आम कारण होता है.
शोध में कहा गया है कि ज़मीन के अंदर के ईकोसिस्टम के बारे में बहुत कम जाना गया है, क्योंकि पृथ्वी की गहराइयों में जाना काफी मुश्किल होता है. अंदर पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव सतह से अलग होते हैं, इनमें सीमित पोषक तत्व होते हैं, और ये प्रकाश की कमी में जीते हैं.
शोधकर्ता अब इन भूमिगत वातावरणों में रुचि दिखा रहे हैं, क्योंकि इससे सिर्फ पृथ्वी ही नहीं, बल्कि अन्य ग्रहों जैसे मंगल ग्रह के ईकोसिस्टम को समझने में मदद मिल सकती है. ये मंगल पर जीवन की खोज करने में मददगार साबित हो सकते हैं.
इस अध्ययन में पाए गए बैक्टीरिया, सूक्ष्मजीवों के बेसिलस (Bacillus) समूह से संबंधित हैं. यह एक ऐसा समूह है जिसमें खुद को ज़िंदा रखने की गजब की क्षमताएं पाई जाती है. इसी के चलते, खगोल विज्ञान (Astrobiology) में इसका पहले से ही काफी अध्ययन किया गया है.
नई खोज अपने आप में काफी प्रभावशाली है. ये न केवल खाने-पीने से जुड़ी समस्याएं और प्रोबायोटिक ज़रूरतों वाले लोगों के लिए काफी काम आ सकती है, बल्कि यह पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीवन की विविधता में काफी अहम इनसाइट दे सकती है.