
चीन ने पहली बार कोविड-19 के सख्त नियमों को इस सर्दी में ढील दी. तीन साल से कड़े नियमों का पालन हो रहा था. जैसे ही ढील दी. इस बार सर्दियों की शुरूआत होते ही रहस्मयी निमोनिया फैलने लगा. पूरे देश में बच्चे बीमार हो रहे हैं. अस्पतालों में भीड़ बढ़ी हुई है.
चीन और बाकी देश-दुनिया के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर घबराने वाली तस्वीरें और वीडियो आ रहे हैं. अचानक से इस नई रहस्यमयी रेस्पिरेटरी बीमारी ने WHO तक को हिला दिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से इस बीमारी को लेकर सारी डिटेल्स मांगी हैं. क्योंकि ये बीमारी फैली कैसे? इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है.
बीमारी के फैलने का ट्रेंड भी स्पष्ट नहीं है. कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये लॉकडाउन संबंधी कड़े नियमों को हटाने के बाद का अस्थाई असर है. लेकिन चीन समेत पूरी दुनिया फिर से एक बार सहमी हुई है. इस बात का डर है कि ये रहस्यमयी बीमारी, जिसे निमोनिया कहा जा रहा है. न जाने कब तक और कैसे नियंत्रण में आएगी.
चीन की नई बीमारी के बारे में अब तक क्या पता चला?
- 13 नवंबर 2023 को चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि देश में एक नई रेस्पिरेटरी बीमारी फैली हुई है.
- 19 नवंबर 2023 को उत्तर चीन के बच्चों में रहस्यमयी निमोनिया मिला. इसकी खबर ProMED यानी प्रोग्राम फॉर मॉनिटरिंग इमरजिंग डिजीसेस ने अपने सर्विलांस के बाद बताई.
- ProMED की रिपोर्ट के मुताबिक यह नया संक्रमण बीजिंग और उससे 800 किलोमीटर उत्तर-पूर्वी शहर लियाओनिंग में फैल चुका है.
- 22 नवंबर 2023 को WHO ने चीन से पूछा कि नए आउटब्रेक के बारे में सारी डिटेल जानकारी दीजिए. क्लीनिकल सूचनाएं दें. साथी लेबोरेटरी में मिले रिजल्टस की जानकारियां भी शेयर करिए.
- अभी तक चीन ने इस बीमारी से संबंधित कोई भी आधिकारिक डेटा या जानकारी नहीं शेयर की है. बीजिंग के अस्पतालों में बच्चों के वार्ड भरे हुए हैं.
- बीजिंग के अस्पतालों में हर दिन करीब 1200 बच्चे और मरीज भर्ती हो रहे हैं. स्कूलों को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है.
- हेल्थ एक्सपर्ट इस बात से डरे हुए हैं कि जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ेंगी, ये बीमारी फैल सकती है.
चीन में क्यों फैल रहा है रहस्यमयी निमोनिया?
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के अधिकारियों और वैज्ञानिकों की माने तो यह रहस्यमयी बीमारी कोविड-19 से संबंधित नियमों में छूट देने का नतीजा है. कुछ लोग इसे लॉकडाउन एग्जिट वेव (Lockdown Exit Wave) भी कह रहे हैं. जैसा कि इंग्लैंड में देखने को मिला था.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जेनेटिक इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फ्रांस्वा बेलॉक्स ने कहा कि चीन इस समय इम्यूनिटी डेट (Immunity Debt) में है. जो उसे लगातार और लंबे लॉकडाउन और कड़े कोविड-19 नियमों की वजह से मिला है. इससे स्थानीय बीमारियों को रोकने में मदद तो मिली, लेकिन छूट देते ही ये तेजी से बाहर आ गए.
फ्रांस्वा ने कहा कि इस समय यह शक करना गलत होगा कि कोई नया पैथोजेन आया है. जो माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिए (Mycoplasma pneumoniae) की वजह से अभी दिक्कत हो रही है. वह आमतौर पर बच्चों को होता है. खासतौर से छोटे बच्चों को. आमतौर पर यह इतना नुकसान नहीं करता.
चीन की सरकार ने माइकोप्लाज्मा को भी फेफड़ों से संबंधित बीमारियों की सूची में डाल लिया है. इसके साथ रेस्पिरेटरी सिनशिटियल वायरस (RSV) और कोविड का वायरस सार्स-सीओवी-2 भी लिस्ट में हैं. वहीं, WHO ने चीन से इन तीनों सूक्ष्म जानलेवा जीवों के तात्कालिक पैटर्न और ज्यादा सूचना मांगी है.
कतर स्थित वील कॉर्नेल मेडिसिन में प्रोफेसर लैथ अबु-रदाद ने कहा कि चीन में फैली बीमारी से सतर्क रहने की जरूरत है. फिलहाल घबराने की नहीं. क्योंकि इस बीमारी ने अभी तक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार नहीं किया है. अगर यह इंटरनेशनल बॉर्डर पार करता है तो फिर चिंता की बात है. चीन की सरकार कह रही है कि वो उपयुक्त कदम उठा रही है.
सर्दियों को लेकर क्या कह रहा है WHO
चीन में मौजूद WHO की टीम ने चीन की सरकार को सलाह दी है कि फिर से कोविड-19 के कुछ नियमों का सख्ती से पालन किया जाए. हर इंसान करे. सैनिटाइजर का इस्तेमाल, मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग आदि. लियाओनिंग प्रांत में लोग चीन के पारंपरिक दवाओं वाले अस्पताल में इकट्ठा हो रहे हैं. वहीं डालियान स्थित बच्चों के अस्पताल में दो-दो घंटे इंतजार करने के बाद डॉक्टर किसी बच्चे को देख पा रहे हैं.
चीन की सरकार ने सर्दियों से बचकर रहने को कहा है. क्योंकि इस समय अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ भी हैरान और डरा हुआ है. क्योंकि बीमार होने वाले ज्यादातर बच्चे या फिर 18 साल से कम उम्र के युवा हैं. वैज्ञानिक ये कह रहे हैं कि कोविड-19 की वजह से बाकी लोगों में इम्यूनिटी आ गई. चाहे वह वैक्सीन से आई हो. या फिर संक्रमण के बाद वाली इम्यूनिटी. लेकिन बच्चों में ऐसा था नहीं. इसलिए उन्हें यह नई बीमारी अपने कब्जे में ले रही है.