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Nobel Prize: जिन्हें मिला कैमिस्ट्री का नोबेल, जानिए वो कौन हैं

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज (The Royal Swedish Academy of Sciences) ने रसायन विज्ञान के लिए 2022 के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी है. इस बार नोबेल तीन वैज्ञानिकों को साझा तौर पर दिया गया है. कैमिस्ट कैरोलिन आर. बर्टोज़ज़ी (Carolyn R. Bertozzi), मोर्टन मेल्डल (Morten Meldal) और के. बैरी शार्पलेस (K. Barry Sharpless) को नोबेल दिया गया है.

साझा तौर पर दिया गया इस बार कैमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार साझा तौर पर दिया गया इस बार कैमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

रसायन विज्ञान (Chemistry) में 2022 का नोबेल पुरस्कार कैरोलिन आर. बर्टोज़ज़ी (Carolyn R. Bertozzi), मोर्टन मेल्डल (Morten Meldal) और के. बैरी शार्पलेस (K. Barry Sharpless) को दिया गया है. ये साझा पुरस्कार उन्हें क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास के लिए दिया गया है. आइए जानते हैं कि इन वैज्ञानिकों के काम और निजी जीवन के बारे में 

कैरोलिन आर. बर्टोज़ज़ी (Carolyn R. Bertozzi)

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कैरोलिन आर. बर्टोज़ज़ी एक अमेरिकी कैमिस्ट हैं. उनका जन्म 10 अक्टूबर, 1966 को बॉस्टन में हुआ. इन्हें रसायन विज्ञान (Chemistry) और जीव विज्ञान (Biology) दोनों में किए गए उनके कामों के लिए जाना जाता है. जीवित प्रणालियों के साथ कैमिकल रिएक्शन के लिए 'बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री' शब्द उन्हीं ने दिया है.

55 वर्षीय कौरोलिन ने 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से स्नातक किया और 1993 में यूसी बर्कले से रसायन विज्ञान में पीएचडी की. सेलुलर इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में यूसीएसएफ में पोस्टडॉक्टरल काम पूरा करने के बाद, वह 1996 में यूसी बर्कले फैकल्टी में शामिल हो गईं. जून 2015 में, वे Sarafan ChEM-H में स्कॉलर के तौर पर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में संकाय में शामिल हुईं.

कौरोलिन Chemistry और Biology दोनों में महारथ हासिल है (Photo: Twitter)

प्रो. कौरोलिन की लैब कैंसर, सूजन और बैक्टीरियल इंफेक्शन से जुड़े सेल सरफेस ग्लाइकोसिलेशन में बदलावों पर केंद्रित है. उन्हें उनकी शोध उपलब्धियों के लिए कई सम्मान और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. वे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन, नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज और अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज की निर्वाचित सदस्य हैं. उन्हें लेमेल्सन-एमआईटी पुरस्कार, हेनरिक वेलैंड पुरस्कार और मैकआर्थर फाउंडेशन फैलोशिप से सम्मानित किया गया है.

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कैरोलिन बर्टोज़ी मैसाचुसेट्स के लेक्सिंगटन में पली-बढ़ी हैं. उनके पिता, विलियम बर्टोज़ी, MIT में फिजिक्स के प्रोफेसर थे.


मोर्टन मेल्डल (Morten Meldal) 

मोर्टन पी. मेल्डल एक डेनिश कैमिस्ट हैं. उनका जन्म 16 जनवरी 1954 को डेनमार्क में हुआ था. वह डेनमार्क में कोपेनहेगन युनिवर्सिटी में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर हैं. उन्हें CuAAC-क्लिक रिएक्शन करने के लिए जाना जाता है. 

उन्होंने 1981 में डेनमार्क टेक्निकल युनिवर्सिटी से कैमिकल इंजीनियरिंग में एमएससी की है. उन्होंने 1983 में डेनमार्क के इंस्टिट्यूट ऑफ ऑर्गैनिक कैमिस्ट्री से पीएचडी की. 1988 – 2011 तक वह इस युनिवर्सिटी में अलग-अलग पदों पर रहे. वह कार्ल्सबर्ग लैब में लीडर ऑफ सिंथेसिस रहे और 2003 में प्रोफेसर बने. उन्होंने कॉम्बिनेटरियल केमिस्ट्री और पेप्टाइड केमिस्ट्री में नई तकनीकों का विकास किया.

 

उनकी रुचि बायोऑर्गेनिक केमिस्ट्री और पॉलिमर, एंजाइमोलॉजी में विकास और जीपीसीआर में रही है. उन्हें राल्फ एफ. हिर्शमैन (Ralph F. Hirschmann) और विंसेंट डू विग्नॉड अवार्ड्स (Vincent du Vignaud Awards) सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल तुके हैं. वे सोसाइटी ऑफ कॉम्बिनेटोरियल साइंसेज के अध्यक्ष भी हैं.

के. बैरी शार्पलेस (K. Barry Sharpless)

कार्ल बैरी शार्पलेस एक अमेरिकी कैमिस्ट हैं. इनका जन्म 28 अप्रैल, 1941 को फ़िलाडेल्फ़िया
में हुआ. इन्हें स्टीरियोसेलेक्टिव रिएक्शन और क्लिक केमिस्ट्री पर उनके काम के लिए जाना जाता है. शार्पलेस को पहली बार नोब्ल नहीं मिला है, इससे पहले भी शार्पलेस को 2001 में चिरली उत्प्रेरित ऑक्सीकरण रिएक्शन (chirally catalysed oxidation reactions) पर उनके काम के लिए कैमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस बार उन्हें साझा तौर पर ये पुरस्कार मिला है. 

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 2001 में शार्पलेस को दिया गया था नोबेल (Photo: Twitter/Nobel Prize)

शार्पलेस का बचपन न्यू जर्सी में मानसक्वान नदी पर बीता, इसलिए उन्हें फिशिंग का बहुत शौक रहा है. उन्होंने 1959 में फ्रेंड्स सेंट्रल स्कूल से स्नातक की पढ़ाई की. शार्पलेस स्नातक के बाद मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन उनके शोध प्रोफेसर ने उन्हें रसायन विज्ञान में अपनी शिक्षा जारी रखने की सलाह दी. उन्होंने 1968 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ऑर्गैनिक कैमिस्ट्री में पीएचडी की.  उन्होंने जेम्स पी. कोलमैन के साथ स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (1968-1969) में पोस्ट-डॉक्टरेट किया और इसके बाद वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चले गए, जहां उन्होंने कोनराड ई. बलोच की लैब में एंजाइमोलॉजी पर स्टडी की. वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कई साल तक प्रोफेसर के पद पर रहे और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी प्रोफेसर रहे. स्टैनफोर्ड में रहते हुए, शार्पलेस ने शार्पलेस एसिमेट्रिक एपॉक्सीडेशन की खोज की.


 

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