
फिश फार्मिंग (Fish Farming) या एक्वाकल्चर (Aquaculture) उद्योग कभी न खत्म होने वाला उद्योग है और इसमें सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है. जलवायु परिवर्तन को देखते हुए इस दिशा में भी काम किया गया है, क्योंकि ये ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायक हैं.
आज बात करेंगे ओशन फार्म 1 (Ocean Farm 1) की, जो दुनिया का पहला ऑफ़शोर फिश फार्म (Offshore fish farm) है. यानी यह समुद्र के किनारे नहीं, बल्कि समुद्र के बीच में है. 2017 में ओशन फार्म 1 नॉर्वे के फ्रोवेट में लगाया गया था. इससे एक्वाकल्चर के नए युग की शुरुआत कहा गया.
चीन नें बनाया था पहला ओशन फार्म
यह प्रॉजेक्ट नॉर्वे के लिए चीन ने बनाया था. समुद्र में खड़ा ये स्ट्रक्चर एक मजबूत टेक्नोलॉजी का उदाहरण है. इसमें फुल स्केल पायलट फैसिलिटी है. यह मध्य नॉर्वे के तट से करीब 5 किमी दूर स्थित है. ये इतना मजबूत है कि 12 मैग्निट्यूड तक का भूकंप भी आराम से झेल सकता है.
यह दुनिया में सबसे बड़ी ऐसी संरचना है, जो 100 मीटर तक फैली है और समुद्र की सतह से 40 मीटर गहराई में हैं. इसमें एक साथ करीब 15 लाख सैल्मन मछलियां आ सकती हैं.
इस एडवांस फिश फार्म में कैमरे, ऑक्सीजन सेंसर और कई तरह के डिजिटल उपकरण लगे हुए हैं. इनसे मछलियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा डेटा इकट्ठा होता है. इसे बनाने वालों ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी तैरती प्रयोगशाला कहा है.
सबसे नई तकनीक है Guoxin 1
इसके बाद से एक्वाकल्चर की दिशा में बड़े पैमाने पर काम होना शुरू हो गया. हाल ही में चीन ने सबसे नया मोबाइल फिश फार्म बनाया है जिसका नाम Guoxin 1 है. यह फार्म देखने में बिलकुल एक जहाज की तरह लगता है. इसे 'स्मार्ट शिप' कहा जा रहा है.
यह 249.9 मीटर लंबा जहाज है. इसमें करीब 10 हजार टन मछलियां एक साथ आ सकती हैं. यह एक साल में करीब 3,700 टन मछली का उत्पादन करने में सक्षम है. कहा जाता है कि यह बेहद मजबूत जहाज खराब से खराब तूफान का सामना भी कर सकता है. इसमें दो स्विमिंग पूल हैं. इसे दक्षिण चीन सागर और पीले सागर क्षेत्र में चलाया जाएगा. कंपनी इस तरह के 50 और जहाज बनाने वाली है.
ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायक
असल में समुद्र में फिश फार्मिंग करने से क्लाइमेट फ्रेंडली प्रोटीन मिलता है, जिसमें ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम होता है. साथ ही इसमें भूमि की बहुत कम जरूरत होती है. एक्वाकल्चर से पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होता है. समुद्री तटों की हिफाजत होती है और अन्य प्रजातियों को घर भी मिलता है.
एक्वाकल्चर में भी ऐसे तरीके हैं जिसके इस्तेमाल से वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को हटाकर ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सकता है. 2050 तक वैश्विक आबादी के 1000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है और प्रोटीन की वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है. इस हिसाब से मरीन फार्मिंग बढ़ रही है और बेहतर हो रही है.