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आंध्र प्रदेश में मिला 41 हजार साल पुराना शुतुरमुर्ग का घोंसला, 3500 से ज्यादा अंडों के टुकड़े भी मिले

आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में शुतुरमुर्ग का 41 हजार साल पुराना घोंसला मिला है. इसे वड़ोदरा के आर्कियोलॉजिस्ट ने खोजा है. 9 से 10 फीट चौड़े घोंसले में 3500 से ज्यादा अंडों के प्राचीन टुकड़े मिले हैं.

ये है वो घोंसला जिसे पुरातत्वविद 41 हजार साल पुराना बता रहे हैं. ये है वो घोंसला जिसे पुरातत्वविद 41 हजार साल पुराना बता रहे हैं.
अपूर्वा जयचंद्रन/अब्दुल बशीर
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 26 जून 2024,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST

आंध्र प्रदेश में दुनिया का सबसे पुराना शुतुरमुर्ग का घोंसला मिला है. 41 हजार साल पुराने इस घोंसले को इंटरनेशनल वैज्ञानिकों की टीम ने प्रकाशम जिले में खोजा है. जहां पर यह घोंसला है, वह जगह प्राचीन जीवाश्मों का खजाना है. शुतुरमुर्ग के इस घोंसले की चौड़ाई करीब 9 से 10 फीट है. 

इस जिससे पता चलता है कि इस घोंसले में कितना बड़ा शुतुरमुर्ग या उसका परिवार रहता होगा. साथ ही इसके रहवास का सही आइडिया लगता है. इस घोंसले को खोजा है वडोदरा स्थित एमएस यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविदों ने. इसमें इनका साथ दिया है जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी वैज्ञानिकों ने. 

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एमएस यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ आर्कियोलॉजी एंड एनसिएंट हिस्ट्री के असिस्टेंट प्रोफेसर देवारा अनिलकुमार ने कहा कि यह खोज भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि यह एक मेगाफॉनल प्रजाति है. यहां पर हमें शुतुरमुर्ग के अंडों के 3500 से ज्यादा प्राचीन टुकड़े मिले हैं. यानी दक्षिण भारत में किसी समय शुतुरमुर्ग रहते थे. 

देवारा ने बताया कि और स्टडी करने पर यह भी पता चलेगा कि भारतीय प्रायद्वीप में शुतुरमुर्ग कैसे आया. कितने समय यहां रहे. क्योंकि इसके पहले की स्टडी में शिवालिक हिल्स और प्रायद्वीपीय भारत में शुतुरमुर्गों के होने के प्रमाण मिले हैं. जो कि हजारों साल पुराने हैं. इस स्टडी को लीकी फाउंडेशन से फंड मिला था. ताकि वैज्ञानिक इस प्राचीन पक्षी के हैबिटैट आदि को समझ सकें.  

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