
तारीख, 7 दिसंबर 2016... पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (PIA) की फ्लाइट 661 ने 3 बजकर 38 मिनट पर चित्राल एयरपोर्ट (Chitral Airport) से इस्लामाबाद एयरपोर्ट (Islamabad Airport) के लिए उड़ान भरी. यह दो इंजन वाला विमान था. इस प्लेन में 42 यात्री और 5 क्रू मेंबर्स सवार थे. जिनमें पाकिस्तानी सिंगर जुनैद जमशेद (Junaid Jamshed), उनकी पत्नी और बेटी भी शामिल थे.
प्लेन के कैप्टन थे 43 वर्षीय सलेह जांजुआ. उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर 40 वर्षीय अहमद मंसूर थे. दोनों ही काफी अनुभवी पायलट थे. चित्राल एयरपोर्ट बड़े-बड़े पहाड़ों से घिरा हुआ है. मौसम साफ था. लेकिन हल्के-हल्के बादल भी आसमान में थे. उड़ान भरते ही धीरे-धीरे यह विमान 13 हजार फीट की ऊंचाई पर जा पहुंचा.
कुछ ही मिनटों में प्लेन इस्लामाबाद पहुंचने वाला था. इस्लामाबाद के ATC ने कहा कि आप 9 हजार फीट की ऊंचाई पर आ जाइये. अब तक प्लेन में सब कुछ ठीक चल रहा था. प्लेन 9 हजार फीट की ऊंचाई में आने लगा. वहीं, ATC इंतजार कर रहा था कि PIA 661 उन्हें अपडेट देगा कि वो 9 हजार की ऊंचाई पर आ चुका है.
कुछ देर बाद उन्हें PIA 661 से कॉल आया. कैप्टन ने घबराते हुए कहा 'मेडे मेडे मेडे... हम एक इंजन खो चुके हैं'. ATC ने कहा कि ठीक है आप एयरपोर्ट की तरफ बढ़ते रहिए. तभी ATC के पास दूसरे विमान के पायलट का कॉल आ गया. उस विमान को भी इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर ही लैंड करना था.
तभी एटीसी ने PIA 661 को फिर से कॉल किया और कहा कि आप हमें दोबारा कन्फर्म कीजिए कि आपका एक इंजन फेल हो चुका है. कैप्टन ने कन्फर्मेशन देते हुए कहा 'हां'. एटीसी ने उन्हें कहा कि आप रनवे 30 पर विमान को लैंड करवा सकते हैं. लेकिन उससे पहले अपने ट्रांसपोंडर को ऑन कीजिए.
बार-बार ट्रांसपोंडर ऑन करने के लिए कहता रहा ATC
इस पर पायलट का कोई जवाब नहीं आया. फिर थोड़ी देर बाद कैप्टन ने दोबारा एटीसी को कॉल करके कहा 'मेडे मेडे मेडे... हम मुसीबत में हैं'. बता दें, Mayday कॉल तब की जाती है जब कोई विमान खतरे में होता है. एटीसी ने दोबारा उन्हें ट्रांसपोंडर ऑन करने के लिए कहा. कैप्टन ने उसे ऑन भी किया लेकिन एटीसी बार-बार उन्हें यही कहता रहा कि आपका ट्रांसपोंडर ऑन नहीं है. इस वजह से हम आपको रडार पर लोकेट नहीं कर पा रहे हैं.
बता दें, ट्रांसपोंडर ही एक ऐसा जरिया होता है जिससे ATC प्लेन की लोकेशन देख पाता है. अगर ये ऑन नहीं हुआ तो एटीसी प्लेन की लोकेशन नहीं देख पाता. और ऐसे में वह पायलट को गाइड भी नहीं कर पाता.
एटीसी ने दो रनवे करवाए खाली
ट्रांसपोंडर में शायद कहीं दिक्कत आ गई थी इस वजह से एटीसी के पास प्लेन की लोकेशन नहीं आ पा रही थी. कैप्टन ने तब एटीसी को बताया कि वे विक्टर माइक (एक प्वाइंट) में हैं. इसी तरह करीब दो मिनट बीत गए. एटीसी ने एयरपोर्ट ने दो रनवे खाली भी करवा दिए. अब इंतजार था तो बस प्लेन की लैंडिंग का. एटीसी बार-बार कहता रहा कि हमनें रवने 12 और रनवे 30 खाली करवा दिया है. आप इनमें से किसी भी रनवे पर विमान की लैंडिंग करवा दीजिए. लेकिन पायलट का कोई जवाब नहीं आया.
47 लोगों की जिंदा जलकर मौत
फिर 4 बजकर 15 मिनट पर एटीसी को एक जोरदार धमाके की आवाज आई. यानि प्लेन क्रैश हो चुका था. लेकिन एटीसी को ये तक नहीं पता चल सका कि प्लेन कहां क्रैश हुआ है. उधर प्लेन क्रैश होते ही वह सैकड़ों टुकड़ों में बंट गया और वहां आग लग गई. जहां ये हादसा हुआ वहां कुछ लोगों ने दूर से इसे देखा भी. लेकिन वे वहां जा नहीं पाए क्योंकि आग इतनी भयानक लगी थी कि कोई भी वहां नहीं जा सकता था.
इस तरह प्लेन क्रैश में सभी यात्री और क्रू मेंबर्स जिंदा जल गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. उधर एटीसी ने प्लेन क्रैश का पता लगाने के लिए हेलिकॉप्टर को भेजा. उससे उन्हें लोकेशन पता चली. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. प्लेन सवाल 47 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी.
जिस जगह प्लेन क्रैश हुआ था वो एक पहाड़ी थी. इसलिए वहां रेस्क्यू करना काफी मुश्किल भरा था. दो दिन तक लाशों को ढूंढ-ढूंढ कर निकाला गया.
विमान को लेकर हुए कई खुलासे
इस हादसे के बाद पाकिस्तान के सिविल सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन ने यह दावा किया कि PIA में मिसमैनेजमेंट होता है. इसी कारण से यह विमान हादसा हुआ. पायलट की मां ने भी कहा कि यह प्लेन उड़ने के लायक नहीं था. फिर भी इसे उड़ाया जा रहा था. इस हादसे के दो दिन बाद PIA के कई पायलट्स ने फ्लाइट उड़ाने तक से मना कर दिया था. क्योंकि उनका मानना था कि PIA विमानों की अच्छे से मेंटेनेंस नहीं करवाता है, जिससे इस तरह के हादसों का खतरा बना रहता है.
बता दें, इस हादसे के बाद PIA विमानों को लेकर हर कोई बात करने लगा. जिससे PIA की काफी बदनामी होने लगी. यह सब देखते ही हादसे के 6 दिन बाद PIA के चेयरमैन अजयम सेहगल ने रिजाइन कर दिया. जिसके बाद पाकिस्तान सिविल एविएशन ने पूरा भार संभाला.
आखिर क्यों और कैसे हुआ ये हादसा. कहां किसकी क्या गलती रही. चलिए जानते हैं विस्तार से...
पहली गलती
पहली गलती एटीसी से हुई. जब PIA 661 ने उन्हें Mayday कॉल किया तो एटीसी को चाहिए था कि वे उनसे ही उस समय कोआर्डिनेट करें. क्योंकि PIA 661 का एक इंजन फेल हो चुका था. लेकिन एटीसी ने ऐसा नहीं किया और वे दूसरे विमान के पायलट से भी कोआर्डिनेट करते रहे. बता दें, इस तरह के इमरजेंसी प्लेन को एक अलग फ्रिक्वेंसी दे दी जाती है. ताकि कोई भी दूसरे प्लेन के पायलट उस फ्रिक्वेंसी में कोई भी रेडियो कॉल न करें. लेकिन एटीसी ने ऐसा नहीं किया.
दूसरी गलती
दूसरी गलती ये थी कि एटीसी ने पायलट से एक बार भी यह नहीं पूछा कि आपको समस्या क्या आ रही है. बता दें, यह विमान डबल इंजन था. अगर एक इंजन इसका खराब हो भी जाए तो दूसरे इंजन की मदद से भी इसे उड़ाया जा सकता है. ऐसे में मेडे कॉल कैप्टन द्वारा नहीं की जाती.
लेकिन यहां कैप्टन ने दो बार मेडे कॉल की. यानि इंजन फेलियर के अलावा भी प्लेन में कोई और दिक्कत थी. जिसे एटीसी ने पूछा ही नहीं. एटीसी कैप्टन को बस एक ही बात कहता रहा कि ट्रांसपोंडर को ऑन करो. उसने असल मुद्दे पर बात ही नहीं की.
तीसरी गलती
जांच टीम को भी हादसे का असल कारण नहीं पता चला तो उन्होंने इस प्लेन का इतिहास निकाला. फिर जो बात सामने आई उससे सबके होश उड़ गए. दरअसल, यह प्लेन उड़ाने लायक था ही नहीं. इसके इंजन के ब्लेड में डेंट था. इंजन बनाने वाली कंपनी ने इस विमान को लेकर पहले ही कह दिया था कि यह प्लेन उड़ाने लायक नहीं है. क्योंकि इंजन के ब्लेड की लाइफ 10 हजार घंटे होती है.
यह विमान काफी पुराना था. इसका इंजन 2007 में बदला गया था. साल 2015 में इसके इंजन को दोबारा बदला जाना था. लेकिन PIA ने लापरवाही दिखाई और इसमें नए ब्लेड लगाने के बयाय स्टोर में पड़े पुराने ब्लेड को ही लगा दिया. जिस कारण यह हादसा हुआ.