
मिल्की वे (Milky Way) में पाए गए एक्सोप्लैनेट्स में से एक में, एक दिलचस्प चीज़ देखने को मिली है. खगोलविदों को एक्सोप्लैनेट KELT-9b के वातावरण में एक वाष्पीकृत धातु के बादल दिखाई दिए हैं. ये एक दुर्लभ मेटल है जो पृथ्वी पर भी पाया जाता है. इसका नाम है टेरबियम (Terbium). ऐसा पहली बार है कि यह बेहद दुर्लभ तत्व किसी एलियन दुनिया में पाया गया है.
टीम ने यहां वैनेडियम, बेरियम, स्ट्रोंटियम, निकल और अन्य तत्वों की खोज भी की है. जिससे उन्होंने पिछली खोजों की पुष्टि की और कहा कि KELT-9b पर जो कुछ भी हो रहा है वह वास्तव में बहुत अजीब है.
स्वीडन के एस्ट्रोफिजिसिस्ट निकोलस बोर्सेटो (Nicholas Borsato) का कहना है कि हमने एक नए तरीके की खोज की है जिससे हमें और बेहतर जानकारी मिली है. इसका इस्तेमाल करके, हमने दुर्लभ पदार्थ टेरबियम समेत, सात तत्वों का पता लगाया है. टेरबियम अब तक किसी भी एक्सोप्लैनेट के वातावरण में पहले कभी नहीं पाया गया. एक एक्सोप्लैनेट के वातावरण में टेरबियम का मिलना बहुत ही हैरान करने वाली बात है.
KELT-9b करीब 670 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है और वास्तव में यह सबसे दूर एक्सोप्लैनेट्स में से एक है. इसे 'हॉट ज्यूपिटर' (Hot Jupiter) या गर्म बृहस्पति भी कहा जाता है. गैस का एक विशालकाय ग्रह अपने होस्ट तारे के साथ इतनी करीबी ऑर्बिट में बंद है कि इसका तापमान बहुत ज़्यादा हो जाता है.
KELT-9b सिर्फ 1.48 दिनों की बेहद छोटी सी ऑर्बिट में एक नीले सुपरजायंट तारे का चक्कर लगाता है - जो कि वहां सबसे गर्म तारों में से एक है. इसका इतना करीब होना ही इस ग्रह को बहुत ज़्यादा वाष्पीकृत कर रहा है. दिन के समय, KELT-9b 4,327 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा तापमान तक गर्म हो जाता है. यह किसी एक्सोप्लैनेट में देखा गया अब तक का सबसे गर्म तापमान है. यह सभी ज्ञात तारों के कम से कम 80 प्रतिशत से ज़्यादा गर्म है.
हमारे लिए अच्छी बात यह है कि KELT-9b इस तरह से परिक्रमा करता है कि यह हमारे और तारे के बीच से होकर गुजरता है. इसी वजह से वैज्ञानिक इसके वातावरण का पता लगा सके.
जब तारों का प्रकाश KELT-9b के वातावरण से होकर गुजरता है, तो प्रकाश की कुछ वेवलेंथ गैस में मौजूद परमाणुओं द्वारा एबज़ॉर्ब और रीएमिट कर ली जाती हैं. तब बहुत छोटा सिग्नल मिलता है, लेकिन जब ग्रह चल रहा हो, तो खगोलविद तारे के प्रकाश के स्पेक्ट्रम पर चमकते और गहरे हिस्सों को देखने के लिए संकेत को एंप्लीफाई कर सकते हैं. वैज्ञानिक इन गहरे और हल्के हिस्सों को देख सकते हैं और यह पता लगा सकते हैं कि कौनसे तत्व प्रकाश में बदलाव कर रहे हैं.
इस डेटा के साथ, KELT-9b पहला एक्सोप्लैनेट बन गया है जिसके वातावरण में 2018 में लोहे और टाइटेनियम का पता चला था. फिर, एक साल बाद, वैज्ञानिकों ने घोषणा की कि उन्हें सोडियम, मैग्नीशियम, क्रोमियम और दुर्लभ पृथ्वी धातु स्कैंडियम और येट्रियम भी मिले हैं. अब, बोर्सैटो और उनकी टीम को KELT-9b और उसके होस्ट तारे के स्पेक्ट्रम में पाए जाने वाले तत्वों के बारे में और भी ज़्यादा जानकारी मिली है.
टेरबियम की परमाणु संख्या 65 है. और इसका वहां मिलना एक आश्चर्य था. यहां पृथ्वी पर यह तत्व बेहद दुर्लभ है. यह यहां बाकी तत्वों के साथ पाया जाता है. आज तक किसी भी प्राकृतिक टेरबियम-डॉमिनेंट मिनरल की पहचान नहीं की गई है. पृथ्वी के क्रस्ट में यह करीब 0.00012 प्रतिशत है.
इसे दूसरी दुनिया में खोजना दिलचस्प है, क्योंकि टेरबियम जैसे भारी तत्वों को सिर्फ सुपरनोवा विस्फोट या दो न्यूट्रॉन तारों के बीच की टक्कर जैसी परिस्थितियों में ही बनाया जा सकता है. इस शोध को Astronomy & Astrophysics जर्नल में प्रकाशित करने के लिए स्वीकार कर लिया गया है. यह फिल्हाल arXiv पर उपलब्ध है.