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जर्मनी में खोजी गईं पाषाण और मध्य युग की कब्रें, उनमें मिले मिट्टी के बर्तन, हथियार और गहने

जर्मनी (Germany) में डेन्यूब नदी (Danube River) के पास पुरातात्विक खजाना पाया गया है. यहां पाषाण युग और मध्य युग की कब्रें मिली हैं, जिनमें बहुत सा सामान पाया गया है. इनमें मिट्टी के बर्तन के साथ-साथ हथियार और गहने भी मिले हैं. शुरुआती मध्य युग की ये140 कब्रें 500 और 600 ईस्वी के बीच की बताई जा रही हैं.

कब्रों में मृतकों के साथ हथियार और गहने भी दफ्न किए जाते थे (Photo: State Office for the Preservation of Monuments in the RPS/Yvonne Mühlei) कब्रों में मृतकों के साथ हथियार और गहने भी दफ्न किए जाते थे (Photo: State Office for the Preservation of Monuments in the RPS/Yvonne Mühlei)
aajtak.in
  • बर्लिन,
  • 27 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

जर्मनी (Germany) में डेन्यूब नदी (Danube River) के पास पाषाण युग और मध्य युग की कब्रों से मिट्टी के बर्तन मिले हैं. इतना ही नहीं, कब्रों में से तलवार और गहने भी मिले हैं. इस पुरातात्विक खजाने से मानव निवास के एक लंबे इतिहास का खुलासा हुआ है.

साइट पर, दक्षिण-पश्चिमी जर्मनी में टटलिंगेन (Tuttlingen) के गीसिंगेन-गुटमाडिंगेन (Geisingen-Gutmadingen) जिले में, पुरातत्वविदों ने नवपाषाण या पाषाण युग (Stone Age) की एक कब्र खोजी है, जो तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व की है. इस कब्र में कॉर्डेड वेयर (Corded Ware) संस्कृति के खास मिट्टी के बर्तन मिले हैं. इतना ही नहीं, उन्हें शुरुआती मध्य युग की 140 कब्रें भी मिलीं, जो 500 और 600 ईस्वी के बीच की थीं. इनमें तलवारें, भाले, ढाल, हड्डी की कंघी, पानी पीने के गिलास और झुमके जैसे सामान शामिल हैं.

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 कब्र में से मिले मिट्टी के बर्तन (Photo: Landesamt für Denkmalpflege im RPS /Yvonne Mühleis)

पुरातत्व फर्म आर्कियोटास्क जीएमबीएच (ArchaeoTask GmbH) की एक टीम ने डेन्यूब नदी के पास के एक इलाके में ये खोज की, जहां तालाब बनाने की योजना पर काम किया जा रहा था. मेयर मार्टिन नंबरगर (Martin Numberger) का कहना है कि हम हमारे गुटमाडिंगेन जिले को जितना पुराना समझते थे ये उससे कहीं ज्यादा पुराना है. इस जिले कि पुराने लिखित रिकॉर्ड के आधार पर इस जिले को 1273 के दौर जितना पुराना माना जाता था. 

जर्मनी में दुर्लभ हैं ऐसी कब्रें

पाषाण युग की कब्र कॉर्डेड वेयर लोगों की तरफ इशारा करती है, जिन्हें फिलहाल अपने ज्योमेट्रिक लाइनों वाले मिट्टी के बर्तनों के लिए जाना जाता है. ये लोग मिट्टी में तार डालकर उन्हें सूखने देते हैं. ये लोग शायद चरवाहे थे जो गाय और भेड़ जैसे जानवरों को पालते थे. इनमें कुछ लोग जौ जैसी फसलों की खेती भी करते थे. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, इस अवधि की कब्रें दक्षिण-पश्चिमी जर्मनी में दुर्लभ हैं.

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पुरातन और शुरुआती मध्य युग के बीच के समय के हैं कब्रें

शुरुआती मध्य युग की कब्रें पश्चिमी रोमन साम्राज्य के अंत के बाद की सदी की हैं, जो 476 ईस्वी की बताई जा रही हैं. यह अवधि उस समय का हिस्सा है जिसे प्रवासन काल या वोल्करवांडरंग (Völkerwanderung) के तर पर जाना जाता है. इस दौरान यूरोप में अलग-अलग जनजातियां इधर से उधर जा रही थीं, एक दूसरे पर विजय प्राप्त कर रही थीं और वे अपने-अपने इलाके बसा रहे थे. इतिहासकार इस दौर को पुरातन और शुरुआती मध्य युग के बीच का बदलाव मानते हैं.

जर्मनी में पाई गईं इस अवधि की बाकी कब्रों में देखा गया कि पुरुषों को अक्सर हथियारों के साथ दफनाया जाता था. वहीं महिलाओं को गहनों और मोतियों के साथ. किसी खास गांव या इलाके को जीतने के बाद कभी-कभी दफनाने की रस्में बदल जाती थीं. जैसे, अलेमन्नी नाम के एक जर्मन जनजाति को 496 ईस्वी में फ्रैंक्स ने हराया था, इसके बाद वे मेरोविंगियन के डची में मिल गए.

 

इस बदलाव के दौरान, अलेमन्नी अपने घरों के मृतकों को एक साथ कब्रों में दफने लगे, जिसे एडेल्सग्रेबल (adelsgrablege) कहा जाता है, जिसका मतलब होता है कुलीन कब्रें (Noble grave). इनमें हथियार और गहने जैसे सामान भी रखे जाते थे. 580 से 630 ईस्वी के बीच की ऐसी ही एक कब्र पर 2018 में एक शोध किया गया था. इसमें पाया गया कि घर के सदस्यों का खून से संबंधित होना जरूरी नहीं था. परिवार में गोद लिए गए सदस्यों को भी वही सम्मान दिया जाता था जो परिवार में जन्म या विवाहित लोगों को दिया जाता था. 

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